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अपनी धान की फ़सल को हॉपर के रोग से बचाना है तो बस यह रिपोर्ट पढ़ लो

अपनी धान की फ़सल को होपर के रोग से बचाना है तो बस यह रिपोर्ट पढ़ लो
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किसान साथियों सितम्बर का महीना धान की फसल के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस समय धान की बालियां निकलने लगती हैं। इसी समय से लेकर अक्टूबर तक ब्राउन प्लांट हॉपर, जिसे हॉपर भी कहा जाता है, का प्रकोप बढ़ने लगता है। यह कीट पौधे का रस चूसकर उसे कमजोर कर देता है और पौधे की भोजन बनाने की क्षमता को कम कर देता है, जिससे फसल में भारी नुकसान हो सकता है।

हॉपर का अटैक और फसल की स्थिति:

हॉपर का अटैक पौधे के निचले हिस्से से शुरू होता है और धीरे-धीरे पूरे पौधे को प्रभावित करता है। इसके कारण पौधे भोजन बनाना बंद कर देते हैं और सूखने लगते हैं। इसका प्रकोप फसल के बड़े हिस्सों में फैल सकता है, और अगर इसका समय पर नियंत्रण न किया जाए तो यह पूरी फसल को खत्म कर सकता है।

फैलने की अनुकूल परिस्थितियाँ:

हॉपर का प्रकोप विशेषकर सितम्बर से अक्टूबर के बीच बढ़ता है। इसका फैलाव उन खेतों में ज्यादा होता है जहां पानी लगातार खड़ा रहता है और नमी अधिक होती है। इसके अलावा, ज्यादा नाइट्रोजन का उपयोग, लगातार पानी, और घनी फसल होने पर इसका प्रकोप बढ़ सकता है।

अगर इंसेक्टिसाइड का प्रयोग गलत समय पर या ज्यादा किया गया हो, तो इसके मित्र कीट खत्म हो जाते हैं, जिससे हॉपर तेजी से फैलने लगता है। इसके कारण खेत में गोलाकार सूखी जगहें दिखाई देने लगती हैं, जिसे "हॉपर बर्न" कहा जाता है।

प्रभावित कीट और नियंत्रण के उपाय:

धान पर मुख्यतः दो प्रकार के हॉपर हमला करते हैं – ब्राउन प्लांट हॉपर (BPH) और वाइट बैक्ड प्लांट हॉपर (WBPH)। अगर इनकी संख्या बढ़ जाए तो पौधे पीले पड़ने लगते हैं और पानी के निकट सफेद कीट आसानी से देखे जा सकते हैं। इसका समय पर नियंत्रण बेहद आवश्यक है, ताकि फसल को 100 प्रतिशत तक नुकसान से बचाया जा सके।

हॉपर के प्रकोप की पहचान के लिए सही समय:

अगर धान के खेत में हॉपर का एक भी एडल्ट दिखाई दे जाए, तो यह समय होता है कार्रवाई शुरू करने का। यह कीट छोटे और जल्दी नज़र नहीं आते, इसलिए पौधों के भीतर अच्छी तरह से झांककर और ध्यान से देखने की आवश्यकता होती है। हॉपर की पहचान करने का सबसे प्रभावी तरीका यह है कि सफेद कागज का प्रयोग किया जाए। सफेद कागज को पौधे के पास रखकर उसे हिला दें। यदि पौधों पर हॉपर है, तो वह सफेद कागज पर गिरकर दिखाई देने लगेगा।

हॉपर की चाल और पहचान में सावधानी:

जब हॉपर को छुआ जाता है, तो उसकी चाल टेढ़ी होती है। यह उसकी प्रमुख पहचान होती है। इसके अलावा, यह ध्यान रखना जरूरी है कि इसे मकड़ी से भ्रमित न करें, क्योंकि मकड़ी और हॉपर दिखने में मिलते-जुलते हो सकते हैं। हॉपर को पकड़ने और उसकी संख्या का पता लगाने के लिए खेत के अंदर 10 से 12 जगह पर बैठकर और ध्यानपूर्वक निरीक्षण करना चाहिए।

हॉपर के फैलने की सीमा और एक्शन लेने का समय:

अगर किसी एक शाखा पर हॉपर का एक अटैक दिखाई दे जाए और खेत में 20 से 25 शाखाओं पर हॉपर नजर आने लगे, तो यह संकेत है कि अब स्प्रे करने का समय आ गया है। इसके साथ ही, अगर खेत में पानी खड़ा है, तो पानी को तुरंत निकाल देना चाहिए, क्योंकि हॉपर ज्यादा नमी में जल्दी फैलता है। हर दिन खेत में जाकर पौधों का ध्यानपूर्वक निरीक्षण करना जरूरी है ताकि हॉपर के शुरुआती प्रकोप को समय रहते पकड़ा जा सके और बड़े नुकसान से बचा जा सके।

