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जनवरी के महीने में लगाएं ये तीन सब्जियां | कमाई के टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड

जनवरी के महीने में लगाएं ये तीन सब्जियां | कमाई के टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड
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नमस्कार दोस्तों, दिसंबर का महीना ऐसा समय है जो आपको आने वाले नए साल में लखपति बना सकता है, लेकिन एक गलत निर्णय आपकी मेहनत की कमाई को बर्बाद भी कर सकता है। इस महीने में लगाई गई कुछ चुनिंदा सब्जी फसलों के बाजार भाव पूरे साल के सबसे अधिक होते हैं। वहीं, गलत फसलें लगाने से आपका निवेश बर्बाद हो सकता है। हाल ही में, कई किसानों ने पूछा है कि दिसंबर में भिंडी की बुवाई करनी चाहिए या नहीं, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में। इन क्षेत्रों में दिसंबर या 20 जनवरी से पहले भिंडी की बुवाई बिल्कुल न करें। इस समय भिंडी के बीज अंकुरित नहीं होंगे, और यदि अंकुरित हो भी गए तो पौधों की ग्रोथ रुक जाएगी। सर्दी और पाले के कारण पौधे मर सकते हैं।

किसानों को जल्दबाजी में लिए गए निर्णयों से बचना चाहिए, क्योंकि गलत जानकारी के आधार पर फसल लगाने से पूरा निवेश डूब सकता है। इसलिए, दिसंबर में उन्हीं फसलों की बुवाई करें जो न केवल अच्छा उत्पादन दें, बल्कि जिनके बाजार भाव भी पूरे साल के सबसे अधिक हों। इस रिपोर्ट में हम ऐसी ही चुनिंदा फसलों के बारे में चर्चा करेंगे।

प्याज की खेती

प्याज की फसल दिसंबर के महीने में किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इसे प्राथमिकता देने के पीछे कई मजबूत कारण हैं। सबसे पहले, प्याज की फसल पर सर्दी और पाले का कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है, और यह ठंडे मौसम में भी बेहतरीन ग्रोथ करती है। शुरुआती दो महीने की ठंड इसकी पत्तियों और तने की ग्रोथ के लिए फायदेमंद होती है, जबकि कंद बनने के समय इसे थोड़ी गर्मी की जरूरत होती है।

दूसरा, प्याज के मौजूदा बाजार भाव भी बहुत आकर्षक हैं। इस समय थोक बाजार में प्याज का भाव लगभग 40 रुपये प्रति किलो है, जो किसानों को प्रति एकड़ लाखों रुपये कमाने का अवसर देता है। रबी सीजन में प्याज की बुवाई करने से उत्पादन के साथ-साथ लाभ भी सुनिश्चित होता है, क्योंकि देश में प्याज की कमी होने पर उसकी पूर्ति में लंबा समय लगता है।

इसके अलावा, प्याज की फसल की खूबसूरती यह है कि इसे भंडारण किया जा सकता है। अगर फसल तैयार होने पर बाजार भाव कम हों, तो प्याज को स्टॉक करके बारिश के मौसम (जुलाई से सितंबर) में बेचा जा सकता है, जब इसके भाव साल के सबसे ऊंचे स्तर पर होते हैं। इसलिए, दिसंबर के महीने में प्याज की बुवाई का मौका बिल्कुल न गंवाएं। अपने खेतों की अच्छे से तैयारी करें

दूसरी फसल : मिर्ची की फसल

दिसंबर का महीना मिर्ची की फसल के लिए सबसे उपयुक्त समय है। मिर्ची की फसल मे अगेती बुवाई से ज्यादा मुनाफा मिलता है अगर आपके पास मिर्ची की नर्सरी तैयार है, तो इसे जल्द से जल्द खेत में ट्रांसप्लांट कर दें। अगर नर्सरी तैयार नहीं है, तो इसे तुरंत तैयार करें और समय पर बुवाई करें। इस समय लगाई गई मिर्ची सबसे पहले मंडी में पहुंचती है, जिससे उच्च बाजार भाव मिलते हैं।

