सरकार के इस ऐलान के बाद सस्ते हो जाएंगे टीवी और मोबाइल | जाने डिटेल्स
सरकार के इस ऐलान के बाद सस्ते हो जाएंगे टीवी और मोबाइल | जाने डिटेल्स
साथियों, भारत के 2025 के बजट में सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनका उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की कीमतों को सस्ता करना और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है। इस बजट में विशेष रूप से मोबाइल फोन और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य न केवल इन उत्पादों की कीमतों में कमी लाना है, बल्कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का प्रमुख केंद्र बनाना भी है। इस कदम को सफल बनाने के लिए सरकार ने विभिन्न उपायों को लागू किया है, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स पर ड्यूटी में कमी, बैटरी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कस्टम ड्यूटी में कटौती, और टीवी मैन्युफैक्चरिंग में सुधार के लिए ड्यूटी की संरचना में बदलाव। इन कदमों से कंपनियों को सस्ते दामों में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने में मदद मिलेगी, जिससे उपभोक्ताओं को इन उत्पादों की कम कीमत पर उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इसके अलावा इस बजट के तहत, भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए IT मंत्रालय का बजट बढ़ाया गया है, जिससे रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय कंपनियों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा। इसका अर्थ यह है कि कुल मिलाकर, इस बजट के निर्णयों का उद्देश्य न केवल भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ते इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद प्रदान करना है, बल्कि देश में इस उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाना है। तो चलिए सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में किए गए इन बदलावों को विस्तार से जानते हैं कि सरकार ने इस बार बजट में किस तरह के कदम उठाए हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के साथ-साथ मोबाइल और टीवी की कीमतों में कमी ला सकते हैं।
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इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट पर ड्यूटी में कमी
साथियों, सरकार ने इस बार बजट में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स पर ड्यूटी में कटौती की है। यह कदम उन कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो भारत में मोबाइल फोन और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग करती हैं। इसके लिए सरकार द्वारा Printed Circuit Boards (PCB) और Camera Modules जैसे अहम कंपोनेंट्स पर ड्यूटी में कमी की गई है। इससे इन कंपोनेंट्स की लागत घटेगी और भारतीय कंपनियों के लिए उन्हें खरीदना सस्ता हो जाएगा, जिससे वे कम कीमत में अधिक उत्पाद बना सकेंगे। इसके अलावा, सरकार ने Inverted Duty Structure को भी आसान किया है, जिससे कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग के लिए ज़्यादा फायदा मिलेगा। इस कदम का उद्देश्य यह है कि कंपनियों को अपने उत्पादन में ज्यादा से ज्यादा स्थानीय रूप से बने सामान का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे भारत में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।
बैटरी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा
दोस्तों, भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए बैटरी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। खासकर Lithium-ion Batteries, जो कि मोबाइल और इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग होती हैं, उनका उत्पादन भारत में तेजी से बढ़ाने के लिए सरकार ने Capital Goods पर कस्टम ड्यूटी में कटौती की है। इसका मतलब यह है कि बैटरी मैन्युफैक्चरिंग की मशीनरी को भारत में लाना अब सस्ता होगा। इससे बैटरियों की कीमत कम होगी, जिससे मोबाइल फोन और टीवी जैसी चीजों की कुल कीमतों में गिरावट आएगी। इसके अलावा, यह कदम भारत को बैटरी मैन्युफैक्चरिंग का एक प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम हो सकता है। यदि भारत में बैटरियां सस्ती होंगी, तो न केवल मोबाइल फोन और टीवी, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग भी तेज़ होगी, जिससे देश के आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी।
टीवी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा
दोस्तों, केंद्रीय बजट 2025 में टीवी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए भी कई अहम कदम उठाए गए हैं। खासकर Open Cell Panels पर से ड्यूटी घटाई गई है, जबकि Flat Panels पर ड्यूटी बढ़ाकर 10% से 20% कर दी गई है। इस बदलाव का असर यह होगा कि टीवी मैन्युफैक्चरिंग में लगे कंपोनेंट्स की लागत घटेगी। इसके चलते टीवी की कीमतें कम हो सकती हैं। इसके साथ ही, सरकार का उद्देश्य भारत को टीवी मैन्युफैक्चरिंग का एक अहम केंद्र बनाना है। यह कदम भारतीय कंपनियों को सस्ती कीमतों पर बेहतर उत्पाद बनाने में मदद करेगा। भारत में सालाना टीवी की खपत में भी लगातार वृद्धि हो रही है, इसलिए इस फैसले से घरेलू उत्पादों की बिक्री में भी तेजी आ सकती है।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग
साथियों, भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का विकास बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत में 500 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग उत्पादन हो। इसके लिए बजट में कई कदम उठाए गए हैं। इन कदमों से देश में न केवल बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स का उत्पादन होगा, बल्कि Employment भी बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। आपको बता दें कि भारत में हर साल लगभग 33 करोड़ मोबाइल बनाए जाते हैं। ऐसे में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मशीनरी पर ड्यूटी में भी कटौती की है। इससे मोबाइल फोन की कीमतों में गिरावट आ सकती है।
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आईटी मंत्रालय का बढ़ा बजट
दोस्तों, बजट में किए गए सभी बदलाव भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने IT Ministry का बजट बढ़ाकर 45% कर दिया है। सरकार का मानना है कि इस बढ़े हुए बजट से इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में और ज्यादा निवेश हो सकेगा, जिससे मैन्युफैक्चरिंग को और बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, इस बढ़े हुए बजट का उपयोग डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, नए उत्पादों के विकास, और Research & Development (R&D) पर खर्च करने के लिए किया जाएगा। इससे भारतीय कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकेंगी और वैश्विक मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत कर सकेंगी।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।