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क्या पिछले दो सालो की तरह इस साल भी गेहूं की उपज में आएगी गिरावट | जानें क्या हो सकती है इसकी वजह

क्या पिछले दो सालो की तरह इस साल भी गेहूं की उपज में आएगी गिरावट | जानें क्या हो सकती है इसकी वजह
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किसान साथियो रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की बुआई देश के ज्यादातर राज्यों में में लगभग 95 प्रतिशत हो चुकी है. लेकिन जिन राज्यों में बुवाई पिछड़ी हुई है, वहां भी इसे जल्द पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। गेहूं उत्पादन के मामले में भारत टॉप पर है। भारत से कई देशों में गेहूं का निर्यात किया जाता है। हालाँकि, हाल के सालो में गेहूं की पैदावार में गिरावट आ रही है, जो भारत के लिए चिंता का कारण है। वहीं, गेहूं उत्पादन में कमी के कारण आटे की कीमतो में बढ़ोतरी हो सकती है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

असर पड़ सकता मौसम का गिरावट पर
पिछले दो वर्षों में गेहूं की कटाई के लिए मौसम अनुकूल नहीं रहा है। क्योंकि ठीक मार्च 2023 में तापमान जून-जुलाई के बराबर हो गया था. अचानक तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल अच्छी नहीं हो पाई। फसल जल्दी पक गयी. इसकी वजह से अनाज उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ. वहीं, 2022 सीजन में जब गेहूं पकने का समय आया तो बेमौसम बारिश ने पूरे उत्पादन पर असर पड़ा था. पिछले दोनों सीजन में मौसम का गेहूं के उत्पादन पर काफी असर पड़ा और उसकी उपज भी प्रभावित हुई. ये भी पढ़े :-धान में मन्दी पर लगेगा ब्रेक और तेजी होगी शुरू, जानें कब

क्या अल नीनो का पड़ेगा असर
किसान साथियो इस साल सूखा गेहूं की फसल पर दबाव डाल सकता है। दरअसल, अक्टूबर में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई। वहीं, नवंबर में भी बारिश काम ही हुई । जबकि तापमान गर्म था. इस कारण गेहूं की बुआई बुरी तरह प्रभावित हुई। दिसंबर के पहले सप्ताह में पिछले साल की तुलना में गेहूं बुआई का रकबा 4 फीसदी कम हो गया. इस वर्ष को अल नीनो का वर्ष घोषित किया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, फरवरी से अल नीनो का प्रभाव तेज हो जाएगा। यह भी एक कारण होगा जिसका असर गेहूं की फसल पर पड़ेगा।

गेहूं स्टॉक में आ सकती है कमी
केंद्र सरकार के मुताबिक नवंबर महीने में गेहूं का स्टॉक 210 लाख टन था. वहीं आपूर्ति कम होने से अनाज की कीमतें भी बढ़ रही हैं. हालांकि सरकार कीमत पर काबू पाने की कोशिश कर रही है. सरकार खुले बाज़ार में बिक्री के माध्यम से गेहूं उपलब्ध कराती है। इसके लिए बचा हुआ स्टॉक का इस्तेमाल करना जरूरी है. ऐसी स्थिति में, गेहूं की आपूर्ति में और कमी आ सकती है, जो सरकार और जनता के लिए चिंता का कारण है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।