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सरसों की तेजी मंदी का पूरा हिसाब किताब | सरसों किसानो और व्यापारियों के लिए सटीक रिपोर्ट

sarso ka aaj ka rate

किसान साथियो जैसा कि आप सबको पता है कि इन दिनों सरसों के भाव में मजबूती कम और कमजोरी ज्यादा नजर आती है। सोपा एजेंसी ने सरसों का उत्पादन अनुमान भी घटा दिया है। इसके बावजूद भी घरेलू बाजारों में कोई बड़ा सुधार देखने को नहीं मिल रहा। सरसों के भाव निचले स्तर पर होल्ड जरूर कर रहे हैं। इस स्तर से भाव में तेजी या मंदी को लेकर आगे क्या क्या संभावना बन रही है। आज की रिपोर्ट में हम सरसों के भाव के साथ साथ सरसों तेल के भाव में चल रही तेजी मंदी की समीक्षा करेंगे। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

ताजा मार्केट अपडेट
चालू सीज़न में अच्छे भाव ना मिलने के कारण किसानो और व्यापारियों ने सरसों को होल्ड करके रखा हुआ है। सभी भाव के बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन सीमित मांग बनी रहने से घरेलू बाजार में तेजी नहीं बन पा रही है। गुरुवार का दिन लगातार दूसरा दिन था जब सरसों के भाव टस से मस नहीं हुए। सरसों की कीमतें स्थिर बनी रही। जयपुर में 42% कंडीशन सरसों के भाव 5,225 रुपये प्रति क्विंटल पूर्वस्तर पर स्थिर बने रहे। भरतपुर में सुबह के सत्र में गिरावट जरूर देखने को मिली थी लेकिन शाम को भाव सुधरे और 20 रुपये की तेजी के बाद 4920 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर सरसों के भाव शाम को 50 रुपये मजबूत होकर 5000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। ब्रांडेड तेल मिलों पर भी शाम के सत्र में भाव 50 रु तक मजबूत हो गए। सलोनी प्लान्ट पर सरसों के अंतिम भाव 5675 के रहे। कमजोर भाव मिलने के कारण किसान अपनी सरसों को बाजार में लेकर नहीं आ रहे हैं जिसके कारण सरसों की दैनिक आवक घटकर सात लाख बोरियों की ही हुई।

विदेशी बाजारों से अच्छे संकेत मिलने के बावजूद सरसों में तेल मिलों की मांग सीमित बनी रही। हालांकि शाम के सत्र में ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 25 से 75 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी जरूर की । विदेशी बाजार में कल खाद्वय तेलों की कीमतों में तेजी देखने को मिली । मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड (MPOB) के अनुसार, अल नीनो के प्रभाव से दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश में क्रूड पाम तेल का उत्पादन अगले साल 10 से 30 लाख टन के बीच कम होने की आशंका है। साथ ही कमजोर रिंगिट के कारण विदेशी बाजारों की तेजी को बल मिला।

हाजिर मंडियों के ताजा रेट
हाजिर मंडियों के ताजा भाव की बात करें तो राजस्थान की नोहर मंडी में सरसों का रेट 4750 रावला मंडी में सरसों का भाव 4700 संगरिया मंडी में सरसों का रेट 4664 जैतसर मंडी में सरसों का भाव 4488 श्री गंगानगर मंडी में सरसों का भाव 4726 बीकानेर मंडी में सरसों का रेट 4600 श्री करणपुर मंडी में सरसों का भाव 4695 गोलूवाला मंडी में सरसों का रेट 4568 श्री विजयनगर मंडी में सरसों का भाव 4576 गजसिंहपुर मंडी में सरसों का भाव 4738 और रायसिंहनगर मंडी में सरसों का रेट 4572 रुपए प्रति कुंटल तक रहा हरियाणा की मंडियों की बात करें तो आदमपुर मंडी में 42 लैब सरसों का भाव 4855 सिरसा मंडी में सरसों का प्राइस 4615 ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 4600 बरवाला मंडी में सरसों का भाव 4800 रुपए सिवानी मंडी में सरसों का भाव 4900 और चरखी दादरी में 42 लैब सरसों का रेट ₹4900 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया एमपी की मंडियों की बात करें तो मुरैना मंडी में सरसों का भाव 4800 ग्वालियर मंडी में सरसों का रेट 4700 से 4800 छतरपुर मंडी में सरसों का भाव 4650 और अशोकनगर मंडी में सरसों का रेट 4600 रुपए प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया। अन्य मंडियों के ताजा भाव जानने के लिए यहां क्लिक करें

