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MSP पर गेहूं बेचने के लिए घर पर बैठकर इस तरह से करें रजिस्ट्रेशन | जाने प्रक्रिया और दस्तावेज

MSP पर गेहूं बेचने के लिए घर पर बैठकर इस तरह से करें रजिस्ट्रेशन | जाने प्रक्रिया और दस्तावेज
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किसान भाइयों, किसानों की भलाई के लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं और कार्यक्रम लेकर आती रहती है। मध्य प्रदेश सरकार ने अब नई योजना के तहत किसानों के लिए गेहूं बिक्री के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। सरकार द्वारा गेहूं जैसे प्रमुख कृषि उत्पादों के लिए समर्थन मूल्य (MSP) की प्रणाली, किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने में मदद करती है। इस प्रक्रिया में सरकार द्वारा निर्धारित MSP के तहत, किसानों को अपनी फसल को उचित दामों पर बेचने का अवसर मिलता है। लेकिन इस प्रक्रिया को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए, कई बार पंजीयन की आवश्यकता होती है, जिससे किसानों को सरकारी खरीद का हिस्सा बनने का मौका मिलता है। इस साल, मध्य प्रदेश राज्य के किसानों के लिए गेहूं बेचने की प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य किसानों को अधिक आसानी से और बिना किसी परेशानी के पंजीयन की सुविधा प्रदान करना है। इन बदलावों में मध्य प्रदेश सरकार ने अब गेहूं की फसल को बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब किसान अपने घर पर बैठकर अपने फोन से ही अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। अब इस डिजिटल युग में किसानों को घर बैठे ही पंजीयन करने की सुविधा मिलने से उन्हें लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होने से राहत मिलेगी। इसके साथ ही, इस पंजीयन प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए कई माध्यमों और रास्तों का चयन किया गया है। इस रिपोर्ट में हम आपको इस पंजीयन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताएंगे, ताकि आप इस सुविधा का सही तरीके से लाभ उठा सकें। तो चलिए इस प्रक्रिया के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने की प्रक्रिया

किसान साथियों, समर्थन मूल्य (Minimum Support Price - MSP) वह न्यूनतम कीमत होती है, जिसे सरकार गेहूं और अन्य कृषि उत्पादों की खरीद के लिए तय करती है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को अपने उत्पादों की बिक्री में लाभ सुनिश्चित करना है। जब बाजार में गेहूं की कीमतें गिर जाती हैं, तो MSP के तहत सरकार किसानों से गेहूं खरीदती है और उन्हें कम से कम समर्थन मूल्य पर दाम देती है। इस वर्ष, केंद्र सरकार ने गेहूं का MSP 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष से 150 रुपये ज्यादा है। अब इस साल में इस कीमत पर सरकार किसानों से गेहूं खरीदेगी। MSP पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को पहले पंजीयन करवाना पड़ता है, जिसके तहत किसानों को सरकारी दफ्तर में जाकर फसल का पंजीकरण करवाना पड़ता था, लेकिन अब पंजीयन प्रक्रिया को सरल और आसान बनाने के लिए, मध्य प्रदेश सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत किसान अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पंजीयन कर सकते हैं। मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले का उद्देश्य किसानों को लंबी-लंबी लाइनों में खड़े होने की परेशानी से बचाना है, ताकि वे अपना पंजीयन बिना किसी दिक्कत के करा सकें।

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घर बैठे पंजीयन कैसे करें

किसान साथियों, अब सवाल उठता है कि घर बैठे कैसे पंजीयन करें, लेकिन इसका जवाब काफी सरल है। सरकार ने इस पंजीयन प्रक्रिया को डिजिटल बना दिया है, जिससे किसान अपने मोबाइल फोन से भी पंजीयन कर सकते हैं। किसान भाई एमपी किसान एप (MP Kisan App) के जरिए आप अपने मोबाइल फोन से इस पंजीयन को पूरा कर सकते हैं। इस एप पर किसान अपने व्यक्तिगत विवरण, आधार कार्ड, भूमि से संबंधित जानकारी और बैंक खाता विवरण दर्ज कर सकते हैं। या फिर ऑनलाइन पंजीयन के लिए किसान एमपी ऑनलाइन कियोस्क (MP Online Kiosk), कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Center), लोक सेवा केंद्र (Public Service Center) पर जाकर भी अपना ऑनलाइन पंजीयन करवा सकते हैं। इसके अलावा, जो किसान भाई ऑफलाइन पंजीयन करवाना चाहते हैं, वह किसान साथी ऑफलाइन पंजीयन के लिए, अपने नजदीकी सहकारी समितियों, ग्राम पंचायत या तहसील कार्यालयों में जाकर भी पंजीयन करवा सकते हैं। यहां पंजीयन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन यदि किसान सशुल्क पंजीयन कराना चाहते हैं तो उन्हें 50 रुपये का भुगतान करना होगा। यह शुल्क उन केंद्रों पर लागू होता है, जैसे एमपी ऑनलाइन कियोस्क और साइबर कैफे।

पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज़

किसान भाइयों, अगर आप अपने घर पर फसल का पंजीयन करते हैं तो घर बैठे पंजीयन करते समय कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। आपको अपने आधार कार्ड और फोटो पहचान पत्र (जैसे, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि), भूमि संबंधित दस्तावेज़ (जैसे, भूमि की रजिस्ट्री, पट्टे का प्रमाण आदि), बैंक खाता विवरण (खासकर आधार लिंक बैंक खाता, जिसमें भुगतान किया जा सके) की आवश्यकता पड़ेगी। इसके अलावा, यदि आप सिकमी, बटाईदार या कोटवार किसान हैं, तो आपके पंजीयन के लिए सहकारी समितियों द्वारा सत्यापन किया जाएगा।

भुगतान कैसे होगा

किसान साथियों, जब किसान पंजीयन प्रक्रिया पूरी कर लेंगे, तो सरकार द्वारा गेहूं की खरीद का भुगतान सीधे आधार लिंक बैंक खाता में किया जाएगा। जिससे यह सुनिश्चित होगा कि भुगतान में कोई समस्या न हो और वह तुरंत किसान के खाते में पहुंचे। लेकिन इसमें ध्यान रखने योग्य बात यह है कि अक्रियाशील बैंक खाते या संयुक्त बैंक खातों में भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके लिए किसान को अपना बैंक खाता सक्रिय रखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका आधार कार्ड और मोबाइल नंबर बैंक खाता से लिंक हों।

किसान को मिल सकती है मदद

किसान भाइयों, किसान के पंजीयन के बाद, उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता की जरूरत पड़ने पर, फसल उपार्जन केंद्र पर मदद मिल सकती है। यदि किसी कारणवश पंजीयन में कोई गलती हो या किसान को कोई समस्या आए, तो संबंधित केंद्र पर सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, सरकार द्वारा समय-समय पर पंजीयन की प्रक्रिया में सुधार और अपडेट की जानकारी भी दी जाएगी, ताकि किसानों को पूरी जानकारी सही समय पर मिल सके।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।