गेहूं की फसल में इस बीमारी ने पंजाब में फैलाया आतंक | जाने इस बीमारी की रोक थाम कैसे करे
किसान साथियो पंजाब के कई इलाकों में गेहूं की फसल को गुलाबी सुंडी ने बुरी तरह प्रभावित किया है। फरीदकोट जिले के गांव बरगाड़ी में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है। किसान सुखमंदर सिंह और गुरसेवक सिंह ने बताया कि उन्होंने 20 एकड़ जमीन में गेहूं की खेती की थी। उन्होंने प्रशासन और कृषि विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए पराली जलाने के बजाय उसे गट्ठों में इकट्ठा किया था। लेकिन पराली में पलने वाले सुंडी के अंडे खेत में ही रह गए और बाद में गेहूं की फसल पर हमला कर दिया। इस कारण उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई है और उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि उन्होंने प्रशासन की सलाह मानकर सही तरीके से खेती की थी, लेकिन फिर भी उन्हें इस तरह का नुकसान उठाना पड़ा है।
दवा छिड़कने से भी नहीं हुआ कोई असर
किसान सुखमंदर सिंह और गुरसेवक सिंह ने बताया कि उन्होंने सुंडी के हमले से अपनी गेहूं की फसल को बचाने के लिए कई प्रयास किए। उन्होंने दवाओं का छिड़काव किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए कृषि विभाग से भी मदद मांगी, लेकिन अधिकारियों ने भी कोई समाधान नहीं दिया। सुंडी के हमले के कारण उन्हें प्रति एकड़ लगभग 20 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। अब वे दोबारा गेहूं की बुवाई करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन उन्हें डर है कि सुंडी का हमला फिर से हो सकता है। दोनों किसानों ने सरकार से इस नुकसान की भरपाई करने की अपील की है।
क्या कहना है कृषि अधिकारीयो का
कृषि अधिकारी अमरीक सिंह ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि कृषि विभाग किसानों को खेती से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियां समय-समय पर प्रदान करता रहता है। उन्होंने कहा कि गेहूं की बुवाई से पहले ही किसानों को गुलाबी सुंडी के खतरे और इससे बचाव के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी। किसानों को पंपलेट्स, सोशल मीडिया और ऑडियो-वीडियो संदेशों के माध्यम से जागरूक किया गया था। उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि उन्हें इस संबंध में घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
अगर गुलाबी सुंडी गेहूं की फसल में लग जाये तो क्या करे
किसानों को अपनी फसलों में सुंडी के प्रकोप से घबराने की ज़रूरत नहीं है। यदि खेत में सुंडी की संख्या अधिक हो जाए तो किसानों को तुरंत कृषि विभाग से संपर्क करना चाहिए। विभाग द्वारा उचित उपाय करके फसल को बचाया जा सकता है। कुछ किसानों ने फसल नष्ट होने के बाद विभाग से संपर्क किया, जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ। गुलाबी सुंडी का प्रकोप कई कारणों से होता है जैसे हवा, मौसम में बदलाव, समय पर सर्दी न पड़ना, और किसानों को इस कीट के बारे में पर्याप्त जानकारी का अभाव।
कसानो की जल्द मददत करेगा कृषि विभाग
कृषि अधिकारी ने किसानों को आश्वासन दिया है कि विभाग उनकी हर संभव मदद के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि प्रभावित खेतों का निरीक्षण भी किया जाएगा। पंजाब के मालवा क्षेत्र में सुंडी का प्रकोप विशेष रूप से अधिक देखा जा रहा है और यह समस्या पंजाब के बॉर्डर एरिया तक फैल चुकी है। पाकिस्तान से चलने वाली हवाओं के कारण इस कीट का प्रसार तेजी से हो रहा है। यदि किसी किसान के खेत में सुंडी का प्रकोप दिखाई दे तो वे तुरंत कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।