मिर्ची की फसल का पोटेंशियल बहुत अधिक है। किसान एक एकड़ में 4-6 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। कुछ किसानों ने तो छोटी जमीन पर भी लाखों रुपये की मिर्ची बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया है। मंडी के अनुसार सही प्रकार की मिर्ची चुनें, जैसे तीखी, हल्की तीखी, या अचारी मिर्ची, और उसी के अनुसार अपने खेतों में बुवाई करें। उच्च गुणवत्ता के बीज का चयन करें और जितना जल्दी हो सके बुवाई पूरी करें।

तीसरी फसल : शिमला मिर्ची

हरी मिर्ची की तरह शिमला मिर्ची भी दिसंबर में लगाई जा सकती है। इसके थोक बाजार भाव 40-50 रुपये प्रति किलो हैं, जो अप्रैल तक स्थिर रहते हैं। इस समय की शिमला मिर्ची वायरस रहित रहती है और मई तक अच्छी पैदावार देती है। यह फसल लंबे समय तक चलती है इस समय शिमला मिर्ची की बुवाई से किसानों को कम जोखिम और ज्यादा लाभ मिलता है। व्हाइट फ्लाई और अन्य बीमारियों का खतरा इस मौसम में नहीं होता, जिससे फसल को बेहतर ग्रोथ का अवसर मिलता है।

फूल गोभी :आदर्श फसल

फूल गोभी ऐसी फसल है, जिसे देश के किसी भी हिस्से, किसी भी मिट्टी और किसी भी जलवायु में उगाया जा सकता है। उत्तर भारत जैसे ठंडे इलाकों में जहां पाला पड़ता है, यह फसल बेहतरीन उत्पादन देती है। ठंड के मौसम में इसके पत्ते चौड़े और फूल (कर्ड) सफेद और बड़े आकार के बनते हैं। मंडी में इस समय फूल गोभी को 10-15 रुपये प्रति किलो के भाव मिलते हैं, जिससे किसान लाखों रुपये प्रति एकड़ कमा सकते हैं। इस फसल को जरूर बुवाई करें 

या फिर ब्रोकली की बुवाई करे इसका तरीका फूल गोभी जैसा ही है। इसे उगाने से पहले अपनी मंडी में इसकी खपत का विश्लेषण जरूर करें। अगर आपकी मंडी में ब्रोकली की मांग है, तो इसे अपने खेत में जरूर लगाएं। यह फसल कम समय में अच्छा मुनाफा दे सकती है।

गाजर की फसल 

गाजर एक ऐसी फसल है, जो किसान को बड़ी मात्रा में उत्पादन के साथ-साथ बेहतर बाजार भाव भी देती है। चाहे वह लाल गाजर हो या इंग्लिश गाजर, दोनों की बुवाई से इस समय किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है। गाजर के थोक बाजार में भाव 25-35 रुपये प्रति किलो हैं। इस फसल का उत्पादन इतना अधिक होता है कि एक एकड़ से लाखों रुपये तक की कमाई की जा सकती है।

कम लागत में लगे मूली और शलगम

मूली और शलगम कम लागत वाली फसलें हैं, जिन्हें किसी भी मिट्टी, पानी या जलवायु में उगाया जा सकता है। इनकी बुवाई दिसंबर के महीने में करने पर सबसे ज्यादा उत्पादन मिलता है। हालांकि, इनके भाव जुलाई-अगस्त में बोई गई फसलों की तुलना में कम हो सकते हैं, लेकिन इनकी खेती में बरसात या बीमारियों का खतरा नहीं होता। इस समय मूली और शलगम का उत्पादन करना आसान है और अगर इन्हें 10 रुपये प्रति किलो का भी भाव मिलता है, तो किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है।

दिसंबर मे बेल वर्गीय फसलों की बुवाई

दिसंबर का महीना बेल वर्गीय फसलों की बुवाई के लिए एक सुनहरा अवसर है। इन फसलों से किसान लाखों रुपये प्रति एकड़ तक कमा सकते हैं। हालांकि, इन फसलों की बुवाई में पाले से बचाव के लिए लो टनल विधि का उपयोग करना जरूरी है। सही विधि और तैयारी से इन फसलों की पैदावार और मुनाफा दोनों बढ़ सकता है।

