अब नरमा कपास की फ़सल देगी डेढ़ गुना ज्यादा उत्पादन | जाने क्या है फार्मूला
किसान साथियो केंद्र सरकार कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को उच्च घनत्व वाली रोपाई (HDPS) तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। इस तकनीक के तहत एक ही क्षेत्र में अधिक कपास के पौधे लगाए जाते हैं, जिससे उत्पादन में काफी वृद्धि होती है। पिछले दो वर्षों से किसानों को इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। विशेष रूप से कम उपजाऊ मिट्टी वाले क्षेत्रों में इस तकनीक के माध्यम से कपास उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस तकनीक के माध्यम से न केवल किसानों की आय में वृद्धि हो रही है बल्कि देश में कपास उत्पादन में भी इजाफा हो रहा है।
सरकार ने उपज बढ़ाने के लिए शुरू किया HDPS प्रोजेक्ट
बीते कुछ सालो से कीटों के प्रकोप और अनियमित मौसम के कारण कपास की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस कारण किसानों का कपास की खेती में रुझान कम होता जा रहा है। इस साल भी खरीफ सीजन में कपास की बुवाई पिछले साल की तुलना में लगभग 10% कम क्षेत्रफल में हुई है। इस समस्या से निपटने और कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत, कम उपजाऊ और उथली मिट्टी वाले इलाकों में उच्च घनत्व वाली रोपाई (HDPS) प्रोजेक्ट लागू किया जा रहा है। इस विधि से कम जगह में अधिक पौधे लगाए जा सकते हैं और उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। सरकार का मानना है कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से किसानों को आर्थिक लाभ होगा और वे फिर से कपास की खेती में रुचि लेंगे।
किन इलाकों में उपज 34 फीसदी तक बढ़ी
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से बताया कि उच्च घनत्व वाली रोपाई प्रणाली (एचडीपीएस) अपनाने से कपास की उपज में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में उथली मिट्टी में एचडीपीएस तकनीक को अपनाया गया, वहां कपास की उत्पादकता में औसतन 30.4% की वृद्धि हुई। वहीं, मध्यम मिट्टी में कम अंतराल वाली रोपाई प्रणाली (सीएस) के उपयोग से औसतन 39.15% की बढ़त देखी गई है। भारत में वर्तमान में कपास की औसत उत्पादकता 443 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। यह आंकड़ा चीन, ब्राजील और अमेरिका जैसे प्रमुख कपास उत्पादक देशों की तुलना में काफी कम है। इन देशों में एचडीपीएस जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाने से कपास की उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
किस तरिके से बढ़ेगा कपास का उत्पादन
किसान भागीरथ चौधरी ने बताया कि कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए उच्च घनत्व वाली रोपण प्रणाली (एचडीपीएस) को बढ़ावा दिया जा रहा है। पिछले तीन वर्षों में, किसानों को एचडीपीएस के अनुकूल चार कॉम्पैक्ट बीटी कपास किस्में और 19 बीटी कपास हाइब्रिड किस्में उपलब्ध कराई गई हैं। इससे किसान अपनी खेतों में अधिक से अधिक कपास उगा सकेंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत, इस तकनीक को 8 राज्यों के 61 जिलों में लागू किया गया है।
कितने किसानों ने अपनाई यह तकनीक
खरीफ सीजन 2023-24 में उथली मिट्टी में एचडीपीएस (हाई डेन्सिटी प्लांटिंग सिस्टम) और मध्यम मिट्टी में सीएस (कंटिन्यूअस सीडिंग) तकनीक को अपनाने के लिए एक अभिनव पहल शुरू की गई थी। इस पहल के तहत 10,418 किसानों को शामिल करते हुए 9,064 हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई की गई। इस प्रयोग से उत्साहजनक परिणाम मिले हैं। एचडीपीएस तकनीक अपनाने वाले खेतों में कपास की औसत उपज में 30.4% की वृद्धि हुई है, जबकि सीएस तकनीक अपनाने वाले खेतों में यह वृद्धि 39.15% रही है। इस सफलता को देखते हुए, राज्य सरकार ने इस परियोजना को और विस्तार देने का निर्णय लिया है। 2024-25 में इस परियोजना को आठ राज्यों में फैलाया जाएगा और 14,478 हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, कपास की फसल को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कपास लीफ कर्ल वायरस के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी 11 बीटी कपास हाइब्रिड भी विकसित की गई है। यह नई किस्म उत्तरी क्षेत्र के किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित होगी।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।