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मटर की फ़सल में फ़ूलों और फलियों को बढ़ाने का सीक्रेट फार्मूला मिल गया है | यहां जाने

मटर की फ़सल में फ़ूलों और फलियों को बढ़ाने का सीक्रेट फार्मूला मिल गया है | यहां जाने
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किसान भाइयों, मटर की खेती सब्जियों वर्गीय फसलों में एक प्रमुख स्थान रखती है। यह न केवल किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है, बल्कि इसे उगाना भी बहुत सरल और फायदे वाला होता है। मटर की खेती भारतीय किसानों के लिए एक लाभकारी और आसान विकल्प हो सकती है। सही समय पर सही देखभाल और उपयुक्त उर्वरकों का इस्तेमाल करने से मटर की फसल से अच्छा उत्पादन और बाजार में बेहतर रेट मिल सकते हैं। सर्दी में फसल की सुरक्षा, फ्लावरिंग और उत्पादन बढ़ाने के लिए सल्फर, कैल्शियम नाइट्रेट और एनपीके जैसे उर्वरकों का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। इस तरह से मटर की खेती न केवल आसान है, बल्कि यह किसानों को अच्छे मुनाफे का भी अवसर प्रदान करती है। मटर की फसल का मुख्य आकर्षण इसकी तेजी से होने वाली पैदावार और इसके अच्छे मंडी भाव हैं। मटर का उत्पादन अच्छी तरह से किया जाए तो किसान इसमें काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसके अलावा, मटर के पौधों की देखभाल, उन्हें उचित खुराक देने और सही मौसम का ध्यान रखने से यह फसल आसानी से सफल हो सकती है। इस रिपोर्ट में हम मटर की खेती के हर पहलू पर विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि आप बेहतर तरीके से इसे उगा सकें और अच्छे नतीजे पा सकें। तो चलिए इन सब बातों पर विस्तार से जानने के लिए पढ़ते हैं आज की यह रिपोर्ट।

मटर की खेती

किसान साथियों, मटर की खेती को लेकर सबसे बड़ी बात यह है कि यह बहुत ही आसान है। इसके लिए किसानों को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं होती, और यह अधिक खर्चीला भी नहीं है। आमतौर पर किसान अपनी नियमित खेती के साथ-साथ मटर की खेती भी आसानी से कर सकते हैं। मटर की फसल को उगाने के लिए न तो आपको अलग से drip irrigation (ड्रिप इरिगेशन) लगाने की जरूरत होती है और न ही किसी विशेष खुराक की आवश्यकता होती है। यह फसल उन्हीं तरीकों से उगाई जा सकती है जैसे अन्य सामान्य फसलें उगाई जाती हैं। मटर की खेती के लिए खास ध्यान देने वाली बात यह है कि आपको इसकी मिट्टी की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा। इस फसल के लिए अच्छे जलनिकासी वाली मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है। इसके अलावा, इस फसल में nitrogen (नाइट्रोजन), phosphorus (फास्फोरस), calcium (कैल्शियम), और potash (पोटाश) की सही मात्रा की जरूरत होती है, ताकि यह फसल अच्छे तरीके से बढ़ सके। इन पोषक तत्वों के सही अनुपात से मटर की पैदावार बढ़ती है और फसल में बेहतर फ्लावरिंग, बढ़िया पकाव और वजन मिलता है।

उर्वरकों का उपयोग

किसान साथियों, मटर की फसल में फलिया बनने के इस चरण में फसल को आवश्यक पोषक तत्व देकर फूल और फल की संख्या बढ़ाई जा सकती है। वैसे तो फसल में उर्वरकों का उपयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर ही करना चाहिए लेकिन सामान्य तौर पर फूल आने से पहले सिंचाई से पूर्व मिट्टी में कैल्शियम नाइट्रेट 5 किग्रा और बोरॉन 1 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। यह पौधों की मजबूती बढ़ाने और फूलों की गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है। यदि फसल पर छिड़काव करना हो, तो फूल आने से पहले 12-61-00 5 ग्राम/लीटर पानी और NutriPro Grade-1 1 ग्राम/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यह फूलों की संख्या बढ़ाने और पौधों की ऊर्जा को सही तरीके से उपयोग करने में सहायक है। अधिक फूल और फल प्राप्त करने के लिए Agrostar Florofix 25 ग्राम/पंप और NPK 0:52:34 75-100 ग्राम/पंप का छिड़काव करें। इससे फसल को पोषण मिलता है और फूलों का झड़ना कम होता है।

