गेहूं सरसों और कपास खऱीद के लिए MSP का हुआ ऐलान | जाने किस भाव में होगी सरकारी खरीद
दोस्तों अब रबी सीजन की फसलें पकने के करीब हैं और आने वाले एक से डेढ़ महीने में कटाई शुरू हो जाएगी। ऐसे में किसानों के लिए सबसे जरूरी सवाल यह होता है कि वे अपनी फसल को MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कैसे बेच सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें भी इस प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए तैयारी कर रही हैं, ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। इस बार 2025 के रबी सीजन में MSP पर फसल बेचने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार द्वारा CSC केंद्र, कियोस्क केंद्र और अन्य पंजीकरण स्थानों पर यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में किसानों के लिए गेहूं, सरसों और अन्य रबी फसलों के लिए MSP दर पर खरीदारी की व्यवस्था की गई है। इस लेख में हम 2025 में रबी सीजन की MSP दरों, पंजीकरण प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेजों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
2025 से 2026 के लिए नई MSP दरें
हर साल केंद्र सरकार MSP दरों में बदलाव करती है ताकि किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम मिल सके। 2025-26 के रबी सीजन के लिए सरकार ने कुछ फसलों की MSP दरों में वृद्धि की है। खासतौर पर गेहूं, सरसों, मसूर, जौ और चना की कीमतों में बदलाव किया गया है।
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गेहूं: भाव ₹2426 प्रति क्विंटल (₹150 की वृद्धि)
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जौ: भाव ₹1980 प्रति क्विंटल (₹130 की वृद्धि)
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मसूर: भाव ₹6700 प्रति क्विंटल (₹275 की वृद्धि)
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कुसुम: भाव ₹5950 प्रति क्विंटल (₹140 की वृद्धि)
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चना: भाव ₹5940 प्रति क्विंटल (₹210 की वृद्धि)
2024-25 की तुलना में बदलाव:
पिछले साल यानी 2024-25 के रबी सीजन में इन फसलों के लिए MSP दरें निम्नलिखित थीं:
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गेहूं: ₹2275 प्रति क्विंटल
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जौ: ₹1850 प्रति क्विंटल
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मसूर: ₹6425 प्रति क्विंटल
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कुसुम: ₹5800 प्रति क्विंटल
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चना: ₹5440 प्रति क्विंटल
किसानों को इस साल गेहूं पर ₹150, सरसों पर ₹300, मसूर पर ₹275, जौ पर ₹130 और चने पर ₹210 प्रति क्विंटल का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
MSP पर फसल बेचने के लिए पंजीकरण कैसे करें?
अगर कोई किसान अपनी गेहूं, सरसों, चना, जौ या मसूर जैसी फसलें MSP पर बेचना चाहता है, तो किसानों को अपनी फसल का MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर पंजीकरण करवाने के लिए सबसे पहले अपने राज्य सरकार के MSP पंजीकरण पोर्टल पर जाना होगा। यह पोर्टल सरकारी वेबसाइट के रूप में उपलब्ध है, जहां किसान अपनी फसल की जानकारी दर्ज कर सकते हैं। जिन किसानों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है या जो ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं कर सकते, वे CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) या नजदीकी कियोस्क केंद्र पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
पंजीकरण के दौरान किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज अपलोड करने होते हैं। इनमें आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, भूमि रिकॉर्ड, मोबाइल नंबर और फसल से संबंधित जानकारी शामिल है। इन दस्तावेजों के बिना पंजीकरण पूरा नहीं हो सकता, इसलिए किसान पहले से ही सभी जरूरी कागजात तैयार रखें।
जब किसान अपनी जानकारी भरकर दस्तावेज अपलोड कर देते हैं, तब OTP वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होती है। किसानों को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP (वन टाइम पासवर्ड) को दर्ज करना होगा, ताकि उनकी जानकारी सत्यापित की जा सके। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद MSP पंजीकरण सफलतापूर्वक हो जाता है, और किसान अपनी फसल MSP दरों पर बेच सकते हैं।
राज्य सरकारें अब किसानों के लिए निशुल्क मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च कर रही हैं, जिससे MSP पंजीकरण की प्रक्रिया और आसान हो गई है। इन ऐप्स की मदद से किसान अपने मोबाइल फोन से ही MSP पंजीकरण कर सकते हैं और अपनी फसल से संबंधित अपडेट प्राप्त कर सकते हैं।
MSP रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज
जब किसान MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पंजीकरण करवाते हैं, तो उन्हें कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। सबसे पहले, आधार कार्ड अनिवार्य होता है, क्योंकि यह किसान की पहचान को प्रमाणित करता है और सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है। इसके अलावा, बैंक पासबुक भी जरूरी है, क्योंकि MSP के तहत मिलने वाली राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
पंजीकरण के लिए भूमि रिकॉर्ड (खसरा-खतौनी) देना भी जरूरी होता है, जिससे यह पुष्टि होती है कि किसान जिस फसल का पंजीकरण करवा रहा है, वह उसकी खुद की जमीन पर उगाई गई है। इसके साथ ही, किसान को यह जानकारी देनी होती है कि वह कौन-सी फसल बेचने जा रहा है, ताकि सरकारी खरीद में सही जानकारी दर्ज की जा सके। पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मोबाइल नंबर भी आवश्यक होता है, क्योंकि इसी पर OTP वेरिफिकेशन के जरिए किसान की जानकारी को सत्यापित किया जाता है।
MSP पंजीकरण से लाभ
MSP पर पंजीकरण करवाने से किसानों को कई लाभ मिलते हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि उन्हें अपनी फसल का निश्चित और लाभकारी मूल्य मिलता है, जिससे उन्हें बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव की चिंता नहीं करनी पड़ती। बाजार में कभी-कभी फसल के दाम बहुत गिर जाते हैं, लेकिन MSP पर किसान को सरकारी दरों पर उचित मूल्य मिलता है। इसके अलावा, MSP के तहत किसानों को भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाता है, जिससे नकद लेन-देन में धोखाधड़ी या देरी का खतरा नहीं रहता। सरकार किसानों को MSP पर फसल खरीदने की गारंटी देती है और समय पर भुगतान सुनिश्चित करती है
MSP प्रणाली से किसान बिचौलियों के जाल में फंसने से बचते हैं, क्योंकि सरकारी खरीद प्रक्रिया में किसान सीधे पंजीकृत होते हैं और उन्हें उनकी फसल का सही मूल्य मिलता है। इसके अलावा, MSP पर पंजीकरण करवाने वाले किसानों को भविष्य में सरकारी योजनाओं और सुविधाओं में प्राथमिकता दी जा सकती है, जिससे वे अन्य सरकारी लाभ भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।