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2025 में KCC बनवाने का क्या प्रोसेस है | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

2025 में KCC बनवाने का क्या प्रोसेस है | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
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किसान साथियो भारत की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार कृषि है और देश की लगभग 80% जनसंख्या खेती पर निर्भर है। केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस दिशा में पीएम फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC), किसान सम्मान निधि और कृषि उड़ान जैसी कई योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। विशेषकर सीमांत किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC) एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना 1998 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य किसानों को खेती के लिए आवश्यक धनराशि आसानी से उपलब्ध कराना है। किसान अपनी जमीन के आकार के आधार पर 50,000 रुपये से लेकर 3,00,000 रुपये तक का KCC लोन ले सकते हैं। इस लोन पर छह महीने के लिए 4% और वार्षिक 7% की ब्याज दर लागू होती है। इस लेख में हम किसान क्रेडिट कार्ड योजना के बारे में विस्तार से जानेंगे। इसमें हम यह जानेंगे कि KCC क्या है, इसके क्या फायदे हैं, और 2025 में KCC के लिए आवेदन करने के लिए कौन-से दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) क्या होता है?
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) एक विशेष प्रकार का लोन है जो किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह लोन किसानों को उनकी भूमि के क्षेत्रफल के आधार पर दिया जाता है। लोन लेने के लिए किसानों को बैंक में अपनी भूमि के दस्तावेज और स्वामित्व संबंधी जानकारी प्रस्तुत करनी होती है। KCC पर ब्याज दर आम तौर पर 4% से 7% प्रति वर्ष होती है। यदि किसान लोन को छह महीने के भीतर चुका देते हैं (जिसे रोलओवर कहा जाता है), तो उन्हें केवल 4% ब्याज का भुगतान करना होता है। सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत KCC लेने वाले किसानों को फसल बीमा का लाभ भी मिलता है। हालांकि, किसानों को खरीफ फसलों के लिए 2% और रबी फसलों के लिए 1.5% प्रीमियम राशि बैंक को देनी होती है। KCC के लिए आवेदन करने के लिए किसानों के पास अपनी कृषि भूमि का स्वामित्व होना आवश्यक है। भूमि का न्यूनतम क्षेत्रफल विभिन्न बैंकों के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।

KCC बनवाने के लिए कितनी जमीन चाहिए होती है
2025 में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन लेने के लिए, किसान के पास कम से कम आधा बीघा कृषि योग्य भूमि होना अनिवार्य है। हालांकि, किसान अपनी अन्य कृषि भूमि के लिए भी KCC लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। किसान स्वतंत्र है कि वह कितनी भूमि के लिए ऋण लेना चाहता है। KCC लोन की राशि बैंक द्वारा निर्धारित की जाती है और यह मुख्य रूप से किसान की भूमि के मूल्य पर निर्भर करती है। उच्च भूमि मूल्य वाले क्षेत्रों में किसानों को अधिक ऋण राशि मिल सकती है। आमतौर पर, राष्ट्रीयकृत बैंक किसान को उसकी भूमि के मूल्य का 60% से 80% तक ऋण प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए: यदि किसी किसान के पास 1 बीघा जमीन है और उसकी कीमत डीएलसी रेट या सर्किल रेट के अनुसार ₹200,000 प्रति बीघा है, तो वह 60% के आधार पर ₹120,000 तक का लोन ले सकता है। किसान के पास जितनी अधिक भूमि होगी और उसकी कीमत जितनी अधिक होगी, उतनी ही अधिक ऋण राशि उसे मिल सकती है।


