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अगस्त महीने में करोड़पति बनाएगी इन सब्जियों की खेती | जाने पूरी डिटेल्स

अगस्त महीने में करोड़पति बनाएगी इन सब्जियों की खेती | जाने पूरी डिटेल्स
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अगस्त में अगेती फूलगोभी की खेती करना किसानों के लिए एक लाभकारी कदम हो सकता है। जिससे किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इस समय फूलगोभी की खेती करने से किसान अक्टूबर तक फसल तैयार कर सकते हैं, जब हरी सब्जियों की मांग और कीमतें ऊंची होती हैं। यह खेती बरसात के मौसम में की जाती है, इसलिए खेत में पानी का सही प्रबंधन और जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करना जरूरी है।  इस समय हरी सब्जियों की आवक कम होने के कारण, बाजार में सब्जियों की कीमतें अक्सर बढ़ जाती हैं। अगर किसान इस मौके का फायदा उठाकर फूलगोभी की अगेती खेती करते हैं, तो वे बाजार में उच्च मांग और बेहतर कीमतों का लाभ उठा सकते हैं।

अगेती फूलगोभी की खेती की शुरुआत जुलाई-अगस्त में की जाती है, और अगर किसान अभी से इसकी बुवाई करते हैं, तो अक्टूबर तक फसल तैयार हो जाएगी, जब ठंड का मौसम शुरू हो जाएगा। ठंड के मौसम में फूलगोभी की मांग बढ़ जाती है, जिससे किसान अपनी फसल को अच्छे दामों पर बेच सकते हैं।

अगेती फूलगोभी की खेती के लिए बरसात के मौसम में खेत की तैयारी और जल निकासी का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। खेत में पानी जमा न होने दें, क्योंकि यह फसल को नुकसान पहुंचा सकता है। अच्छी उपज के लिए खेत की जुताई और पोषक तत्वों का प्रबंधन सही तरीके से करना चाहिए, ताकि फसल स्वस्थ और गुणवत्तापूर्ण हो।


फूलगोभी की खेती करने के कई लाभ हैं, विशेष रूप से यदि इसे सही समय और उचित देखभाल के साथ किया जाए। कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार, अगस्त में की गई फूलगोभी की खेती जल्दी तैयार होती है, जिससे किसान कम समय में अधिक कमाई कर सकते हैं।

फूलगोभी की खेती के प्रमुख लाभ:
अगस्त में बुवाई की गई फूलगोभी अक्तूबर के पहले सप्ताह तक तैयार हो जाती है, जब बाजार में इसकी मांग और कीमतें उच्च होती हैं। इससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है।

फूलगोभी की खेती में बहुत अधिक खर्च नहीं आता है, और इसे उगाने में निवेश की तुलना में अच्छा मुनाफा होता है।

अगस्त का मौसम फूलगोभी की खेती के लिए अनुकूल होता है, जिससे फसल की वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार होता है।

अच्छी तरह से तैयार किए गए खेत और सही पौधों की दूरी से उच्च उत्पादन संभव है।

खेत की तैयारी:
फूलगोभी की अच्छी पैदावार के लिए खेत की तैयारी महत्वपूर्ण है। डॉ. गुप्ता के अनुसार, खेत को 3-4 बार अच्छी तरह जुताई करनी चाहिए, जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए और हवा का संचार बेहतर हो सके। जुताई के साथ-साथ पिछली फसल के अवशेषों को भी हटाना आवश्यक है, ताकि नई फसल को बढ़ने के लिए पर्याप्त स्थान मिल सके। खेत में अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद डालने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है, जिससे पौधों की वृद्धि में सुधार होता है। इसके अलावा, किसान जैविक खाद का उपयोग भी कर सकते हैं, जो मिट्टी की गुणवत्ता को और बेहतर बनाती है। अंतिम जुताई के दौरान, 150 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद और 10 किलो सूक्ष्म पोषक तत्व मिट्टी में मिला दें। इसके बाद, खेत को समतल कर दें ताकि पौधों को लगाने में आसानी हो।

पौधों की दूरी और देखभाल: 
फूलगोभी की खेती में अच्छा उत्पादन पाने के लिए पौधों के बीच सही दूरी बहुत महत्वपूर्ण होती है। लाइन से लाइन की दूरी 18 इंच और पौधे से पौधे की दूरी 16 इंच होनी चाहिए। एक एकड़ में 18,000 से 20,000 पौधे लगाने चाहिए। डीबीएम (डायमंड बैक मॉथ) का प्रकोप फूलगोभी की खेती में एक बड़ी समस्या हो सकती है, इसलिए रॉकेट और कीफन का स्प्रे किया जा सकता है। बीएसएफ कंपनी की एक्स पोनस इंसेक्टिसाइड भी डीबीएम पर बहुत अच्छा काम करती है। बरसात के मौसम में फंगस की समस्या से निपटने के लिए बायर कंपनी की नेटिव फंगी साइट का स्प्रे किया जा सकता है।