कृत्रिम रोशनी और उपकरणों का उपयोग:

हॉपर छोटे होते हैं और कई बार आसानी से दिखाई नहीं देते, इसलिए इसके निरीक्षण में रिलायंस का उपयोग किया जा सकता है। उपकरणों की मदद से पौधों पर हॉपर की स्थिति को बेहतर तरीके से जांचा जा सकता है, जिससे समय रहते सही कदम उठाया जा सके।

हॉपर, जो धान की फसल के नीचे की ओर रहता है, पौधे का रस चूसकर उन्हें कमजोर और बर्बाद कर देता है। यह एक छोटे आकार का कीट है, जिसे नीचे की ओर से मारना कठिन होता है। बाजार में हॉपर नियंत्रण के लिए कई प्रकार के कीटनाशक उपलब्ध हैं, लेकिन चुनौतियां तब आती हैं जब यह कीट पौधे के निचले हिस्से में छिपा होता है।

कीटनाशक का प्रकार

ब्राउन प्लांट हॉपर का नियंत्रण करने के लिए अलग-अलग प्रकार के कीटनाशकों का इस्तेमाल होता है। कुछ कॉन्टेक्ट कीटनाशक होते हैं, जो सीधे हॉपर पर असर करते हैं,

Contact Insecticides (कांटेक्ट कीटनाशक):

कांटेक्ट कीटनाशक केवल उस हिस्से में प्रभावी होते हैं जहां इनका स्प्रे किया जाता है। इनकी पहुंच पौधे के निचले हिस्से तक नहीं होती, जहां हॉपर ज्यादातर समय छिपा रहता है। Buprofezin 25SC एक ऐसा कांटेक्ट कीटनाशक है, जो हॉपर पर असरदार हो सकता है, लेकिन इसे पौधे के निचले हिस्से तक पहुंचाना मुश्किल होता है। इस समस्या को हल करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और सही स्प्रे तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।

Systemic Insecticides (सिस्टमिक कीटनाशक):

दूसरी ओर, सिस्टमिक कीटनाशक अधिक प्रभावी होते हैं क्योंकि ये पौधे के अंदर प्रवेश करते हैं और लंबे समय तक असर बनाए रखते हैं।ये विधि पूरे पौधे को कीड़ों के लिए जहरीला बना देते हैं। हॉपर जैसे रस चूसने वाले कीड़ों के लिए ये बहुत प्रभावी होते हैं। उदाहरण के लिए, Imidacloprid और Thiomethoxam 25WG का उपयोग लंबे समय से हो रहा है, लेकिन इनका असर सीमित हो सकता है, इसलिए इन्हें अन्य कीटनाशकों के साथ मिलाने की जरूरत होती है।

Imidacloprid 40% + Fipronil 40% का मिश्रण हॉपर के नियंत्रण में सबसे अच्छा माना जाता है। यह पौधे के निचले हिस्से तक प्रभावी होता है और हॉपर को तुरंत मारता है। Fipronil के कारण यह कीटनाशक लंबे समय तक काम करता है और हॉपर के प्रकोप को रोकता है। इसके अलावा, Triflumezopyrim 10%SC, Pymetrozine 50WG, और Dinotefuran 20SG जैसे कीटनाशक भी अत्यधिक प्रभावी माने जाते हैं। ये महंगे हो सकते हैं, लेकिन इनका असर लंबे समय तक रहता है और गंभीर आक्रमण को रोकने में सहायक होते हैं।

जब हॉपर का आक्रमण बहुत ज्यादा हो जाता है और सामान्य कीटनाशक काम नहीं करते, तब गैस बनाने वाले कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए। DDVP और BPMC जैसे कीटनाशक ऐसी स्थिति में उपयोग किए जाते हैं जब हॉपर बड़े पैमाने पर नुकसान कर रहा हो। ये गैस बनाकर तेजी से हॉपर को मार देते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करना चाहिए क्योंकि ये इंसानों के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं।

इसके साथ ही, नीम का तेल भी एक प्राकृतिक उपाय है, जो 10,000 PPM में इस्तेमाल किया जाता है। यह तेल हॉपर को दूर भगाता है और फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है। इसे अन्य कीटनाशकों के साथ मिलाकर प्रयोग करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।