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सफेद तना गलन रोग सरसों में तेजी से फ़ैल रही ये बीमारी | जाने इसका रामबाण इलाज इस रिपोर्ट में

सफेद तना गलन रोग सरसों में तेजी से फ़ैल रही ये बीमारी | जाने इसका रामबाण इलाज इस रिपोर्ट में
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किसान साथियो पिछले दो-तीन सालों से सरसों की बजाई अधिक पमाने पर की जा रही है। जैसा की आप सभी को पता ही है की सरसों की फसल तिलहनी की फसल है। जिससे तेल निकला जाता है। और सरसों की फसल की बजाई रबी सीजन में की जाती है। हाल की के सालो में सरसों की खेती में सफेद तना गलन की समस्या अधिक सामने आई है। वास्तव में इस बीमारी का कोई प्रभावी इलाज नहीं है। लेकिन आप अभी भी बीज और मिट्टी का उपचार करके इस बीमारी को आसानी से रोक सकते हैं। यह एक खतरनाक बीमारी है. जो आपकी सरसों की फसल को पूरी तरह से नष्ट कर देगी है. WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

कैसे करे पहचान सरसों में सफ़ेद तना गलन रोग की
साथियो इस रोग में पौधे का तना सड़ कर सूख जाता है। सरसों में इसकी पहचान के लिए आपको जमीन से थोड़ा ऊपर तने पर एक सफेद फंगस या उल्ली दिखाई देगी। जिस स्थान पर फंगस दिखाई देता है वहा से काफी समय के बाद पौधे का तना टूट जाता है और पौधा सूख जाता है और धीरे-धीरे पूरी फसल नष्ट हो जाती है। इस रोग में तने पर भूरे, सफेद और काले धब्बे दिखाई देते हैं। ये भी पढ़े :- क्या आज ही है धान बेचने का सबसे सही समय, जानें बासमती धान की तेजी मंदी रिपोर्ट

किसा समय सरसों में सफ़ेद तना गलन रोग फलता है
सरसों में यह रोग दिसम्बर एवं जनवरी माह में सबसे अधिक होता है। क्योंकि इस समय मौसम में नमी अधिक होती है। यदि दिसंबर और जनवरी में बारिश होती है और कोहरा छाया रहता है। जिससे सरसों के नीचे की पत्तियाँ नम रहती हैं। और फंगस पौधे के तने से चिपक जाता है। आजकल यह बीमारी अधिक तेजी से फैलती है।

सरसों में सफेद तना गलन रोग की रोकथाम
रोग की शुरुआत के बाद सरसों में सफेद तना गलन रोग की रोकथाम करना थोड़ा मुश्किल होता है। इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए इसके होने से पहले ही उपाय कर लेने चाहिए।

1. इस रोग को खेत में पहुंचने से पहले ही रोकने के लिए बाविस्टिन (कार्बेन्डाजिम 50% WP) 2 ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़काव करना चाहिए. ताकि इस रोग के फंगस को आपके खेत तक पहुंचने से पहले ही रोका जा सके.
2. इस रोग के लगने पर एम-45 (मैन्कोजेब 75% डब्लू. पी. ) 2 ग्राम प्रति लीटर तथा टेबोकोनाजोल 1 मिली प्रति लीटर का छिड़काव कर सकते हैं।
3. इस रोग की रोकथाम के लिए खेत की बुआई से पहले मिट्टी एवं बीज उपचार करना आवश्यक है।

यदि यह बीमारी आपके क्षेत्र में फैल रही है या पिछले वर्षों में फैली है। इसलिए आपको इसे रोकने के लिए उपाय करने की जरूरत है। अगर यह बीमारी आपके क्षेत्र में नहीं फैलती है तो इसमें कुछ भी स्प्रे करने की जरूरत नहीं है.

नोटः किसान साथियों ऊपर दी गई जानकारी किसान साथियों के निजी अनुभव और इंटरनेट के भरोसेमंद स्रोतों से प्राप्त की गई है। आपसे निवेदन है कि किसी भी जानकारी को प्रयोग में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञ से एक बार सलाह जरूर ले लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।