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क्या है गेहूं की फसल में हयूमिक एसिड के उपयोग का सही तरीका, जाने इस रिपोर्ट में।

क्या है गेहूं की फसल में हयूमिक एसिड के उपयोग का सही तरीका, जाने इस रिपोर्ट में।
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किसान साथियों, हयूमिक एसिड एक प्राकृतिक जैविक यौगिक है, जिसे कृषि क्षेत्र में मिट्टी की उर्वरता और पौधों के पोषण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मुख्य रूप से प्राकृतिक चट्टानों और जैविक अवशेषों के विघटन से प्राप्त होता है। यह जैविक कृषि (Organic Farming) के लिए एक अनिवार्य साधन बन चुका है, जो न केवल मिट्टी की संरचना को सुधारता है, बल्कि पौधों के पोषक तत्वों को प्रभावी ढंग से ग्रहण करने में भी सहायक होता है। आज के समय में, जब रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता खराब हो रही है, हयूमिक एसिड जैविक और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में उभर रहा है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक होता है और मिट्टी को विषाक्तता से बचाने में मदद करता है। इसके उपयोग से न केवल पौधों की पैदावार बढ़ती है, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है। इसके उपयोग के प्रभाव न सिर्फ भारत में, अपितु विश्व स्तर पर देखे जा रहे हैं, जहां यह फसल की वृद्धि, मिट्टी के कटाव को रोकने, जल धारण क्षमता को बढ़ाने और पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान के रूप में काम कर रहा है। हयूमिक एसिड का व्यापक उपयोग कृषि, बागवानी और पर्यावरण संरक्षण में हो रहा है, जिससे इसे कृषि क्षेत्र में क्रांति का हिस्सा माना जा रहा है। हयूमिक एसिड मुख्य रूप से दो प्रकार में उपलब्ध होता है—एक दानेदार ठोस रूप में और दूसरा तरल पदार्थ के रूप में। इस रिपोर्ट में हम हयूमिक एसिड के बारे में, गेहूं की फसल में इसकी मात्रा, उपयोग करने की विधि, गेहूं की फसल के लिए दानेदार या लिक्विड कौन सा हयूमिक एसिड सही रहता है, और यह फसल पर किस प्रकार कार्य करता है, इन सब बातों पर विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे। तो चलिए इसके बारे में जानने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

हयूमिक एसिड क्या है?

किसान भाइयों, हयूमिक एसिड एक प्रकार का प्राकृतिक कार्बनिक अम्ल (Organic Acid) है, जो चट्टानों और जैविक पदार्थों के अपघटन से उत्पन्न होता है। यह पूरी तरह से जैविक (Organic) होता है और इसमें किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों (Harmful Chemicals) का उपयोग नहीं किया जाता। यह मुख्य रूप से दो प्रकार में उपलब्ध होता है:

1. दानेदार (Granular): यह ठोस रूप में मिलता है और इसे सीधे मिट्टी में मिलाया जा सकता है।

2. लिक्विड (Liquid): यह तरल रूप में मिलता है और स्प्रे के रूप में इसका उपयोग किया जाता है।

हयूमिक एसिड के मुख्य तत्व

किसान साथियों, हयूमिक एसिड में कई जैविक तत्व पाए जाते हैं, जो मिट्टी और पौधों के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। इसमें कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के साथ-साथ आवश्यक खनिज जैसे पोटाश और जिंक की मात्रा भी पाई जाती है। हयूमिक एसिड में कार्बन का कार्य मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने का है, वहीं हाइड्रोजन और ऑक्सीजन पौधों के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करते हैं।

हयूमिक एसिड के कार्य

साथियों, हयूमिक एसिड मिट्टी की संरचना (Soil Structure) को सुधारता है और मिट्टी में नमी बनाए रखने की क्षमता बढ़ाता है। यह मिट्टी को लचीला (Aerated) बनाकर पौधों की जड़ों को पोषक तत्व ग्रहण करने में मदद करता है। हयूमिक एसिड पौधों के विकास में भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पौधों की जड़ों को तेजी से बढ़ने में मदद करता है। हयूमिक एसिड के उपयोग से जड़ों की लंबाई और गहराई दोनों में वृद्धि होती है, जिससे पौधे अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित कर पाते हैं। हयूमिक एसिड मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों को पौधों के लिए अधिक उपलब्ध बनाता है। यह नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को जड़ों तक तेजी से पहुंचाने में मदद करता है।

