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विदेशी झटकों के बावज़ूद डटा हुआ है सरसों बाजार, देखें क्या रहेगा आज का मार्केट | Mustard Teji Mandi Report

Sarso teji mandi report

ताजा मार्केट अपडेट

विदेशी बाजारों में भारी गिरावट

रोके या बेचे

किसान साथियों विदेशी बाजारों में हुई जबरदस्त गिरावट के बावजूद भारतीय बाजारों में तेल तिलहन के भाव फिलहाल डटे हुए हैं किसान साथियों हमने पहले भी बताया था कि भारत में तेल तिलहन के फंडामेंटल मजबूत हैं लेकिन विदेशी बाजारों में इतनी जबरदस्त गिरावट हो रही है कि बाजार संभल नहीं पा रहे हैं ऐसे में यह कह पाना बहुत मुश्किल है कि आगे सरसों की क्या दिशादशा रह सकती है। इस रिपोर्ट में हम सरसों और तेल तिलहन के बाजार में बन रही सभी संभावनाओं पर गौर करेंगे ।

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ताजा मार्केट अपडेट

गुरुवार को विदेशी बाजारों में हुई ज़बर्दस्त गिरावट के बीच तेल मिलों की मांग बढ़ने से घरेलू बाजार में सरसों की कीमतों में हल्का सुधार तो जरूर आया है लेकिन स्थिति अभी भी खराब चल रही है। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये तेज होकर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे। हालांकि शाम को इसमे हल्की कमजोरी की खबरें भी आयी हैं। ब्रांडेड कंपनियों ने 42% कंडीशन सरसों के भाव बढ़ाकर 7350 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद की।

हाजिर मंडियों की बात करें तो ज्यादातर मंडियों में सरसों के भाव me स्थिरता से लेकर हल्की गिरावट का ही माहौल देखने को मिला। नोहर मंडी में सरसों के भाव ₹6315 प्रति क्विंटल जबकि रायसिंहनगर में सरसों का टॉप भाव ₹6190, श्री गंगानगर में सरसों सरसों का भाव 6431 संगरिया मंडी में सरसों का भाव 6300 अलवर में कंडीशन सरसों का रेट 6550 बीकानेर मंडी सरसों का भाव ₹6100 जबकि भरतपुर में ₹100 की गिरावट के बाद सरसों का टॉप भाव ₹6451 प्रति क्विंटल रहा।

हरियाणा की मंडियों में सरसों के भाव की बात करें तो यहां पर भी हल्की गिरावट देखने को मिली। ऐलनाबाद मंडी में सरसों का भाव ₹6200 सिरसा मंडी में सरसों का रेट ₹6085 आदमपुर में सरसों का टॉप भाव 6300 रुपये प्रति क्विंटल तक देखने को मिला है।

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बाजार के जानकारों के अनुसार घरेलू बाजार में तेल मिलों की मांग से सरसों की कीमतों में सुधार तो आ सकता है, लेकिन विश्व भर में मंदी का खतरा अभी भी बना हुआ है। कल शाम को मलेशिया एक्सचेंज में बड़ी गिरावट के बाद आज भी बाजार में मन्दी की संभावना है जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें गुरुवार को लगातार दूसरे दिन तीन-तीन रुपये कमजोर हुई।

 जानकारों का कहना है कि कि विदेशों में तेल कीमतों की मंदी से आयातक और तेल उद्योग का दीवाला पिटने की नौबत आ गई  है। दूसरी ओर बंदरगाहों पर आयातित तेलों की पहले की खेपें खड़ी हैं और आयातित भाव के मुकाबले मंडियों में दाम टूट चुके हैं।

 इंडोनेशिया बढ़ती इन्वेंट्री को कम करने के लिए निर्यात लेवी में कटौती करने पर विचार कर रहा है, जिस कारण विश्व स्तर पर अभी खाद्य तेलों की कीमतों पर दबाव बना रहने के आसार हैं। घरेलू बाजार में भी तेल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही हैं, इसलिए तेजी के लिए फ़िलहाल व्यापार नहीं करना चाहिए।

विदेशी बाजारों में भारी गिरावट

मलेशियाई पाम तेल वायदा भाव में सुबह तेजी दिख रही थी लेकिन शाम के सत्र में करीब 6 फीसदी की गिरावट आकर भाव एक साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए। चीन में कोविड 19 के कारण करीब छह शहरों में नए प्रतिबंध लगने से चीन की आयात मांग प्रभावित होने का डर है। जानकारों के अनुसार इंडोनेशिया ने पाम तेल उत्पादों के निर्यात लेवी में में कटौती की तो फिर मलेशिया में भी कीमतों पर दबाव बनेगा ।

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बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल की कीमतों में 217 रिगिंट, यानी की 5.77 फीसदी की गिरावट आकर भाव 3,544 रिगिंट प्रति टन रह गए । वायदा अनुबंध में बुधवार को भी 8.6 प्रतिशत की बड़ी की गिरावट आई थी। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबीओटी) पर सोया तेल की कीमतें आज इलेक्ट्रॉनिक व्यापार में 1.6 प्रतिशत तक नीचे आ गई।

रोके या बेचे

किसान साथियों अगर आपने अभी तक अपनी सरसो को नहीं बेचा है तो मंडी भाव टुडे का यही मानना है कि इस मंदी के माहौल में बेचना सही नहीं है। क्योंकि आने वाले समय में सरसों की मांग बढ़ने वाली है और सरसों का स्टॉक बहुत कम है विदेशी बाजारों की मंदी मार्केट की टेंपरेरी तेजी से रोक सकती है लेकिन लंबे समय में आने वाली तेजी को रोकना सम्भव नहीं लगता। इसलिए सरसों किसानो को एक दो महीना इंतजार करने मे कोई हर्ज नहीं होना चाहिए। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें।

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