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नरमा के किसान नरमा बेचने से पहले ये रिपोर्ट जरूर देख लें | नरमा कपास की तेजी मंदी रिपोर्ट

नरमा के किसान नरमा बेचने से पहले ये रिपोर्ट जरूर देख लें | नरमा कपास की तेजी मंदी रिपोर्ट
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किसान भाइयों, भारत में कपास का उत्पादन किसानों और उद्यमियों के लिए आर्थिक स्थिति को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। कपास का उत्पादन कृषि और उद्योग दोनों के लिए अहम भूमिका निभाता है। चालू फसल सीजन 2024-25 में कपास उत्पादन से जुड़ी ताजा रिपोर्ट के अनुसार, उत्पादन में कमी देखी जा रही है। एक तरफ जहां कपास के दामों को लेकर किसानों के चेहरे पर संतोष दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ बारिश से कपास की फसल प्रभावित होने के कारण किसानों के चेहरे पर कुछ मायूसी भी नजर आ रही है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार, इस वर्ष कपास उत्पादन का अनुमान 302.25 लाख गांठ (1 गांठ = 170 किलो) है, जो पिछले सीजन 2023-24 के 325.29 लाख गांठ से कम है। कपास के उत्पादन में आई कमी का कारण कपास की बिजाई का रकबा कम होना और बेमौसम तथा जरूरत से अधिक बारिश होना बताया जा रहा है। इसके अतिरिक्त घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कपास की बढ़ती मांग और उत्पादन में कमी के कारण कपास के भाव में कुछ तेजी की उम्मीद जताई जा रही है। आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से कपास के दामों में निरंतर तेजी बन रही थी, लेकिन फिलहाल कपास के दामों में स्थिरता दिखाई दे रही है। अगर दिवाली के त्योहार तक कपास के भाव में उछाल आता है, तो दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक कपास के भावों में अच्छी-खासी तेजी बनने की उम्मीद है। यह अनुमान इसलिए भी लगाया जा रहा है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कपास की मांग में बढ़ोतरी देखी जा रही है, खासकर बांग्लादेश में, जिसके कारण भारतीय कपास का सबसे अधिक निर्यात बांग्लादेश में हुआ है। साप्ताहिक रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल कपास के भाव स्थिर अवस्था में बने हुए हैं। आज की रिपोर्ट में हम कपास के उत्पादन, मंडी के ताजा भाव और भविष्य की समीक्षा पर चर्चा करेंगे, तो आइए जानते हैं कपास के बाजार में चल रही हलचल के बारे में विस्तार से इस रिपोर्ट के जरिए।

किसान भाइयों, इस बार उत्तर भारत में कपास का उत्पादन और मंडी भाव में थोड़ी स्थिरता दिखाई दी है, जिसके कारण किसानों में कुछ नाराजगी का माहौल है क्योंकि उत्तर भारत के किसानों को उम्मीद के अनुसार कपास के भाव नहीं मिल रहे हैं। उत्तर भारत का उत्पादन और मंडी भाव आज कुछ इस प्रकार रहा:
पंजाब:
उत्पादन का अनुमान: 3 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹6,200 से ₹6,500 प्रति क्विंटल

हरियाणा:
उत्पादन का अनुमान: 12 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹6,000 से ₹6,400 प्रति क्विंटल

अपर राजस्थान:
उत्पादन का अनुमान: 11.50 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹6,300 से ₹6,700 प्रति क्विंटल

लोअर राजस्थान:
उत्पादन का अनुमान: 9.50 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹6,500 से ₹6,800 प्रति क्विंटल

किसान भाइयों, मध्य भारत में कपास का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है। मध्य भारत का कपास उत्पादन और मंडी भाव घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करते हैं, क्योंकि मध्य भारत को हमारे देश में कपास उत्पादन का केंद्रीय बिंदु माना जाता है। मध्य भारत में पिछले सप्ताह की तुलना में इस सप्ताह कपास के भाव में मामूली तेजी नजर आई है, खासकर महाराष्ट्र में, जहां मौसम के प्रभाव का असर देखा गया। मध्य भारत में कपास का उत्पादन और मंडी भाव आज कुछ इस प्रकार रहे:
गुजरात:
उत्पादन का अनुमान: 80 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹6,000 से ₹6,400 प्रति क्विंटल