इन फसलों में तरबूज और खरबूजा प्रमुख हैं, जो किसानों को लाखों रुपये प्रति एकड़ तक की कमाई करने का अवसर देते हैं। तरबूज की फसल विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि दिसंबर में लगाए गए तरबूज सबसे पहले मंडी में पहुंचते हैं, जिससे इन्हें 15-25 रुपये प्रति किलो तक के उच्च बाजार भाव मिलते हैं। रमज़ान के समय इनकी मांग और कीमतें और भी अधिक होती हैं। खरबूजे की फसल भी कमाल का मुनाफा देती है, क्योंकि शुरुआती खरबूजे 50-60 रुपये प्रति किलो तक बिकते हैं।

इन फसलों की सफलता के लिए खेत की तैयारी बेहद महत्वपूर्ण है। मिट्टी को अच्छी तरह जोतें, ड्रिप मल्चिंग का उपयोग करें और फसल को जड़ गांठ रोग (नेमाटोड) से बचाने के लिए कार्वी फेरान जैसे कीटनाशकों का उपयोग करें। फसल को पाले और कीटों से बचाने के लिए जरूरी फर्टिलाइजर का प्रयोग भी आवश्यक है। तरबूज और खरबूजे जैसी फसलें किसानों को न केवल बेहतर उत्पादन देती हैं, बल्कि सही समय पर बाजार में ऊंचे भाव देकर उन्हें तगड़ा मुनाफा कमाने का अवसर भी प्रदान करती हैं।

दिसंबर का महीना बेल वर्गीय फसलों की बुवाई के लिए बेहद उपयुक्त है। तर ककड़ी, करेला, तोरई, खीरा, कद्दू और लौकी जैसी फसलें न केवल जल्दी तैयार होती हैं, बल्कि इन्हें मंडी में ऊंचे भाव भी मिलते हैं।

तर ककड़ी एक छोटी अवधि की फसल है, जो मंडी में सबसे पहले पहुंचती है और शुरुआती चरण में 30-35 रुपये प्रति किलो के थोक भाव पर बिकती है। यदि आप दो एकड़ में खेती कर रहे हैं, तो कम से कम 5 विश्वा में तर ककड़ी लगाना फायदेमंद रहेगा।

करेला भी एक शानदार विकल्प है, जो शुरुआती मंडी में 40-50 रुपये प्रति किलो तक के भाव पर बिकता है। इसे नर्सरी में प्रो ट्रे का उपयोग करके तैयार किया जा सकता है, जिससे बेहतर उत्पादन सुनिश्चित होता है। फसल को पाले से बचाने के लिए टनल विधि का उपयोग करें और तापमान बढ़ने पर कवर हटा दें।

तोरई की फसल जमीन पर फैलती है और इसे ऊपर चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती। चिकनी और धारियों वाली तोरई से प्रति एकड़ 2 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है।

खीरा भी इस समय में एक लाभकारी फसल है। दिसंबर में लगाए गए खीरे सबसे पहले मंडी में पहुंचते हैं और शुरुआती भाव 10 रुपये प्रति किलो तक मिलते हैं। चाइनीज खीरे का चयन करें, क्योंकि इसका उत्पादन अधिक होता है और बाजार में बेहतर भाव मिलता है।

कद्दू बेल वर्गीय फसलों में सबसे कम लागत वाली फसल है। हरे कद्दू के शुरुआती भाव 10-30 रुपये प्रति किलो तक मिलते हैं। अगर बाजार भाव कम हों, तो इसे स्टोर करके बाद में बेचा जा सकता है, जिससे मुनाफा सुनिश्चित होता है।

लौकी (घिया) की बुवाई भी लाभकारी है, क्योंकि यह सबसे पहले मंडी में जाकर अधिकतम भाव प्राप्त करती है।

दिसंबर में इन बेल वर्गीय फसलों की बुवाई से किसान न केवल बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपनी आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि कर सकते हैं। सही बीज, सावधानीपूर्वक खेत की तैयारी और पाले से बचाव की तकनीक अपनाकर इन फसलों को अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है।

नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।