विदेशी बाजारों में तेजी
मलेशियाई वायदा बाजार में सबसे सक्रिय अनुबंध करीब 3% तक बढ़ गया, जोकि दो सप्ताह के उच्च स्तर के पास पहुंच गया। पाम तेल की कीमतें लगातार दूसरे सत्र में 15 मई के बाद के उच्चतम बंद हुआ है। शाम को CBOT में आयी तेजी के बाद इसके आज भी मजबूत रहने की उम्मीद है।

बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर अगस्त डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 91 रिंगिट यानी 2.67 फीसदी की तेजी आकर भाव 3,498 रिंगिट ($788.73) प्रति टन हो गए। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें 0.6 फीसदी तेज हुई। डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.3 फीसदी तेज हो गया, जबकि इसके पाम तेल के वायदा अनुबंध में 0.8 फीसदी तक मजबूत हुआ । नवंबर 2022 के बाद से डॉलर के मुकाबले रिंगिट 0.74 फीसदी गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गई है, जिससे आयातकों के लिए पाम तेल सस्ता हो गया। हालांकि सरसों के लिहाज से पाम तेल का सस्ता होना ज्यादा अच्छी खबर नहीं है।

सरसों तेल में गिरावट
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें गुरुवार को 14-14 रुपये कमजोर होकर दाम क्रमश: 971 रुपये और 961 रुपये प्रति 10 किलो के स्तर पर आ गई। इस दौरान सरसों खल के दाम 2525 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहीं।

सरसों में आगे क्या
किसान साथियों सरसों के भाव को प्रभावित करने वाली फिलहाल दो चीजें मार्केट में दिख रही है। एक तो विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव और दूसरी चीज घरेलू बाजार में सरसों की आवक । जैसा की आप सबको पता है कि विदेशी बाजार पिछले कुछ दिनों से बहुत ज्यादा अस्थिर नजर आ रहे हैं ऐसे में इनकी चाल को समझना काफी मुश्किल है। मलेशिया और इंडोनेशिया के बीच पाम तेल के निर्यात को लेकर प्रतिस्पर्धा  चल रही है।  जिसके चलते ये देश पाम तेल को सस्ता से सस्ता देने को तैयार दिख रहे हैं।  सरसो के भाव के लिहाज से यह भी एक अच्छा संकेत नहीं है।  मोटे तौर पर देखा जाए तो विदेशी बाजार भी अपने न्यूनतम स्तर पर चल रहे हैं और इसमें यहां से आगे बहुत बड़ी गिरावट की संभावना कम है । जहां तक घरेलू बाजार में सरसों के उत्पादन का सवाल है तो विभिन्न एजेंसियों द्वारा सरसों के उत्पादन का जो अनुमान लगाया गया है वह पिछले साल से ज्यादा है । जैसा कि हमने ऊपर बताया कि चालू सीजन में किसानों और व्यापारियों के पास बड़ी मात्रा में सरसो को होल्ड किया गया है । ऐसे में पूरी संभावना है कि आने वाले समय में जब भाव बढ़ेंगे तो यह सरसों बाजार में आएगी और भाव पर फिर से प्रेशर बनेगा । यही बड़ी वजह है कि हम बार-बार यह कह रहे हैं कि सरसों के भाव में बहुत बड़ी तेजी आने की संभावना कम है । साथियो गर्मी का सीज़न होने के कारण सरसों तेल की खपत भी सामान्य की तुलना में कमजोर ही रहने वाली है । ऐसे में निकट भविष्य में सरसों के भाव में थोड़ा बहुत सुधार तो बन सकता है लेकिन बड़ी तेजी की संभावना बहुत ही कम है। व्यापार अपने विवेक से ही करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।