Movie prime

तमिलनाडु सरकार की महिला भूमि स्वामित्व योजना, आसान दरों पर सरकार दे रही लोन

तमिलनाडु सरकार की महिला भूमि स्वामित्व योजना, आसान दरों पर सरकार दे रही लोन
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

तमिलनाडु सरकार की महिला भूमि स्वामित्व योजना, आसान दरों पर सरकार दे रही लोन

किसान साथियों, अगर आप भी एक महिला किसान हैं या आपके घर में कोई महिला कृषि में आगे बढ़कर कार्य करना चाहती है और खेती करने के लिए अपनी जमीन खरीदने का सपना देखती है, तो तमिलनाडु सरकार ने आपके लिए एक शानदार अवसर पेश किया है। तमिलनाडु सरकार की यह योजना, जिसे "नन्नीलम महिला नीलम उडामई योजना" कहा जाता है, विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने और कृषि में उनके योगदान को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत, महिलाएं कृषि भूमि खरीदने के लिए सब्सिडी का लाभ उठा सकती हैं। साथ ही, कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा और स्टांप ड्यूटी में छूट भी दी जाती है, जो आर्थिक रूप से महिलाओं के लिए मददगार साबित हो सकती है।इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन महिलाओं को लाभ पहुंचाना है जो भूमि के मालिक नहीं हैं और जो अपनी आजीविका के लिए कृषि कार्य पर निर्भर हैं। तमिलनाडु सरकार के इस कदम से ना केवल महिलाओं को अपनी पहचान बनाने का अवसर मिलेगा, बल्कि समाज में उनके योगदान को भी मान्यता मिलेगी। क्या है तमिलनाडु सरकार की यह योजना और किस प्रकार आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं और इस योजना में क्या-क्या नियम और शर्तें हैं, आइए, इन सब बातों और इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं। तो चलिए पूरी जानकारी लेते हैं इस रिपोर्ट के माध्यम से।

योजना का उद्देश्य

किसान साथियों, तमिलनाडु की "नन्नीलम महिला नीलम उडामई योजना" का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को कृषि भूमि का मालिक बनाने के साथ-साथ उन्हें कृषि कार्यों में सशक्त करना है। इस योजना के तहत 18 से 55 वर्ष के बीच की महिलाएं, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 3 लाख रुपए से कम है, उन्हें अपनी खेती के लिए जमीन खरीदने पर 50% तक की सब्सिडी दी जाती है। यानी यदि आप कोई जमीन खरीदती हैं, तो सरकार उसकी बाजार कीमत का आधा हिस्सा देने के लिए तैयार है, लेकिन अधिकतम 5 लाख रुपए तक।इसके अलावा, इस योजना में एक महत्वपूर्ण शर्त यह भी है कि आवेदक महिला के पास पहले से कोई कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए और उसका मुख्य कार्य कृषि होना चाहिए। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन महिलाओं को मदद देना है, जो आदि द्रविड़ और जनजातीय समुदायों से आती हैं और जो आजीविका के लिए कृषि कार्य करती हैं। सरकार का लक्ष्य आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन स्तर को सुधारना है।

कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा

किसान साथियों, योजना के तहत, भारतीय ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) के माध्यम से महिलाएं कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकती हैं। इससे महिलाओं के लिए भूमि खरीदने की प्रक्रिया काफी सरल और सस्ती हो जाती है। बैंक से लिया गया यह ऋण महिलाएं आसानी से चुका सकती हैं, क्योंकि ब्याज दरें सामान्यत: बाजार दरों से काफी कम होती हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर कोई भारी असर नहीं पड़ेगा और वे अपनी भूमि पर खेती कर सकेंगी।

स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट

साथियों, अगर आप इस योजना का लाभ उठाकर कृषि भूमि खरीदने का निर्णय लेती हैं, तो 100% स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट मिलती है। इसका मतलब यह है कि आपको जमीन की खरीदारी के दौरान लगने वाले अतिरिक्त खर्चों से छुटकारा मिलता है। ये शुल्क अक्सर बहुत भारी होते हैं और इस छूट से महिलाएं आर्थिक रूप से राहत महसूस करेंगी।

खरीदी गई भूमि के नियम

दोस्तों, सरकार की इस योजना में एक और खास पहलू है, जिसके तहत खरीदी गई भूमि को 10 वर्षों तक बेचा नहीं जा सकता। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महिलाओं के पास स्थिर और दीर्घकालिक संपत्ति हो, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर तरीके से चला सकें और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। यह शर्त इस योजना के दीर्घकालिक लाभों को सुनिश्चित करती है, ताकि महिलाओं को अपनी जमीन बेचने की बजाय खेती में निवेश करने की प्रेरणा मिल सके।

कृषि भूमि की खरीदारी की सीमा

साथियों, इस योजना के तहत महिलाएं 2.5 एकड़ नंजई भूमि (जलवायु नियंत्रित भूमि) या 5 एकड़ पुंजई भूमि (सामान्य भूमि) तक खरीद सकती हैं। यह सीमा भी योजना के लाभार्थियों को एक अच्छी जमीन खरीदने की सुविधा प्रदान करती है, ताकि वे अपने कृषि कार्यों को सुचारू रूप से चला सकें। इस प्रकार, योजना के माध्यम से महिलाएं अपनी जरूरतों के हिसाब से भूमि खरीद सकती हैं।

सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण

किसान भाईयों, यह योजना सामाजिक न्याय के सिद्धांत पर आधारित है, जिसका उद्देश्य उन समुदायों की मदद करना है जो ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहे हैं। महिला सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से यह योजना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत करती है, बल्कि उन्हें कृषि में अपना योगदान बढ़ाने का भी अवसर देती है। इस योजना से आदि द्रविड़ और जनजातीय समुदाय की महिलाएं विशेष रूप से लाभान्वित होंगी, क्योंकि यह उनके लिए एक अवसर है अपनी स्थिति को सुधारने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का। सरकार की यह पहल समाज में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

कैसे करें आवेदन

किसान साथियों, इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाएं तमिलनाडु आदि द्रविड़ हाउसिंग एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (TDHCO) के पास आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए आवेदन पत्र भरने के साथ-साथ कुछ आवश्यक दस्तावेजों की भी आवश्यकता होती है, जैसे आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, और भूमि दस्तावेज। इसके बाद, आवेदन को भारतीय ओवरसीज बैंक में जमा किया जाता है, जहां से ऋण और सब्सिडी की प्रक्रिया शुरू होती है।

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।