डॉ. गुप्ता ने जोर देकर कहा कि खेत तैयार करने के बाद, लाइनों के बीच की दूरी 30 से 40 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। इससे पौधों के बीच पर्याप्त जगह बनेगी, जिससे उनकी बढ़वार अच्छी होगी और निराई-गुड़ाई करना आसान हो जाएगा। पौधों के बीच उचित दूरी रखने से खरपतवार भी कम उगेंगे, जिससे पौधों को पोषक तत्वों की प्रतिस्पर्धा नहीं करनी पड़ेगी और उनकी वृद्धि बेहतर होगी।

उपज बढ़ाने के सुझाव:
डॉ. गुप्ता के अनुसार, पौधों की बेहतर बढ़वार के लिए एनपीके 19:19:19 का छिड़काव करना लाभदायक होता है। मौसम में ठंडक आते ही फूलगोभी में फूल बनने लगते हैं और लगभग 40 से 45 दिनों के भीतर किसानों को फूलगोभी की उपज मिलने लगती है। अगस्त महीने में लगाई गई फूलगोभी अक्टूबर के पहले सप्ताह में काटकर बाजार में बेची जा सकती है, जब बाजार में इसकी मांग और कीमत दोनों ही उच्च स्तर पर होते हैं। इस समय किसानों को अपनी मेहनत का अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना रहती है।

फूलगोभी की खेती सालभर की जाती है, और यह एक नाजुक व सेंसिटिव फसल मानी जाती है। इस फसल की बुवाई में अलग-अलग वैरायटी का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह फसल मौसम और तापमान के उतार-चढ़ाव से बहुत प्रभावित होती है। ऐसे में सही समय पर सही वैरायटी का चुनाव करके ही किसान अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं। हर महीने के लिए अलग वैरायटी का चयन करना आवश्यक है, क्योंकि सालभर एक ही वैरायटी को लगाने से अच्छा उत्पादन नहीं मिल सकता।

विभिन्न महीनों के लिए वैरायटी का चयन:
दिसंबर से फरवरी तक के महीनों के लिए वैरायटी का चुनाव

दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीनों में फूलगोभी की नर्सरी तैयार करने के लिए सबसे उत्तम वैरायटी का चयन आवश्यक है। इस समय सिजेंटा कंपनी की लकी वैरायटी और वेलकम की रुस्तम वैरायटी का चुनाव करना बेहतर रहेगा। इसके अलावा, नोबल सीड्स की हैप्पी वैरायटी फरवरी के महीने में बुवाई के लिए उपयुक्त है। सिजेंटा कंपनी की 7209 वैरायटी जनवरी में और बायो सीड्स की कोरल व्हाइट वैरायटी दिसंबर, जनवरी और फरवरी में अच्छी पैदावार देती है। इन वैरायटियों को इन महीनों में लगाकर किसान बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

मार्च से जून तक की वैरायटी का चयन
मार्च, अप्रैल, मई और जून के महीनों में जब गर्मियों का मौसम शुरू हो जाता है, तापमान बहुत बढ़ जाता है। इस दौरान सभी वैरायटी सरवाइव नहीं कर पातीं। इन महीनों में सिजेंटा कंपनी की सीएफएल 1522 वैरायटी सबसे बेहतर मानी जाती है। यह वैरायटी गर्मियों के उतार-चढ़ाव और बरसात के मौसम में भी अच्छी पैदावार देती है। नोबल की हैप्पी और श्रीराम कंपनी की 40056 वैरायटी भी इस समय के लिए उपयुक्त हैं। विशेषकर मई महीने में सीएफएल 1522 वैरायटी का चयन करने पर किसान अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं।

जुलाई से अगस्त के महीनों के लिए वैरायटी का चयन
जुलाई और अगस्त के महीनों में जब तापमान में ठंडक आने लगती है, तब एडवांटा गोल्डन सीड्स की 1400 वैरायटी और सिजेंटा कंपनी की 6099 वैरायटी का चयन करना उपयुक्त रहता है। पेन सीड्स की 3025 वैरायटी अगस्त में लगाई जा सकती है, जबकि नामधारी सीड्स की एए 555 वैरायटी अगस्त और सितंबर में अच्छी पैदावार देती है। वेलकम की 808 वैरायटी भी अगस्त के बाद लगाई जा सकती है।

अक्टूबर से नवंबर तक के महीनों के लिए वैरायटी का चयन
अक्टूबर और नवंबर के महीनों में फूलगोभी की नर्सरी तैयार करने के लिए सेमनिस कंपनी की वर्ख वैरायटी और एडवांटा की सुपर शीघ्र वैरायटी का चयन करना लाभकारी होता है। पेन कंपनी की 3025 वैरायटी को अक्टूबर के मध्य में लगाया जा सकता है। इन महीनों में यह वैरायटियाँ किसानों को अच्छी पैदावार देती हैं।

निष्कर्ष:
फूलगोभी की खेती सही समय, सही वैरायटी का चुनाव, और उचित देखभाल के साथ करने से किसानों को सालभर अच्छी पैदावार और मुनाफा मिल सकता है। यह एक लाभदायक फसल हो सकती है, खासकर जब सही प्रबंधन और खेत की तैयारी के साथ की जाए।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।