बारिश और ओलावृष्टि से फसलें हुई बर्बाद, सरकार देगी मुआवजा
किसान साथियों पिछले कुछ दिनों में लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण हरियाणा समेत कई राज्यों में तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि हुई, जिससे किसानों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा। विशेष रूप से हरियाणा के जींद जिले में इस बेमौसम बारिश का गहरा असर देखा गया। किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाने से वे काफी परेशान हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को मुआवजा देने की घोषणा की है। सरकार ने एक फसल क्षति पोर्टल (Crop Compensation Portal 2025) शुरू किया है, जहां किसान अपनी फसल के नुकसान की जानकारी अपलोड कर सकते हैं और मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं।
फसल क्षति पोर्टल पर 10 मार्च तक करें आवेदन
हरियाणा सरकार ने उन किसानों के लिए फसल क्षति पोर्टल खोला है, जिनकी फसलें बारिश और ओलावृष्टि के कारण खराब हो गई हैं। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपने नुकसान की जानकारी दर्ज कर सकते हैं और सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। विशेष रूप से जींद जिले के उन किसानों को, जिनकी फसलें 20 फरवरी को खराब हुई थीं, 10 मार्च तक अपनी जानकारी अपलोड करने का अवसर दिया गया है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, जींद जिले के चाबरी, आसान, कोयल, खारकरामजी, संडील, बहादुरपुर और नेपेवाला गांवों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण भारी नुकसान हुआ है। इन गांवों के किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए फसल क्षति पोर्टल खोलने का निर्णय लिया है।
पटवारी और गिरदावरी रिपोर्ट पर किसानों की नाराजगी
किसानों की शिकायतें रही हैं कि पहले जब पटवारी और अन्य सरकारी कर्मचारी फसल नुकसान का आकलन करते थे, तो कई बार भेदभाव होता था और किसानों को सही मुआवजा नहीं मिल पाता था। इसी समस्या को दूर करने के लिए हरियाणा सरकार ने फसल क्षति पोर्टल लॉन्च किया है, जहां किसान खुद अपनी फसल की नुकसान की रिपोर्ट अपलोड कर सकते हैं।
अब किसानों को मुआवजा पाने के लिए किसी सरकारी कर्मचारी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। वे सीधे पोर्टल पर जाकर अपनी फसल का विवरण और फोटो अपलोड कर सकते हैं। सरकार इस डेटा के आधार पर प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजेगी।
अब बिचौलियों की भूमिका खत्म
हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी बिचौलिए की भूमिका को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए। अब मुआवजा राशि सीधे "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल से जुड़े किसानों के सत्यापित बैंक खातों में जमा की जाएगी। इससे किसानों को उनकी पूरी राशि मिलेगी और कोई भी व्यक्ति इसमें धोखाधड़ी नहीं कर पाएगा।
किसानों को क्या करना होगा?
- फसल क्षति पोर्टल पर लॉगिन करें।
- अपनी फसल के नुकसान की पूरी जानकारी दर्ज करें।
- खराब हुई फसल की तस्वीरें अपलोड करें।
- अपने बैंक खाते की जानकारी अपडेट करें।
- 10 मार्च तक आवेदन पूरा करें, ताकि सरकार द्वारा जल्द से जल्द मुआवजा जारी किया जा सके।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।