किन किसनो को मिलता है केसीसी लोन
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना का उद्देश्य किसानों को कृषि गतिविधियों के लिए आसानी से ऋण उपलब्ध कराना है। इस योजना के लिए पात्रता मानदंड काफी सरल हैं, जिसके कारण सीमांत या लघु किसान भी आसानी से इसका लाभ उठा सकते हैं। KCC ऋण की राशि किसान के पास मौजूद भूमि के मूल्यांकन के आधार पर तय की जाती है और यह राष्ट्रीयकृत बैंकों या नाबार्ड द्वारा निर्धारित की जाती है। KCC ऋण के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है:
1. आयु: आवेदक किसान की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
2. लिंग: महिला और पुरुष दोनों किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
3. भूमि का आकार: किसान के पास कम से कम आधा बीघा (½ बीघा) उपजाऊ जमीन होना अनिवार्य है।
4. अन्य: सीमांत किसान और पीएम किसान निधि योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने वाले किसान इस योजना के लिए प्राथमिकता के आधार पर पात्र हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना उन सभी किसानों के लिए उपलब्ध है जो कृषि गतिविधियों में लगे हुए हैं। इस योजना के लिए पात्रता मानदंड सरल हैं और अधिकांश किसान आसानी से इन मानदंडों को पूरा कर सकते हैं। KCC ऋण के लिए आवश्यक दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया संबंधित बैंक शाखा में भिन्न हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए आपको अपने निकटतम बैंक शाखा से संपर्क करना चाहिए।

केसीसी बनवाने के लिए क्या क्या आवश्यक दस्तावेज है
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन लेने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज बैंक में जमा करने होते हैं। इन दस्तावेजों के माध्यम से किसान का पहचान और भूमि स्वामित्व का सत्यापन किया जाता है।

व्यक्तिगत दस्तावेज:
1. किसान का पहचान पत्र: यह दस्तावेज किसान की पहचान का प्रमाण होता है।
2. पासपोर्ट साइज फोटो: हाल ही में खींची गई पासपोर्ट साइज फोटो।
3. मोबाइल नंबर: एक सक्रिय मोबाइल नंबर।
4. ईमेल आईडी: एक वैध ईमेल आईडी।
5. आधार कार्ड: आधार कार्ड पहचान और पते का प्रमाण दोनों के रूप में काम करता है।
6. राशन कार्ड: राशन कार्ड भी पते का प्रमाण होता है।
7. मूल निवास प्रमाण पत्र: यह दस्तावेज किसान के स्थायी निवास का प्रमाण होता है।
8. ड्राइविंग लाइसेंस: ड्राइविंग लाइसेंस भी पहचान और पते का प्रमाण होता है।
9. पासपोर्ट: यदि आपके पास पासपोर्ट है, तो उसे भी प्रस्तुत किया जा सकता है।

भूमि से संबंधित दस्तावेज:
1. जमाबंदी नकल: यह दस्तावेज भूमि के स्वामित्व का प्रमाण होता है।
2. खतौनी नकल: यह दस्तावेज भूमि के विवरण और उस पर की गई फसल की जानकारी देता है।
3. भू नक्शा: यह दस्तावेज भूमि का नक्शा होता है।
4. गिरदावरी रिपोर्ट: यह रिपोर्ट भूमि के उपयोग और उत्पादकता के बारे में जानकारी देती है।
5. फसल बुवाई प्रमाण पत्र: यह प्रमाण पत्र यह दर्शाता है कि किसान ने अपनी भूमि पर कौन सी फसल बोई है।
6. पटवारी रिपोर्ट: यह रिपोर्ट पटवारी द्वारा जारी की जाती है और भूमि के रिकॉर्ड्स से संबंधित जानकारी देती है।

