अगर आपकी धान की फ़सल में पीलापन है तो यह रिपोर्ट पढ़ना जरूरी है
किसान साथियो धान की फसल जब 60-70 दिन की हो जाती है, तो यह तेजी से बढ़ने लगती है और जल्द ही बालियां निकलने लगती हैं। इस महत्वपूर्ण अवस्था में धान को पर्याप्त पोषण और रोगों से सुरक्षा की आवश्यकता होती है। इस लेख में हम कुछ ऐसे स्प्रे के बारे में चर्चा करेंगे जिनका मिश्रण बनाने पर धान की फसल को पोषण मिलता है, साथ ही यह फसल को पीला पड़ने और फंगस से भी बचाता है। इस विशेष स्प्रे में मौजूद तत्व धान की पत्तियों को हरा-भरा बनाए रखते हैं और पौधे की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं। साथ ही, यह स्प्रे फंगस के संक्रमण से फसल को बचाकर उत्पादन में वृद्धि करता है। इस तरह, यह स्प्रे धान की फसल के लिए एक संपूर्ण समाधान है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
साथियो धान की खेती में लगातार सिंचाई के कारण मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे पौधे पीले पड़ने लगते हैं और उत्पादन प्रभावित होता है। इस समस्या से निपटने के लिए किसानों को समय-समय पर अपनी फसल में उचित पोषक तत्वों की पूर्ति करनी चाहिए। इसीलिए, हम मल्टीप्लेक्स क्रांति नामक एक अद्भुत स्प्रे का सुझाव देते हैं। मल्टीप्लेक्स क्रांति में नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटैशियम (K) के साथ-साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, जिंक, मैंगनीज, लोहा और कॉपर जैसे सभी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व संतुलित मात्रा में होते हैं। यह स्प्रे पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करके उनकी वृद्धि और विकास को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, यह पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जिससे वे विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने में सक्षम हो जाते हैं। मल्टीप्लेक्स क्रांति का प्रयोग 500 मिलीलीटर प्रति एकड़ की दर से किया जाना चाहिए। इस स्प्रे को नियमित अंतराल पर छिड़काव करने से धान की फसल स्वस्थ रहती है और अधिक उत्पादन देती है।
धान की खेती में NPK 0-0-50 का उपयोग
धान की खेती में NPK 0-0-50 उर्वरक का प्रयोग बेहद लाभदायक होता है। इस उर्वरक में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, जो धान के पौधे के लिए बाली निकलने के समय अत्यंत आवश्यक होता है। पोटैशियम धान के दाने को मोटा और वजनदार बनाने में मदद करता है और बालियों को लंबा बनाता है। इसके अलावा, NPK 0-0-50 पौधे की जड़ों को मजबूत बनाता है और उसे रोगों से बचाता है। NPK 0-0-50 का उपयोग करने से धान की पैदावार में वृद्धि होती है और धान की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। इस उर्वरक का उपयोग एक किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से किया जाना चाहिए। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
अमिस्टार टॉप भी डाल सकते है खेतो में
अमिस्टार टॉप एक जाना-माना फंगीसाइड है जिसका इस्तेमाल धान की फसल में फंगस के हमले से बचाने के लिए किया जाता है। यह फंगीसाइड धान के पौधे को फंगस से होने वाले नुकसान से बचाने में बेहद प्रभावी है। अमिस्टार टॉप को 200 एमएल प्रति एकड़ की दर से इस्तेमाल करना चाहिए। इसके पहले बताए गए अन्य उत्पादों के साथ मिलकर अमिस्टार टॉप का इस्तेमाल करने से धान की पैदावार में 20-30% तक का इजाफा हो सकता है। ये सभी उत्पाद मिलकर धान के पौधे को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और फसल को कीटों और बीमारियों से बचाते हैं।
नोटः दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इन्टरनेट पर उपलब्ध विश्वसनीय स्त्रोतों से प्राप्त की गई है। प्रयोग में लाने से पहले नजदीकी कृषि विशेषज्ञ से संपर्क जरूर कर लें
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।