NH-152D को जोड़ा जाएगा मुंबई एक्सप्रेसवे से | इन जिलों की होगी चांदी
साथियों, हरियाणा अब अपनी सड़क नेटवर्क को और बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने हाल ही में हरियाणा में एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है – ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे। इस एक्सप्रेसवे का उद्देश्य उत्तर भारत को मुंबई से सीधा जोड़ना है, जिससे यात्रा का समय कम होगा और सड़क मार्ग से यातायात की सुविधा और अधिक आसान हो जाएगी। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना का विस्तार हरियाणा से गुजरते हुए 8 से अधिक राज्यों को जोड़ने का है। यह नया मार्ग न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों के बीच यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि हरियाणा के विभिन्न जिलों को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण क्यों महत्वपूर्ण है और यह कैसे लाखों लोगों की यात्रा को आसान बनाएगा। तो चलिए जानते हैं इस एक्सप्रेसवे के बारे में इस रिपोर्ट के माध्यम से।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का महत्व
दोस्तों, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण भारत के सड़क नेटवर्क को एक नया आयाम प्रदान करेगा। यह एक आधुनिक और हाई-फास्ट एक्सप्रेसवे होगा, जो केवल हरियाणा ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत के कई राज्यों को जोड़ने का काम करेगा। खास बात यह है कि यह मार्ग सीधा मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाला है, जो मुंबई को सीधे उत्तर भारत से जोड़ता है। आजकल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स का महत्व बढ़ चुका है। इसलिए, इस नए मार्ग से हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लोग आसानी से मुंबई की ओर यात्रा कर सकेंगे। पहले इन राज्यों के लोग लंबी यात्रा करते थे, जिसमें समय और ईंधन की काफी बर्बादी होती थी। अब यह नया एक्सप्रेसवे उन सभी समस्याओं का समाधान करेगा।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का रोड मैप
साथियों, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना 152D के तहत बननी है, और इसका पूरा नेटवर्क 86.5 किलोमीटर लंबा होगा। इस एक्सप्रेसवे को 14 सौ करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे हरियाणा और राजस्थान के बॉर्डर पर स्थित पनियाला से शुरू होगा और अलवर के पास मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। परियोजना के अनुसार, इस मार्ग का काम पैटर्न पर आधारित होगा, जहां एक्सप्रेसवे की जमीन हस्तांतरण प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अपनी पूरी योजना के लिए दो वर्षों की समयसीमा तय की है, और उनका लक्ष्य है कि यह मार्ग 2027 तक पूरी तरह से तैयार हो जाए। इसके अलावा, इस मार्ग से संबंधित कनेक्टिविटी के मामले में एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे जम्मू, कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल, उत्तराखंड जैसे राज्यों के वाहन सीधे मुंबई एक्सप्रेसवे पर चढ़ सकेंगे। इसके कारण यात्रियों का समय बहुत बचने वाला है, क्योंकि पहले उन्हें लंबा रूट तय करना पड़ता था, जो काफी समय और ऊर्जा की बर्बादी करता था।
पुराने रास्ते से तुलना
दोस्तों, अभी तक, अगर कोई वाहन कुरुक्षेत्र से इस्माईलाबाद की तरफ से ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे पर यात्रा करता था, तो उसे करीब 227 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। इसके बाद वह नारनौल और पनियाला होते हुए कोटपुतली पहुंचता था, और फिर जयपुर और अजमेर होते हुए मुंबई की ओर बढ़ता था। यह यात्रा काफी लंबी और थकाने वाली थी। लेकिन नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पनियाला से शुरू होकर सीधे अलवर के पास मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा, जिससे न केवल दूरी कम होगी, बल्कि यात्रा का समय भी काफी घट जाएगा। इससे खासकर हरियाणा के लोग बहुत फायदा उठाएंगे, क्योंकि इस मार्ग से वह सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ पाएंगे।
कनेक्टिविटी के लाभ
साथियों, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे हरियाणा के अधिक जिले सीधे दिल्ली और मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएंगे। इस से हरियाणा के जिला पंचकुला, कुरुक्षेत्र, और अम्बाला जैसे क्षेत्रों को दिल्ली से और गुरुग्राम से भी सीधा संपर्क मिलेगा। इस परियोजना से राज्य में पर्यटन, व्यापार, और कृषि के क्षेत्र में भी सुधार हो सकता है, क्योंकि इसके जरिए हरियाणा में माल का परिवहन और लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा। इसके अलावा, यह हरियाणा के चंडीगढ़ से जयपुर तक के सफर को भी काफी कम कर देगा। वर्तमान में यह यात्रा लगभग 5-6 घंटे में पूरी होती है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह सफर बहुत कम समय में तय हो सकेगा।
परियोजना के विकास की दिशा
साथियों, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मुकेश कुमार के अनुसार, यह परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल हरियाणा बल्कि पूरे उत्तर भारत को लाभ पहुंचाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि परियोजना के कार्यों को जल्द शुरू करने की पूरी कोशिश की जा रही है। इस काम को पूरा करने में दो साल लग सकते हैं, लेकिन उनकी कोशिश होगी कि इसे पहले पूरा किया जाए। इस एक्सप्रेसवे के बनते ही यात्रियों को एक नए प्रकार का सुविधाजनक मार्ग मिलेगा, जो पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और तेज होगा।
भविष्य में उम्मीदें
दोस्तों, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि यह भारतीय परिवहन क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों को अपनाने का अवसर भी प्रदान करेगा। इससे भारतीय सड़क नेटवर्क में एक नया मोड़ आएगा और यात्रियों को एक नया अनुभव मिलेगा। साथ ही, इससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे, जो स्थानीय समुदाय के लिए लाभकारी साबित होंगे।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।