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दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में बढ़ सकता है गर्मी का प्रकोप | जाने मौसम विभाग ने क्या जारी की रिपोर्ट

दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में बढ़ सकता है गर्मी का प्रकोप | जाने मौसम विभाग ने क्या जारी की रिपोर्ट
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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के लिए आने वाले सात दिन अपेक्षाकृत सहज और राहत भरे प्रतीत हो रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, तापमान में अपेक्षित वृद्धि जरूर होगी, किंतु तीव्र गर्मी या लू जैसी असहज परिस्थिति उत्पन्न नहीं होगी। नागरिकों को तेज धूप या जलनकारी हवाओं से डरने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि वातावरण में नमी और सम संतुलन बना रहेगा। बीते दिनों की तुलना में, आगामी सप्ताह में दिन के समय गर्मी अधिक प्रभावी होगी, परंतु यह खतरनाक स्तर को नहीं छुएगी,

रात के समय तापमान की बात करें तो राजधानी में अत्यधिक बढ़ोतरी की कोई संभावना फिलहाल दृष्टिगोचर नहीं हो रही। पहले मौसम विभाग द्वारा दी गई चेतावनी में 16 से 18 अप्रैल के बीच गरमी के तीव्र प्रकोप की आशंका जताई गई थी, परंतु अब उसे निरस्त कर दिया गया है। संशोधित भविष्यवाणी के अनुसार, 15 से 20 अप्रैल के दौरान अधिकतम तापमान 37 से 41 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 से 26 डिग्री के मध्य बना रहेगा। यह स्तर सामान्य से थोड़ा ऊपर अवश्य है, किंतु चिंता का विषय नहीं है। 

राजधानी की हवाओं में विविधता का दौर देखने को मिलेगा, जहां पवन अलग-अलग दिशाओं से बहेंगी और गति 10 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास स्थिर रहेगी। बीते मंगलवार को शहर का अधिकतम तापमान 37.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो कि औसत से लगभग 1.8 डिग्री अधिक था। वहीं न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस मापा गया, जो कि सामान्य से लगभग 3 डिग्री ऊंचा था। इन तापमानों के बावजूद वातावरण में शुष्कता का प्रभाव गंभीर नहीं था और हवाओं की स्थिरता के कारण जनजीवन पर कोई नकारात्मक असर महसूस नहीं हुआ।

बुधवार को बदलेगा मौसम

मौसम विभाग का आकलन दर्शाता है कि बुधवार को दिन में सूर्य का तेज प्रकाश आसमान में बना रहेगा, किंतु सायंकाल बादलों की उपस्थिति देखने को मिल सकती है। समतल सतहों पर हल्की हवा लगातार बहती रहेगी, जिसकी गति 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच अनुमानित की गई है। उस दिन अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है। इसके अतिरिक्त केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 180 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है

 विभिन्न क्षेत्रों में मौसम का मिजाज

देशभर में मौसम की गतिविधियों में भारी भिन्नता परिलक्षित हो रही है, जहां कुछ भागों में गरज-चमक के साथ वर्षा की संभावना बनी हुई है, वहीं अन्य प्रदेशों में तापमान चरम सीमा की ओर बढ़ता दिख रहा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 16 से 20 अप्रैल के दौरान भारत में कुल पाँच सक्रिय चक्रवातीय परिसंचरण प्रभावी रहेंगे, जिनमें से पश्चिमी राजस्थान, दक्षिण मध्य प्रदेश, गल्फ ऑफ मन्नार, तमिलनाडु से सटे बंगाल की खाड़ी और पश्चिमी असम इसके प्रमुख केंद्र होंगे। इन परिस्थितियों के चलते विभिन्न अंचलों में मौसम में तीव्र परिवर्तन और अस्थिरता की स्थिति बनी रहेगी।

ओडिशा, बिहार, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा जैसे राज्यों में आगामी दिनों में मध्यम से तीव्र वर्षा के साथ आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। 50-60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाओं के चलने की आशंका है, जिससे जन-धन की हानि की संभावना बन सकती है। ओडिशा में 16 अप्रैल को ओलावृष्टि के साथ भारी बारिश के संकेत हैं, जबकि 17 अप्रैल को बिहार, झारखंड और गंगा किनारे बसे पश्चिम बंगाल में तेज तूफानी हवाएं उत्पन्न हो सकती हैं। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और विदर्भ क्षेत्र में भी गरज के साथ तेज बारिश और हवाओं की स्थिति बनेगी। तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में भी अगले पाँच दिन मौसम का मिजाज अस्थिर बना रहेगा। बिजली की गर्जना, मूसलधार बारिश और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा चलने की संभावनाएं हैं। इन राज्यों में आर्द्रता की अधिकता के चलते लोगों को चिपचिपे मौसम का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों पर प्रभाव पड़ने की आशंका भी जताई जा रही है,

हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ की आहट

16 से 20 अप्रैल के मध्य एक शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पर्वतीय प्रदेशों में दस्तक देगा। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में इसकी तीव्रता के चलते 18 और 19 अप्रैल को भारी वर्षा, ओलावृष्टि तथा तेज हवाओं की संभावना बन रही है। इसके अलावा, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी इस प्रणाली का असर महसूस किया जाएगा, जहां धूलभरी आंधी और हल्की वर्षा के हालात बन सकते हैं।

पश्चिमी भारत में लू और गर्म रातों का प्रकोप

पश्चिम राजस्थान में 16 से 18 अप्रैल के बीच गर्म हवाओं का प्रभाव गंभीर रूप धारण कर सकता है। वहीं पूर्वी राजस्थान और गुजरात में 18 अप्रैल तक गर्म लहरों का प्रभाव बना रहेगा। कोंकण, गोवा, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे तटीय राज्य उच्च आर्द्रता और उमस के वातावरण में डूबे रहेंगे, जिससे लोगों को बेचैनी का अनुभव हो सकता है। इसके अतिरिक्त राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी रात के समय पारा अधिक बना रहेगा|

सोर्स मौसम विभाग

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।