दिल्ली की तरह राजस्थान के इस शहर में बनेगा रिंग रोड | इस इलाके के किसान बनेंगे करोड़पति
साथियों, सीकर शहर, जो राजस्थान का एक प्रमुख शैक्षिक और ऐतिहासिक नगर के रूप में जाना जाता है, इन दिनों अपनी यातायात समस्याओं से जूझ रहा है। जैसे-जैसे शहर का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे इसके प्रमुख मार्गों पर यातायात का दबाव भी बढ़ता जा रहा है। विशेष रूप से शहर में जाम की समस्या आम होती जा रही है। इसी समस्या को देखते हुए, राज्य सरकार ने सीकर में जयपुर की तर्ज पर एक रिंग रोड बनाने की योजना बनाई है। इसके अलावा, जयपुर-बीकानेर बाइपास को फोरलेन बनाने की भी योजना है। इस बाइपास का फोरलेन होने से न केवल यातायात की गति बढ़ेगी, बल्कि इससे सीकर की आसपास की सड़कें भी बेहतर होंगी। लेकिन, इन योजनाओं को लेकर कुछ सवाल भी खड़े हुए हैं, जिनका समाधान किया जाना जरूरी है। इस रिपोर्ट में हम सीकर के रिंग रोड और बाइपास परियोजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, और इस बारे में विशेषज्ञों की राय को भी समझेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं यह रिपोर्ट।
सीकर में रिंग रोड
दोस्तों, आपको बता दें कि सीकर का यातायात इन दिनों खासा बढ़ चुका है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां से प्रमुख मार्ग गुजरते हैं। जिसके कारण शहर की सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक के कारण जाम की स्थिति बन जाती है। इसी कारण, सरकार ने सीकर में रिंग रोड बनाने का विचार किया है। इस रिंग रोड के बनने से, शहर के भीतर से गुजरने वाले ट्रैफिक को बाहर के रास्तों पर भेजा जा सकेगा, जिससे शहर में ट्रैफिक की भीड़ कम हो जाएगी। इससे न केवल वाहन चालकों को आराम मिलेगा, बल्कि शहरवासियों को भी जाम से राहत मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि सीकर की रिंग रोड परियोजना, जयपुर की रिंग रोड की तरह सफल हो सकती है। लेकिन, यह योजना भविष्य में ही साकार हो पाएगी, क्योंकि इसके लिए काफी निवेश और समय की आवश्यकता है। इसके अलावा, शहर के बाहर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करना जरूरी होगा, ताकि रिंग रोड का अधिकतम लाभ लिया जा सके।
जयपुर-बीकानेर बाइपास का फोरलेन
दोस्तों, सीकर को जयपुर से जोड़ने वाली प्रमुख सड़क, जयपुर-बीकानेर बाइपास, इन दिनों सीकर के अंदर आने वाले वाहनों का मुख्य मार्ग बन चुकी है। इस सड़क पर जाम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस समस्या का समाधान करने के लिए, राज्य सरकार ने इस बाइपास को फोरलेन बनाने का निर्णय लिया है। फोरलेन बनने से, इस सड़क पर यातायात की गति बढ़ेगी और ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी। लेकिन, इस योजना को लेकर कई सवाल भी उठाए जा रहे हैं। एक ओर, जब यह बाइपास फोरलेन बनेगा, तो सीकर शहर से बाहर जाने वाले वाहनों के लिए एक बड़ा मार्ग उपलब्ध होगा, जिससे उनका समय और ईंधन दोनों की बचत होगी। वहीं दूसरी ओर, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल इस मार्ग पर जाम का दबाव इतना नहीं है, जितना कि अन्य क्षेत्रों पर है। ऐसे में, बाइपास को फोरलेन बनाने की योजना को प्राथमिकता देना आवश्यक नहीं है। इसके बावजूद, यह फैसला शहर की यातायात स्थिति को देखते हुए लिया गया है, और इसे भविष्य की योजना के रूप में देखा जा रहा है।
चंदपुरा रोड पर ओवरब्रिज
साथियों, इस परियोजना के तहत सीकर के चंदपुरा रोड पर ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव भी है, लेकिन इस पर सड़क इंजीनियरिंग के एक्सपर्ट की राय कुछ अलग है। उनका कहना है कि फिलहाल चंदपुरा रोड पर यातायात का दबाव इतना ज्यादा नहीं है कि यहां ओवरब्रिज की आवश्यकता हो। इसके बजाय, यहां रिंग रोड और अन्य बड़े परियोजनाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए। कुछ एक्सपर्ट के अनुसार चंदपुरा रोड पर ओवरब्रिज बनाने से, यहां के स्थानीय लोगों को समस्या हो सकती है। जैसे, शहर में बसे लोग और छोटे व्यापारियों के लिए यह पुलिया एक चुनौती बन सकती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को इस बारे में रिंग रोड के डीपीआर (Detailed Project Report) को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि स्थानीय लोग और यातायात दोनों के लिए कोई परेशानी न हो।
जलभराव की समस्या
साथियों, ट्रैफिक जाम के अलावा सीकर शहर में जलभराव की समस्या भी एक प्रमुख मुद्दा बन चुकी है। खासकर वर्षा के मौसम में, शहर के कई क्षेत्र जलमग्न हो जाते हैं, जिससे सड़क यातायात प्रभावित होता है। इस स्थिति का समाधान करने के लिए, प्रशासन ने पानी निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने की योजना बनाई है। इसके लिए लगभग 350 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार किया गया है, जो जल निकासी की समस्या को हल करने के लिए आवश्यक उपायों की योजना प्रस्तुत करता है। हालांकि, कई इलाके जैसे रामू का बास से भढाडर तक, जहां जलभराव की समस्या अधिक होती है, वहां पहले फोरलेन बनाने की आवश्यकता है। इसके बाद ही जलनिकासी के लिए उचित परियोजनाएं शुरू की जा सकती हैं। इस प्रकार, सही समय पर योजना बनाकर इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
सांवली चौराहा और अन्य प्रमुख मार्ग
विशेषज्ञों के अनुसार सांवली चौराहा, जो कि सीकर के एक व्यस्त क्षेत्र में स्थित है, यहां लगातार यातायात का दबाव बना रहता है। यह क्षेत्र मेडिकल कॉलेज और औद्योगिक क्षेत्र के निकट होने के कारण, वहां वाहनों की आवाजाही अधिक रहती है। ऐसे में, यहां दुर्घटनाओं का खतरा भी ज्यादा रहता है। अगर यहां पुलिया का निर्माण किया जाता है, तो इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यातायात में भी सुधार होगा। इसके अलावा, धोद रोड और पालवास रोड जैसे अन्य मार्गों पर भी इसी तरह के सुधारों की आवश्यकता है। यहां के निवासी और यात्री, दोनों ही इन मार्गों पर सुरक्षित यात्रा करना चाहते हैं। पुलिया का निर्माण इन रास्तों पर दुर्घटनाओं को कम कर सकता है, जिससे यातायात की स्थिति भी सुधर सकती है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।