सर्दी से मटर की फसल का बचाव

किसान भाइयों, जब दिसंबर का महीना होता है और सर्दी बढ़ने लगती है, तो मटर की फसल को बचाना किसानों के लिए एक चुनौती बन सकता है। इस समय में रात का तापमान काफी कम हो जाता है, जो मटर की फसल के लिए ठीक नहीं है। अगर तापमान 5°C से 8°C तक पहुंच जाता है, तो मटर की फलियां पकने में देरी हो सकती है। इसके अलावा, कई बार सर्दी के कारण फलियों में भराव नहीं हो पाता और उत्पादन में कमी आ जाती है। ऐसे में किसानों को यह समझना जरूरी है कि मटर की फसल को सर्दी से बचाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। इसके लिए Sulfur 80 powder (सल्फर 80 पाउडर) का इस्तेमाल मटर की फसल को सर्दी से बचाने के लिए किया जा सकता है। सल्फर की यह विशेष पाउडर फसल के प्रति तापमान के उतार-चढ़ाव को सहनशील बनाती है और सर्दी के प्रभाव को कम करती है। इससे न केवल फसल को सर्दी से बचाव मिलता है, बल्कि फलियों में भराव भी अच्छी तरह से होता है। फसल को सर्दी से बचने के लिए और मटर की फसल में सल्फर की कमी को पूरा करने के लिए, 5 ग्राम सल्फर ऑक्साइड (SOP) को 1 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। सल्फर, पौधों के लिए ज़रूरी पोषक तत्वों में से एक है। यह पौधों के प्रोटीन और ज़रूरी एंजाइम बनाने में मदद करता है। सल्फर की कमी से पौधों की वृद्धि पर गंभीर असर पड़ता है। अगर आप सर्दी से बचने के लिए सल्फर का उपयोग फसल में करते हैं तो यह बहुत ही फायदेमंद होता है क्योंकि सल्फर पौधों में गर्मी उत्पन्न करने का कार्य करता है। इसके अलावा, calcium nitrate (कैल्शियम नाइट्रेट) का इस्तेमाल भी फसल की सेहत को बनाए रखने में मदद करता है। कैल्शियम नाइट्रेट के प्रयोग से मटर की फसल में मजबूती आती है और फलियां जल्दी पकने लगती हैं। इसके साथ-साथ, NPK 0050 (एनपीके 0050) का उपयोग भी फलियों के वजन को बढ़ाने और उनकी गुणवत्ता में सुधार करने के लिए किया जा सकता है।

मटर की फ्लावरिंग बढ़ाने के उपाय

किसान साथियों, मटर की फसल में फ्लावरिंग (फूलों का आना) बहुत अहम होता है। फूलों की संख्या और गुणवत्ता से ही बाद में फलियां बनती हैं और मटर का उत्पादन बढ़ता है। अगर आपके खेत में मटर की फसल में फ्लावरिंग कम हो रही है, तो इसका समाधान भी मौजूद है। इसके लिए, आपको micro nutrients (माइक्रो न्यूट्रिएंट्स) का प्रयोग करना चाहिए। IFFCO की Sagarika (सागरिका) जैसी अच्छी कंपनियों का माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का उपयोग मटर की फसल में फ्लावरिंग बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। इसके साथ ही, humic acid (ह्यूमिक एसिड) और amino acid (एमिनो एसिड) जैसे तत्व भी फ्लावरिंग में मदद करते हैं। यदि आप इन सभी पोषक तत्वों का सही समय पर उपयोग करते हैं, तो आपकी मटर की फसल में न केवल फ्लावरिंग बढ़ेगी, बल्कि इसके फलने की प्रक्रिया भी तेज हो जाएगी। साथ ही, आपको एक मजबूत और स्वस्थ मटर की फसल प्राप्त होगी। सागरिका का पत्तियों पर छिड़काव करने के लिए, 250 मिली सागरिका को एक एकड़ ज़मीन पर या 2.5-5.0 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर इस्तेमाल करें। ओस के वाष्पित होने के बाद सुबह के समय में इसका छिड़काव करें। इसके अलावा ह्यूमिक एसिड का छिड़काव करने के लिए, 2 से 3 एमएल ह्यूमिक एसिड को एक लीटर पानी में घोलकर इस्तेमाल करें। इसे सुबह या शाम के समय में मासिक अंतराल पर छिड़काव करें। यूरिक एसिड का प्रयोग आप ड्रिप इरिगेशन के द्वारा भी कर सकते हैं। ह्यूमिक एसिड का ड्रिप इरिगेशन में इस्तेमाल करने के लिए, 500 ग्राम-1 किलो तक का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।