इसका उपयोग फसल उत्पादन को बढ़ाने के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे फसल चक्र (Crop Cycle) को बनाए रखना आसान हो जाता है और लंबे समय तक उत्पादन क्षमता बनी रहती है। हयूमिक एसिड के उपयोग से मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है। यह विशेष रूप से सूखा प्रभावित क्षेत्रों में उपयोगी है, जहां पानी की कमी के कारण फसलों को नुकसान होता है। हयूमिक एसिड के नियमित उपयोग से खेती में फसलों के लिए रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है। इसलिए यह जैविक खेती को बढ़ावा देने का एक प्रभावी साधन है।

हयूमिक एसिड की एक विशेषता यह भी है कि यह मिट्टी के पीएच मान को संतुलित रखता है। यह मिट्टी के अम्लीय (Acidic) या क्षारीय (Alkaline) स्तर को संतुलित करता है, जिससे फसलों को पोषण ग्रहण करने में सहायता मिलती है। हयूमिक एसिड मिट्टी में पड़े पोषक तत्वों को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है। जो पोषक तत्व बेकार अवस्था में मिट्टी में पहले से पड़े हुए हैं, यह उनको क्रियाशील करता है, जिससे वे दोबारा कार्य करने के लिए तैयार हो जाते हैं। इसके अलावा, यह प्राकृतिक होने के कारण हयूमिक एसिड का उपयोग फसलों की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करता है। इससे अनाज, सब्जियों और फलों में पोषण तत्वों की मात्रा बढ़ती है, जिससे बाजार में उनकी मांग और कीमत में वृद्धि होती है।

उपयोग की विधि

किसान भाइयों, हयूमिक एसिड का फसल में उपयोग करने के कई तरीके हैं, जो फसल और मिट्टी की आवश्यकता पर निर्भर करता है। किसान भाई हयूमिक एसिड (दानेदार) को सीधे खेत में मिट्टी में मिला सकते हैं। इसको दानेदार रूप में उपयोग करना सबसे आसान तरीका है। इसे दानेदार रूप में आप डीएपी, यूरिया या एनपीके के साथ मिलाकर खेत में डाल सकते हैं या इसे बालू में मिलाकर भी इसका उपयोग कर सकते हैं। आप इसका उपयोग किसी भी प्रकार के उर्वरक के साथ मिलाकर कर सकते हैं, जिसमें किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट होने का कोई खतरा नहीं होता। इसके लिए आपको एक से डेढ़ किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से हयूमिक एसिड की आवश्यकता होती है।

दानेदार रूप में फसल में इसका उपयोग 98% वाला सबसे सही रहता है। दानेदार हयूमिक एसिड फसल पर डालने के तीन से चार दिन बाद अपना असर दिखाना शुरू करता है। गेहूं की फसल में इसके उपयोग का सही समय 20 से 40 दिन के बीच का होता है। आप इसका उपयोग फसल में पहली सिंचाई से तुरंत पहले कर सकते हैं। इस अवस्था में इसका उपयोग फसल में बेहतर परिणाम देता है।

किसान भाइयों, अगर आप इसका उपयोग तरल रूप में करना चाहते हैं, तो इसे पानी में मिलाकर पौधों की पत्तियों पर छिड़का जा सकता है। यह पौधों को सीधे पोषण प्रदान करता है और तेजी से परिणाम देता है। स्प्रे विधि में आप इसकी दो मिली मात्रा को 1 लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर खेत में छिड़काव कर सकते हैं। लेकिन तरल रूप में इसमें अन्य किसी भी प्रकार के उर्वरक या दवाई को मिलाकर छिड़काव नहीं करना चाहिए। इसके साथ किसी अन्य दवा को मिलाने से आपकी फसल को नुकसान हो सकता है।

आप चाहे तो हयूमिक एसिड को ड्रिप सिंचाई प्रणाली के माध्यम से भी खेतों में पहुंचा सकते हैं। ड्रिप विधि में आप इसकी मात्रा 1 लीटर प्रति एकड़ के हिसाब से ले सकते हैं। यह पानी के साथ मिलकर जड़ों तक आसानी से पहुंचता है। इसके अलावा, बीजों को बुवाई से पहले हयूमिक एसिड में भिगोकर लगाया जा सकता है। इससे बीज अंकुरण (Seed Germination) बेहतर होता है और पौधों की शुरुआत मजबूत होती है।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।