उपरोक्त दस्तावेजों की सूची सामान्य है और विभिन्न बैंकों में थोड़ा अंतर हो सकता है। इसलिए, KCC लोन के लिए आवेदन करने से पहले, संबंधित बैंक से संपर्क कर आवश्यक दस्तावेजों की सूची की पुष्टि कर लेनी चाहिए। जमाबंदी नकल और खतौनी नकल इन दस्तावेजों को आमतौर पर ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है। इन दस्तावेजों को प्रमाणित करवाकर किसान KCC लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड पर कितना ब्याज लगता है
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर ब्याज दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित की जाती है। वर्तमान में, KCC लोन पर ब्याज दर 4% से 7% के बीच होती है, हालांकि अधिकतर मामलों में यह 7% ही होती है। सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए KCC पर ब्याज अनुदान योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, यदि किसान हर छह महीने में KCC को रोल ओवर करते हैं, तो उन्हें 3% की छूट मिलती है, जिससे प्रभावी ब्याज दर 4% रह जाती है। हाल ही में, आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए इस योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है। इस योजना के अनुसार, 3 लाख रुपये तक के KCC लोन पर 7% की ब्याज दर होगी और सरकार 1.5% का ब्याज अनुदान देगी। यह अनुदान किसानों द्वारा लिए गए ऋण की राशि, चुकाने की अवधि और बैंक द्वारा निर्धारित समय सीमा के आधार पर होगा। यदि किसान समय पर ऋण चुकाते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त 3% की ब्याज सहायता भी मिल सकती है। हालांकि, यदि ऋण समय पर नहीं चुकाया जाता है, तो किसान को 12% से 13% तक का ब्याज चुकाना पड़ सकता है।

किसान क्रेडिट कार्ड के क्या क्या फायदे है
किसान क्रेडिट कार्ड योजना भारतीय किसानों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है। इस योजना के तहत किसानों को कम ब्याज दर पर लंबी अवधि के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है। सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को ऋण राशि में छूट भी प्रदान की जाती है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में सरकार द्वारा कुछ किसानों के ऋण माफ कर दिए गए हैं।

1. कम भूमि पर लोन: किसानों को केवल आधा बीघा जमीन होने पर ही KCC लोन मिल जाता है।
2. उच्चतम लोन राशि: किसानों को जमीन की DLC Rate के आधार पर अधिकतम 80% तक KCC लोन उपलब्ध होता है।
3. कम ब्याज दर: KCC लोन पर वार्षिक ब्याज दर 7% है। समय पर भुगतान करने पर यह दर और भी कम हो जाती है।
4. अतिरिक्त छूट: समय पर KCC लोन जमा करने पर किसानों को 3% ब्याज दर में अतिरिक्त छूट मिलती है।
5. सीधे बैंक से लोन: किसान बिना किसी तीसरे पक्ष के सीधे बैंक से लोन ले सकते हैं।
6. कम समय में लोन: किसान अपनी पहचान पत्र और भूमि से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करके कम समय में KCC लोन प्राप्त कर सकते हैं।
7. अतिरिक्त लाभ: किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसान पीएम फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि योजना और किसान दुर्घटना बीमा योजना का भी लाभ उठा सकते हैं।

कुल मिलाकर, KCC योजना किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह योजना किसानों को साहूकारों के चंगुल से मुक्ति दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है।

