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धान सूखने की समस्या को मात्र 1 ग्राम के छिड़काव से करे दूर | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

धान सूखने की समस्या को मात्र 1 ग्राम के छिड़काव से करे दूर | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
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किसान साथियो सहारनपुर में बरसात के मौसम में किसानों को धान की फसल में एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अचानक से धान की पत्तियां ऊपर से सूखने लगी हैं, जिससे किसान बेहद परेशान हैं। इस समस्या का समाधान खोजने के लिए किसान कृषि विज्ञान केंद्र पहुंच रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी और प्रोफेसर डॉ. आई.के. कुशवाहा ने बताया कि बरसात के मौसम में धान की फसल में पत्तियों के सूखने की समस्या आम है, लेकिन किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि धान की पत्तियों के ऊपर से सूखने का कारण एक बैक्टीरिया है जो BLB यानी बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट रोग का कारण बनता है। इसे पत्ती झुलसा रोग भी कहा जाता है। इसके अलावा, बरसात के मौसम में धान की फसल में गलन की समस्या भी आम तौर पर देखने को मिलती है। यह जानकारी किसानों को इस समस्या के बारे में जागरूक करने और उचित उपचार के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करेगी। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

धान सूखने की समस्या का कैसे करे समाधान
सहारनपुर में धान की फसल में पत्तियों के सूखने और फसल गलने की समस्या से निपटने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर डॉ. आई.के. कुशवाहा ने किसानों को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उन्होंने बताया कि नमी वाली परिस्थितियों में धान की फसल में ये बीमारियां आम हैं। इन बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए किसान कासुगामाइसिन दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दवा के एक ग्राम को एक लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए। यह दवा न केवल पत्तियों के सूखने की समस्या को कम करती है बल्कि शीथ ब्लाइट (गलन) रोग को भी नियंत्रित करती है। यदि किसान कासुगामाइसिन का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं तो वे कॉपर ऑक्सिक्लोराइड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दवा के दो ग्राम को एक लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करने से भी ये दोनों समस्याएं दूर हो सकती हैं। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

Note:- किसान साथियो उपर दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विश्वसनीय स्रोतों और किसानों के निजी अनुभव पर आधारित है। किसी भी जानकारी को उपयोग में लाने से पहले कृषि वैज्ञानिक की सलाह जरूर ले लें । कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार धान में किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेनी चाहिए।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।