महाराष्ट्र:
उत्पादन का अनुमान: 90 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹5,800 से ₹6,300 प्रति क्विंटल

मध्य प्रदेश:
उत्पादन का अनुमान: 19 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹5,900 से ₹6,200 प्रति क्विंटल

किसान साथियों, अगर दक्षिण भारत के कपास के उत्पादन और भावों की बात की जाए तो दक्षिण भारत में कपास के दाम पिछले सप्ताह की अपेक्षा स्थिर बने हुए हैं, जबकि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कपास के दामों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। दक्षिण भारत का उत्पादन और मंडी भाव ताजा जानकारी इस प्रकार है:
तेलंगाना:
उत्पादन का अनुमान: 34 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹6,100 से ₹6,500 प्रति क्विंटल

आंध्र प्रदेश:
उत्पादन का अनुमान: 12 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹6,000 से ₹6,400 प्रति क्विंटल

कर्नाटक:
उत्पादन का अनुमान: 22 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹5,900 से ₹6,200 प्रति क्विंटल

तमिलनाडु:
उत्पादन का अनुमान: 4 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹6,000 से ₹6,300 प्रति क्विंटल

दोस्तों, देश के कुछ अन्य राज्यों का कपास उत्पादन और मंडी भाव इस प्रकार है:
ओडिशा:

उत्पादन का अनुमान: 3.25 लाख गांठ
मंडी भाव: ₹5,900 से ₹6,200 प्रति क्विंटल

अन्य राज्य:
उत्पादन का अनुमान: 2 लाख गांठ

बकाया स्टॉक और आयात
किसान भाइयों, अगर कपास के बकाया स्टॉक की बात करें, तो इस महीने की पहली तारीख यानी 1 अक्टूबर 2024 तक देश में कपास का बकाया स्टॉक 30.29 लाख गांठ था। इसके साथ ही, चालू सीजन में 25 लाख गांठ कपास के आयात होने की संभावना है। इससे कुल उपलब्धता 357.54 लाख गांठ तक पहुँचने का अनुमान है, जिससे कपास की घरेलू पूर्ति और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

घरेलू खपत और निर्यात
किसान भाइयों, अगर कपास की घरेलू खपत और निर्यात की बात की जाए तो ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन में कपास की कुल घरेलू मांग 313 लाख गांठ तक पहुँचने की उम्मीद है। पिछले साल भारत ने 15.50 लाख गांठ कपास का निर्यात किया था, जबकि इस साल भारतीय कपास का निर्यात 18 लाख गांठ तक पहुँचने का अनुमान है। अगर घरेलू बाजार में कपास का उत्पादन बढ़ता है तो निर्यात का आंकड़ा 30 लाख गांठ तक पहुँच सकता है। इसकी सबसे बड़ी वजह विदेशी बाजारों में भारतीय कपास की तेजी से बढ़ती मांग बताई जा रही है। फिलहाल घरेलू और वैश्विक बाजारों में कपास की मांग में स्थिरता दिखाई दे रही है।

भविष्य की समीक्षा
किसान साथियों, कपास के उत्पादन में कमी और हाल की बेमौसम बारिश ने इस सीजन में कपास की कीमतों पर असर डाला है। आगामी हफ्तों में, यदि मौसम में स्थिरता रहती है, तो उत्पादन अनुमान में सुधार हो सकता है, लेकिन यदि मौसम प्रतिकूल रहता है तो उत्पादन में और कमी आने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की मांग और घरेलू उद्योग की जरूरतों के आधार पर मंडी भाव में उछाल देखा जा सकता है। बुआई क्षेत्र में कमी और अनियमित मौसम इस सीजन की प्रमुख चुनौतियाँ बनी रहेंगी। अगर दिवाली तक कपास के भाव में तेजी आती है, तो आगे दिसंबर के मध्य तक कपास के दामों में अच्छा खासा उछाल देखने को मिल सकता है। किसान भाई अपनी कपास को जरूरत के हिसाब से थोड़ा-थोड़ा निकाल सकते हैं।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और इंटरनेट के माध्यम से इकट्ठा की गई है। मंडी और बाजार की स्थिति में प्रतिकूल परिस्थितियों में बदलाव के कारण मूल्यों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वे व्यापार अपने जोखिम और संयम से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।