KCC लोन कैसे लें सकते है
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) बनवाने के इच्छुक किसानों को आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज पहले से तैयार रखने चाहिए। इस तरह, आवेदन जल्दी से पूरा हो जाएगा और लोन राशि जल्द ही बैंक खाते में ट्रांसफर की जा सकेगी। किसानों को KCC के लिए किसी विशेष आवेदन प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने नजदीकी ग्रामीण विकास बैंक या राष्ट्रीयकृत बैंक में जाकर आसानी से आवेदन कर सकते हैं। सरकार ने किसानों को KCC उपलब्ध कराने के लिए सरकारी, निजी, ग्रामीण विकास और नाबार्ड बैंकों को अधिकृत किया है। ये सभी बैंक रिजर्व बैंक द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए किसानों को KCC सेवाएं प्रदान करते हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड लोन कैसे मिलता है?
भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, बैंक किसानों को 1,60,000 रुपये तक का ऋण बिना किसी संपत्ति के दांव पर रखे दिए जाने के लिए बाध्य हैं। लेकिन, यदि किसान अधिक राशि का ऋण लेना चाहते हैं, तो बैंक उनकी जमीन को बंधक रखने की प्रक्रिया शुरू करता है। यह प्रक्रिया इसलिए आवश्यक है ताकि बैंक को यह सुनिश्चित हो सके कि किसान ऋण चुकाएगा। बंधक प्रक्रिया में, किसान एक कानूनी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करते हैं, जिसे बंधक पत्र कहा जाता है। इस दस्तावेज़ के माध्यम से किसान अपनी जमीन को बैंक के पास गिरवी रख देता है। यह दस्तावेज़ तहसील या रजिस्ट्री कार्यालय में पंजीकृत किया जाता है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि बैंक के पास किसान की जमीन पर अधिकार है और यदि किसान ऋण नहीं चुकाता है तो बैंक अपनी राशि वसूल करने के लिए जमीन बेच सकता है। यह प्रक्रिया बैंक के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कई बार किसान ऋण लेने के बाद उसे चुकाने में असमर्थ होते हैं और अपनी जमीन बेच देते हैं। बंधक प्रक्रिया होने के कारण किसान अपनी जमीन तब तक नहीं बेच सकता जब तक कि वह बैंक का पूरा ऋण चुका नहीं देता। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किसान को बैंक से एक 'नो ड्यूज़' प्रमाण पत्र लेना होता है, जो यह दर्शाता है कि उसने बैंक का सारा ऋण चुका दिया है। इस प्रकार, बंधक प्रक्रिया एक सुरक्षा उपाय है जो बैंकों और किसानों दोनों के हितों की रक्षा करता है। यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को ऋण प्राप्त करने में आसानी हो और बैंकों को उनकी राशि वापस मिल सके।

KCC धारक की मृत्यु होने पर क्या होता है
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत, बैंक किसानों का बीमा भी करवाते हैं। इस बीमा का उद्देश्य यह है कि यदि किसी किसान की ऋण अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी बैंक को ऋण चुका देती है। लेकिन, यदि किसान का बीमा नहीं कराया गया हो तो किसान के उत्तराधिकारी को यह ऋण चुकाना होता है। हालांकि, कई बार सीमांत किसान ऋण चुकाने में असमर्थ होते हैं और सरकार द्वारा ऋण माफी योजना के तहत उनका ऋण माफ कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में उत्तराधिकारी को ‘नो ड्यूज़’ यानी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।

किसान क्रेडिट कार्ड में दुर्घटना बीमा होता है
किसानों को बैंकों से ऋण लेने की सुविधा प्रदान की जाती है। इस ऋण को सुरक्षित रखने के लिए, किसानों को बीमा कंपनियों के माध्यम से बीमित किया जाता है। यह बीमा किसानों को किसी भी दुर्घटना या अप्रत्याशित घटना से होने वाले नुकसान से बचाता है और साथ ही, बैंक को ऋण वसूली में होने वाली कठिनाइयों से बचाता है। राज्य और केंद्र सरकारें किसानों को बीमा करवाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। किसान क्रेडिट कार्ड दुर्घटना बीमा योजना एक ऐसी ही योजना है। इस योजना के तहत, यदि कोई किसान दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को ₹50,000 का अनुदान दिया जाता है। अगर किसान किसी दुर्घटना में विकलांग हो जाता है, तो उसे ₹25,000 का अनुदान प्रदान किया जाता है। इस तरह की योजनाएं किसानों की आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करती हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड हेल्पलाइन नंबर क्या है
भारत सरकार किसानों को कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना चलाती है। इस योजना से किसानों को अपनी फसलों के लिए आवश्यक धन आसानी से मिल जाता है। यदि किसी किसान को इस योजना के बारे में कोई शिकायत या सुझाव देना हो तो वह टोल फ्री नंबर 0120-6025109 या 155261 पर संपर्क कर सकता है। इसके अलावा, किसान सरकार को लिखित में सुझाव देने के लिए pmkisan-ict@gov.in पर ईमेल भी भेज सकते हैं।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।