कोहरे ठंड और बरसात को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट | देखें अगले 3 दिन का मौसम
24 जनवरी को, जैसा कि अनुमान था, 22 aur 23 जनवरी की रात को बारिश की गतिविधियाँ शुरू हुई थीं। दक्षिणी हरियाणा, दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश देखने को मिली। इसके अलावा, उत्तरी राजस्थान में भी हल्की बारिश के रूप में गतिविधियाँ थीं। अब मौसम धीरे-धीरे साफ़ हो रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बादल छाए हुए हैं, लेकिन यह वेस्टर्न डिस्टरबेंस अब समाप्त हो रहा है। पहाड़ों पर भी हल्की बर्फबारी हुई थी, लेकिन यह अपेक्षाकृत कम रही। जैसा कि पहले अनुमान था कि बर्फबारी अधिक होगी, वैसा नहीं हुआ। अब वेस्टर्न डिस्टरबेंस समाप्त होने के बाद मौसम में कोई भी खास सक्रियता नहीं दिखाई दे रही है। 29 जनवरी के आसपास एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ सकता है, लेकिन उसके प्रभाव पर नज़र बनाए रखी जाएगी। इस समय, आगामी दिनों में देश के किसी हिस्से में कोई महत्वपूर्ण मौसम गतिविधि नहीं होने की संभावना है, और मौसम सामान्यतः शांत बना रहेगा।
पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी हवाओं का प्रभाव
पिछले कुछ दिनों से जो मौसम प्रणाली सक्रिय थी, वह साइक्लोनिक सर्कुलेशन थी, जो उत्तर-पूर्वी राजस्थान और पंजाब तथा उसके आस-पास के इलाकों में स्थित थी। इस साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण ही बारिश और मौसम की गतिविधियाँ हो रही थीं। अब यह वेस्टर्न डिस्टरबेंस लगभग खतम हो चुका है और उत्तरी हवाएं धीरे-धीरे सक्रिय हो रही हैं। इन उत्तरी हवाओं के कारण तापमान में गिरावट आ रही है। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी राजस्थान और गुजरात के कुछ इलाकों में न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई है। उत्तरी हवाएं जब भी सक्रिय होती हैं, तो ये सामान्यतः तापमान को कम कर देती हैं। ऐसे में, आगामी दिनों में तापमान में और अधिक गिरावट देखने को मिल सकती है।
हल्की बारिश और बर्फबारी
पिछले 24 घंटों में जो बारिश हुई, वह बहुत हल्की रही। दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाकों में हल्की बारिश देखी गई। इसके साथ ही असम में भी हल्की बारिश हुई थी और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुभव हुआ। पहाड़ी इलाकों में जम्मू और कश्मीर में हल्की बर्फबारी देखने को मिली, जो मुख्य रूप से ऊंचे पहाड़ी इलाकों तक सीमित रही। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर बारिश हुई, लेकिन बर्फबारी की कोई महत्वपूर्ण घटना नहीं घटी। इस दौरान तापमान में भी गिरावट आ रही है।
मौसम प्रणाली और हवाओं का दिशा परिवर्तन
अब जो मौसम का सिस्टम बन रहा है, उसमें हवाओं का दिशा परिवर्तन देखा जा रहा है। वर्तमान में जो हवाएं उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिशा में बह रही थीं, अब उनका दिशा परिवर्तन हो रहा है। यह हवाएं अब अधिक दक्षिण-पश्चिमी दिशा में बहेंगी और मध्य भारत में भी प्रभाव डालेंगी। यह बदलाव पश्चिमी राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में महसूस किया जाएगा। जैसे-जैसे वेस्टर्न डिस्टरबेंस और अन्य मौसम प्रणाली आगे बढ़ेगी, हवाओं का दिशा परिवर्तन और भी अधिक स्पष्ट होगा। इसके बाद, हवाएं पूरे उत्तर भारत में प्रभाव डालेंगी और इनकी गति में वृद्धि हो सकती है। इस बदलाव का असर मध्य भारत और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में देखा जाएगा, और यह अधिक क्षेत्रों को कवर करेगा।
मौसम प्रणाली में बदलाव
इन सभी परिवर्तनों के चलते, तापमान में गिरावट की प्रक्रिया जारी रहेगी। यह गिरावट विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी राजस्थान, जम्मू कश्मीर और गुजरात के क्षेत्रों में अधिक महसूस की जाएगी। जैसे ही हवाओं का दिशा परिवर्तन होगा, इस बदलाव का प्रभाव अधिक क्षेत्रों में देखा जाएगा। इन सभी परिवर्तनों के बीच, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी दिनों में तापमान में और गिरावट हो सकती है, जिससे ठंड बढ़ सकती है। वहीं, इसके साथ ही मौसम प्रणाली का संतुलन भी बदल सकता है, जिससे अगले कुछ दिनों में हल्की बारिश या अन्य मौसम गतिविधियाँ भी हो सकती हैं।
हवाओं का प्रभाव और तापमान में बदलाव
भारत में मौसमी गतिविधियों के लिए हवाओं की दिशा और उनकी गति मुख्य कारक होते हैं। वर्तमान में उत्तरी भारत के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में उत्तरी ठंडी हवाओं के चलते तापमान में गिरावट देखी जा रही है। हालांकि, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, और तेलंगाना जैसे क्षेत्रों में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही गर्म हवाओं के कारण तापमान बढ़ने की संभावना है।
मौसम की स्थिति और पश्चिमी विक्षोभ
24 जनवरी की सुबह पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश दर्ज की गई। यह गतिविधियां पश्चिमी विक्षोभ और राजस्थान के आसपास बने चक्रवाती परिसंचरण के कारण हुईं। हालांकि, अब यह विक्षोभ कमजोर पड़ रहा है और अगले कुछ दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। अगले 4-5 दिनों में किसी बड़े मौसम तंत्र के बनने के संकेत नहीं हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, और पूर्वोत्तर राज्यों में कोहरे की स्थिति बनी रहेगी। हालांकि, 24-48 घंटों के बाद हवाओं की रफ्तार बढ़ने से कोहरा घना नहीं हो पाएगा। इससे सड़क, रेल, और हवाई यातायात पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
26 जनवरी के दिन पूरे भारत में मौसम शुष्क और सुहावना रहेगा। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है, जबकि दिन का तापमान 20 डिग्री के आसपास रहेगा। परेड के समय हल्की ठंड होगी, लेकिन धूप के कारण मौसम खुशनुमा रहेगा। कोई भी बादल या फॉग नहीं होने से फ्लाई पास्ट का शानदार नजारा स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।
क्षेत्रीय मौसमी गतिविधियां
पूर्वोत्तर भारत: अरुणाचल प्रदेश और पूर्वी असम में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है। नागालैंड में भी हल्की बारिश हो सकती है।
तमिलनाडु और दक्षिण भारत: तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्सों, लक्षद्वीप, और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
पश्चिमी भारत: गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में उत्तरी ठंडी हवाओं के चलते न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी जा रही है।
तापमान का विश्लेषण
पिछले 24 घंटों में, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी राजस्थान, और गुजरात में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। ठंडी हवाओं के चलते अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट हो सकती है। वहीं, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही गर्म हवाओं के कारण महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे क्षेत्रों में तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है।
सोर्स मौसम विभाग
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।