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कपास के दामों में तेजी का रुख जारी, जाने और कितना तेज हो सकता है बाजार | देखे कपास की तेजी मंदी रिपोर्ट में

कपास के दामों में तेजी का रुख जारी, जाने और कितना तेज हो सकता है बाजार | देखे कपास की तेजी मंदी रिपोर्ट में
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किसान साथियो कपास और नरमा भारतीय कृषि के मुख्य घटक हैं, विशेषकर उत्तरी राज्यों में। वैश्विक बाजार में भारतीय कपास की मांग में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। जिसके कारण यह समय किसानों के लिए काफी लाभदायक बताया जा रहा है। अगर बाजारों की बात की जाए तो कपास के भाव पिछले कुछ दिनों में काफी सुर्खियों में बने हुए हैं। इसका प्रमुख कारण कपास के दामों में आई तेजी, अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाजार में बढ़ती भारतीय कपास की मांग और उत्पादन में आई कमी को बताया जा रहा है। भावों में तेजी आने का प्रमुख कारण पिछले साल की अपेक्षा इस साल भारतीय कपास का निर्यात दो गुना होने को बताया जा रहा है। कपास के वर्तमान बाजार स्थिति किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण नजर आ रही है। उत्पादन में आई कमी और वैश्विक बाजार में भारतीय कपास की बढ़ती मांग को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में कपास के दामों में और भी तेजी देखने को मिल सकती है। इसलिए किसान भाई अपनी फसल का क्रय-विक्रय अपनी जरूरतों के हिसाब से सोच-समझकर करें और मौजूदा बाजार भाव के हिसाब से अपनी फसल से ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने की कोशिश करें। आज की रिपोर्ट में हम कपास के ताजा मंडी भाव, उत्पादन, निर्यात और भविष्य पर विस्तार से चर्चा करेंगे, तो आइए कपास की ताजा स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं इस रिपोर्ट के माध्यम से। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

उत्पादन
किसान भाइयों, जैसा कि हमने आपको अपनी पिछली रिपोर्ट में भी बताया था, पिछले वर्ष की तुलना में कपास का उत्पादन इस बार काफी कम हुआ है। इसका मुख्य कारण पिछले साल किसानों को कपास के उचित दाम न मिलना बताया जा रहा है, जिसकी वजह से इस बार कपास की बिजाई का रकबा काफी कम हो गया। दूसरी तरफ, कुछ हद तक बारिश ने भी कपास को प्रभावित किया है, जिसके चलते नरमा के उत्पादन में भारी कमी दर्ज की जा रही है। वर्ष 2024-25 के लिए भारतीय कपास संघ (सीएआई) के अनुसार, कपास का अनुमानित उत्पादन 325 लाख गांठ बताया जा रहा है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के 318.90 लाख गांठ से थोड़ा अधिक है। इसके बावजूद, इस बार बुवाई का रकबा कम होने से उत्पादन पर कुछ हद तक असर पड़ सकता है। इस वर्ष बारिश के कारण प्रभावित कपास की फसल का प्रति एकड़ का उत्पादन भी काफी कम हुआ है।

निर्यात
किसान भाइयों, भारत कपास का विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारतीय कपास की मांग विदेशी बाजारों में निरंतर बनी रहती है। इस साल भी भारतीय कपास की मांग क्वालिटी के आधार पर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में काफी बढ़ी हुई है, जिसके कारण पिछले साल की तुलना में कपास के दामों में तेजी का माहौल बना हुआ है। अगर निर्यात की बात करें तो इस साल भारत की कपास का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना बताया जा रहा है, और अगर मांग इसी प्रकार बनी रहती है तो यह आंकड़ा और अधिक बढ़ने की उम्मीद है। पिछले साल भारत ने लगभग 15.50 लाख गांठ का निर्यात किया था, जो इस बार बढ़कर 29.50 लाख गांठ तक पहुंच सकता है। अगर विदेशी बाजार की बात करें तो भारतीय कपास का सबसे अधिक निर्यात बांग्लादेश में हुआ है। बांग्लादेश के कपास के अब तक के आंकड़ों की बात करें तो इस साल बांग्लादेश ने अपने अब तक के निर्यात के उच्चतम आंकड़े को पार कर लिया है और इसके और अधिक बढ़ने की संभावना है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

आज के मंडी भाव
किसान भाइयों, अगर साप्ताहिक रिपोर्ट की बात करें तो कपास के भाव में निरंतर तेजी का माहौल बना हुआ है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, आज भी नरमा के भाव में 100 से 200 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की जा रही है। वर्तमान में, कपास के औसत भाव लगभग ₹8000 से ₹8100 प्रति क्विंटल के बीच चल रहे हैं। पिछले सप्ताह की तुलना में इसमें थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो किसानों के लिए सकारात्मक संकेत है। वहीं, कपास के उत्पादन में संभावित कमी और निर्यात की बढ़ती मांग को देखते हुए भविष्य में कपास के भाव और भी ऊपर जा सकते हैं। अगर आज के कुछ प्रमुख मंडियों के ताजा भाव की बात करें तो, आदमपुर मंडी में नरमा के भाव ₹7980 प्रति क्विंटल तक पहुंच चुके हैं, जबकि राजस्थान की मंडियों में विजयनगर में ₹7500 से ₹7600 और अनूपगढ़ मंडी में ₹7500 से ₹8200 प्रति क्विंटल और पंजाब की संगत मंडी में 8285 रुपए प्रति क्विंटल के भाव दर्ज किए गए हैं। इन भावों में भविष्य में तेजी आने की संभावना है, कम उत्पादन और बढ़ती मांग को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में कपास के दामों में और तेजी देखने को मिल सकती है।

आने वाला समय
किसान साथियों, मौजूदा समय में कपास के बाजार में जिस प्रकार हलचल बढ़ रही है, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाला समय कपास और किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर परिस्थितियाँ अनुकूल रहती हैं, तो कुछ विशेषज्ञों और जानकारों के अनुसार, अगर कपास के भाव ₹8000 पर स्थिर हो जाते हैं और आने वाले 10 से 15 दिनों में कपास के भाव ₹10000 को पार कर लेते हैं, तो आगे आने वाले समय में दिसंबर के मध्य तक दामों में ₹15000 तक पहुँचने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल यह आंकड़ा काफी दूर नजर आ रहा है, लेकिन कपास के दामों में निरंतर तेजी का माहौल बना हुआ है। आने वाले समय में नरमा और कपास के भाव में और भी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कपास और नरमा की मांग बढ़ती जा रही है, जो भारत के किसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। अगर आने वाले समय में कपास के दामों में इसी प्रकार तेजी का माहौल बना रहता है, तो यह किसानों के लिए एक सुनहरा मौका होगा जिसकी किसान भाई कल्पना करते हैं।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और इंटरनेट के माध्यम से एकत्र की गई है। किसान भाइयों और व्यापारी वर्ग से अनुरोध है कि वे अपने व्यापार को अपने रिस्क और संयम से करें क्योंकि प्रतिकूल परिस्थितियों में बाजार के भाव में कभी भी उतार-चढ़ाव हो सकता है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।