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आलू खुदाई के बाद बस ये फसल लगा लो | उठाओ लाखों का फायदा

आलू खुदाई के बाद बस ये फसल लगा लो | उठाओ लाखों का फायदा
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आलू खुदाई के बाद बस ये फसल लगा लो | उठाओ लाखों का फायदा

किसान भाइयों, कृषि क्षेत्र में फसल उत्पादन एक कठिन लेकिन लाभकारी कार्य है। सही रणनीति और समय पर किए गए फैसले किसानों को अच्छे मुनाफे में बदल सकते हैं। आज हम ऐसे ही एक विषय पर बात करेंगे, जिसे सही तरीके से अपना कर किसान भाई अपने खेत से एक सीजन में दो फसलों का मुनाफा ले सकते हैं। जी हां, साथियों, आज हम बात करेंगे आलू की फसल की। दोस्तों, आलू की फसल की खुदाई के बाद किसान अक्सर अपने खेत को खाली छोड़ देते हैं, लेकिन यह एक बड़ा अवसर हो सकता है। खासकर सागर जिले जैसे क्षेत्रों में, जहां आलू की खेती प्रमुख है, खेत को फिर से उपयोग में लाने से किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। आलू की फसल के बाद गेहूं की बुवाई एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। सागर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. के.एस. यादव के अनुसार, आलू की खुदाई के बाद गेहूं या अन्य सब्जी वर्गीय फसलों की बुवाई करने से किसान आसानी से बंपर उत्पादन और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस रिपोर्ट में हम विस्तार से समझेंगे कि आलू की खुदाई के बाद कौन सी फसलें उगाई जा सकती हैं, गेहूं के लिए सही तैयारी कैसे करें, और किसानों के लिए अन्य बेहतरीन विकल्प क्या हो सकते हैं। तो चलिए इन सब विकल्पों पर विस्तार से जानने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

आलू खुदाई के बाद गेहूं की बुवाई

किसान साथियों, यदि आपने आलू की खुदाई कर ली है तो आलू की फसल की खुदाई के बाद खाली खेत को यदि सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो किसान उसे बंपर उत्पादन में बदल सकते हैं। यदि सागर जिले के किसानों की बात करें, तो यहां आलू की फसल के बाद गेहूं की बुवाई एक उत्तम विकल्प हो सकता है। आलू की फसल के बाद मिट्टी में बहुत से पोषक तत्व होते हैं, जिससे गेहूं की फसल अच्छी तरह से विकसित हो सकती है। आलू की खुदाई के बाद गेहूं की बुवाई के कई फायदे हैं। किसान भाई इस समय कम अवधि वाली गेहूं की किस्में जो 90 से 105 दिनों में तैयार हो जाती हैं, जिनकी उपज भी अच्छी होती है, ऐसी उन्नत किस्म का चयन करके बिजाई कर सकते हैं। इसका मतलब है कि किसान एक ही साल में दो फसलों का उत्पादन कर सकते हैं। इसके अलावा, गेहूं की फसल के लिए उपयुक्त सिंचाई और खाद प्रबंधन करने से अच्छी उपज प्राप्त हो सकती है।

गेहूं बुवाई की तैयारी

किसान साथियों, आलू की फसल के बाद गेहूं की बुवाई करने के लिए खेत की सही तैयारी बहुत जरूरी है। साथ ही सिंचाई और खाद प्रबंधन का ध्यान रखना भी आवश्यक है, ताकि गेहूं की फसल को पर्याप्त पोषण मिल सके। इसके लिए आलू की फसल के बाद पहले खेत को अच्छे से तैयार करना चाहिए। खेत में खरपतवार को हटा देना चाहिए और मिट्टी को हल्का बना लेना चाहिए, ताकि गेहूं की जड़ें ठीक से फैल सकें। उसके बाद गेहूं की बुवाई के बाद हर सिंचाई के बाद यूरिया का छिड़काव करें। यह गेहूं की अच्छी वृद्धि के लिए जरूरी है। साथ ही किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि फसल के सही प्रबंधन से उपज में सुधार हो सकता है। गेहूं के लिए सही समय पर सिंचाई और खाद देना फसल के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

