बढ़िया रिजल्ट पाने के लिए जरूरी है मिट्टी का सैंपल लेने का सही तरीका | जानें कैसे करें ये काम
किसान साथियो, मिट्टी परीक्षण, मिट्टी की सेहत का एक तरह से स्वास्थ्य परीक्षण है। इससे हमें मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों, उसकी बनावट और मिट्टी में रहने वाले जीवों के बारे में पता चलता है। यह जानकारी किसानों को अपनी फसल के लिए सबसे उपयुक्त खाद और सिंचाई की व्यवस्था करने में मदद करती है। मिट्टी परीक्षण के माध्यम से किसान यह भी जान सकते हैं कि उनकी मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है और उसे कैसे पूरा किया जा सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र प्रबंधक, प्रहलाद कुमार के अनुसार, मिट्टी का नमूना लेने के लिए किसानों को अपने खेत में चारों कोनों और बीच से 6 इंच का V आकार का गड्ढा खोदना चाहिए। इस तरह से लिया गया नमूना प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाता है और रिपोर्ट के आधार पर किसान अपनी खेती की योजना बना सकते हैं। मिट्टी परीक्षण से किसान न केवल अपनी फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं, बल्कि खाद और पानी का भी बचाव कर सकते हैं।
किसानों के लिए सैंपल लेने की क्या है विधि
प्रहलाद कुमार ने बताया कि मिट्टी का सैंपल लेने के लिए गड्ढे के दोनों किनारों की दीवारों को लगभग 2 इंच तक खुरचना चाहिए। इसके बाद, प्रत्येक कोने से लगभग 1 किलो मिट्टी का नमूना लिया जाता है। यह सारा नमूना एक साफ पॉली बैग या थैले में इकट्ठा करना होता है। इसके बाद, इस नमूने को छाया में फैलाकर उसमें से सभी कंकर और पत्थर हटा दिए जाते हैं। अंत में, इस मिट्टी को चार बराबर हिस्सों में बांट दिया जाता है। यह विधि सुनिश्चित करती है कि मिट्टी का नमूना सही ढंग से लिया गया है और उसका विश्लेषण सही तरीके से किया जा सकता है।
मिट्टी को सही तरीके से चयनित कैसे करना है
इस प्रक्रिया को दोहराने के बाद किसान के पास लगभग डेढ़ किलोग्राम मिट्टी बच जाती है। इस बची हुई मिट्टी को अच्छी तरह मिलाकर एक समान नमूना बनाया जाता है। इस नमूने में से 600 ग्राम का एक भाग अलग कर लिया जाता है। यह अलग किया गया 600 ग्राम का भाग अब मिट्टी परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
सैंपल भेजने से पहले कर लें यह तैयारियां
सैंपल भेजने से पहले, बैग पर किसान का नाम, पता (खाता-खसरा नंबर सहित), मोबाइल नंबर, पिछली फसल का विवरण और वर्तमान में उगाई जा रही फसल का विवरण लिखना अनिवार्य होता है। इस तरह की विस्तृत जानकारी से न केवल सैंपल की पहचान आसानी से होती है, बल्कि किसान की खेती की प्रक्रिया और फसल चक्र के बारे में भी जानकारी मिलती है। यह जानकारी कृषि वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों के लिए बहुत उपयोगी होती है, क्योंकि इसके आधार पर वे किसानों को बेहतर सलाह दे सकते हैं और उनकी फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
मिट्टी परीक्षण में कितना समय और पैसे लगते हैं
किसानों को अपने खेत की मिट्टी का नमूना लेने के बाद जांच के लिए देना होता है। इस मिट्टी के नमूने की जांच में लगभग दस दिन का समय लगता है। इस जांच के माध्यम से यह पता चलता है कि मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है और किस प्रकार की खाद का उपयोग करना चाहिए। इस जांच के लिए किसान को प्रति नमूना 220 रुपये का शुल्क देना होता है। इस जांच से किसानों को अपनी फसल को अधिक उत्पादक बनाने में मदद मिलती है।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।