गेहूं की खेती के लाभ

किसान साथियों, आलू की फसल के बाद गेहूं की खेती से किसानों को कई फायदे हो सकते हैं। आलू की खुदाई के बाद गेहूं की बुवाई से किसान दो फसलों का उत्पादन कर सकते हैं। इससे उनकी आमदनी दोगुनी हो सकती है। इसके अलावा, गेहूं की कम अवधि वाली किस्में जल्दी तैयार हो जाती हैं, जिससे किसान अगली फसल की बुवाई के लिए समय पर तैयार हो सकते हैं। दोस्तों, गेहूं की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है। इससे किसानों को स्थायी आय मिल सकती है। गेहूं की फसल कम समय में तैयार होती है, जो किसान के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

अन्य बेहतरीन विकल्प

किसान भाइयों, आलू की फसल लेने के बाद अगर किसान भाई गेहूं की फसल नहीं उगाना चाहते हों, तो और अगर किसान गेहूं के बजाय भिंडी, बरबटी, और प्याज की बुवाई करना चाहते हैं, तो यह भी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। ये फसलें भी जल्दी तैयार हो जाती हैं और बाजार में इनकी अच्छी कीमत मिलती है। भिंडी, बरबटी और प्याज की खेती के भी आलू की फसल के बाद बुवाई करने से किसानों को बहुत अधिक लाभ की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानते हैं इन फसलों की बिजाई से क्या-क्या फायदे हैं:

 भिंडी
दोस्तों, भिंडी एक ऐसी फसल है जो गर्म मौसम में अच्छी तरह से विकसित होती है। आलू की खुदाई के बाद यह जल्दी उग सकती है और इसकी बाजार में भारी मांग होती है। और सबसे बड़ी बात है, यह है कि इस समय की लगाई हुई भिंडी की फसल सबसे पहले तैयार होती है, जिसका मंडी में भाव अन्य फसलों के मुकाबले बहुत अधिक मिलता है।


 बरबटी
साथियों, बरबटी की खेती भी आलू के बाद की जा सकती है। यह फसल कम पानी में भी अच्छी तरह से बढ़ती है और कम समय में तैयार हो जाती है। ठंड के मौसम में इस सब्जी की डिमांड बाजार में खूब अधिक होती है, क्योंकि लोग इस सब्जी का सेवन करना बहुत पसंद करते हैं। इस सब्जी की खेती में बहुत कम खर्चा आता है और कमाई बहुत ज्यादा जबरदस्त देखने को मिलती है। इस सब्जी की खेती बेहद कम दिनों में तैयार हो जाती है। आप इसकी खेती से बहुत जबरदस्त कमाई कर सकते हैं।


 प्याज
दोस्तों, प्याज की बुवाई भी आलू के बाद के समय में की जा सकती है। इस समय प्याज की फसल की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है, जिससे किसान अच्छे मुनाफे की उम्मीद कर सकते हैं। साथी किसानों के पास आज की खेती से दो तरीके से आमदनी करने का मौका भी होता है। इस समय की गई प्याज की खेती से किसान भाई हरी प्याज को बेचकर भी काफी अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, जो कि कम समय में तैयार हो जाती है और फिर हरी प्याज को बेचकर सही समय पर अगली फसल की तैयारी अपने खेत में कर सकते हैं।

विशेषज्ञों की राय

किसान भाइयों, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि आलू की फसल के बाद सही फसल चुनना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि किसान गेहूं की बुवाई करने का निर्णय लेते हैं, तो उन्हें सही सिंचाई और खाद प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, कृषि वैज्ञानिक डॉ. के.एस. यादव का मानना है कि आलू की खुदाई के बाद गेहूं की बुवाई से किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो सकते हैं और अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसान भिंडी, बरबटी, या प्याज जैसी जल्दी तैयार होने वाली फसलें उगाते हैं, तो वे अपनी कृषि योजना में और अधिक विविधता ला सकते हैं, जो उनकी आय को बढ़ाने में मदद करेगा।

नोट: इस रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को लागू करने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।