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खेत में खाद ज्यादा डाल दी है तो ऐसे बढ़वार का नियंत्रण | नहीं होगा कोई नुकसान

खेत में खाद ज्यादा डाल दी है तो ऐसे बढ़वार का नियंत्रण | नहीं होगा कोई नुकसान
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किसान साथियो जिन किसानों ने अपनी फसल में अधिक मात्रा में खाद और पानी का उपयोग किया है, उनके लिए फसल की बढ़वार को नियंत्रित करना आवश्यक हो जाता है। जब फसल 50 से 55 दिन की अवस्था में होती है, तो तने की पहली गांठ बन रही होती है। इस समय यदि फसल का फुटाव अधिक हो और पत्तियां घनी होकर चारे जैसी दिखने लगें, तो यह संकेत है कि पौधों के गिरने (लॉजिंग) की संभावना बढ़ गई है। अधिक खाद और पानी से फसल का विकास तो तेज होता है, लेकिन अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह नुकसानदेह हो सकता है। इस स्थिति में वृद्धि नियंत्रकों का उपयोग करना बहुत जरूरी है।

ज्यादा लम्बाई को नियंत्र कैसे करे
फसल की बढ़वार को नियंत्रित करने और तने को मजबूत बनाने के लिए वृद्धि नियंत्रक का उपयोग एक प्रभावी समाधान है। इसमें क्लोरमेक्वाट क्लोराइड (लियोसिन) और टेबुकोनाज़ोल (फॉलिक) जैसे उत्पादों का उपयोग किया जाता है। क्लोरमेक्वाट क्लोराइड पौधों की लंबाई को नियंत्रित करता है और तने को मजबूत बनाता है, जबकि टेबुकोनाज़ोल पौधों को बीमारियों से बचाने और तनों की मजबूती बढ़ाने में सहायक है। इन दोनों वृद्धि नियंत्रकों का उपयोग पौधों के गिरने से बचाने के लिए किया जाता है।

कैसे करे वृद्धि को नियंत्र
वृद्धि को नियंत्र करने के लिए क्लोरमेक्वाट क्लोराइड का उपयोग 0.2% घोल के रूप में किया जाता है। इसे तैयार करने के लिए 2 मिलीलीटर दवाई को 1 लीटर पानी में मिलाया जाता है। प्रति एकड़ 400 मिलीलीटर दवाई को 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जाता है। टेबुकोनाज़ोल का उपयोग 0.1% घोल के रूप में किया जाता है। इसे तैयार करने के लिए 1 मिलीलीटर दवाई को 1 लीटर पानी में मिलाया जाता है। प्रति एकड़ 200 मिलीलीटर दवाई को 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जाता है। छिड़काव के लिए सही मात्रा और घोल तैयार करना बेहद जरूरी है। किसी भी तरह की कमी या अधिकता से छिड़काव का प्रभाव कम हो सकता है।

स्प्रे करने का सही समय क्या है
वृद्धि नियंत्रकों का छिड़काव फसल की अवस्था के अनुसार करना चाहिए। पहली स्प्रे फसल के 50-55 दिन की अवस्था में की जाती है, जब तने की पहली गांठ बनने की प्रक्रिया शुरू हो रही हो। इस समय पौधों की बढ़वार को नियंत्रित करना जरूरी होता है, क्योंकि पौधे अत्यधिक बढ़ने के कारण कमजोर हो सकते हैं। दूसरी स्प्रे फसल के 80-85 दिन की अवस्था में करनी चाहिए, जब झंडा पत्ता (फ्लैग लीफ) निकल रहा हो और बाल (स्पाइक) बनने की प्रक्रिया शुरू हो रही हो। इस समय स्प्रे करने से तना मजबूत बनता है और पौधे गिरने से बचते हैं।

स्प्रे करने से क्या लाभ मिलेगा
वृद्धि नियंत्रकों के दो बार किए गए छिड़काव से पौधों की लंबाई 8-10 सेंटीमीटर तक कम हो जाती है। इससे पौधों का तना अंदर से मजबूत हो जाता है और खोखली स्थिति (थोथा) समाप्त हो जाती है। तना लिग्निन के रूप में भरकर अधिक मजबूत हो जाता है, जिससे पौधे गिरने से बचते हैं। तने की मजबूती के कारण पौधे पोषक तत्वों को अधिक प्रभावी ढंग से ग्रहण करते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ती है।

किसानों के लिए क्या है निर्देश
वृद्धि नियंत्रकों का उपयोग केवल उन्हीं किसानों को करना चाहिए जिन्होंने फसल में अधिक मात्रा में खाद और पानी का उपयोग किया है। जिन किसानों ने सामान्य मात्रा में खाद, जैसे एक बैग डीएपी, 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट, और प्रति एकड़ दो-ढाई बैग यूरिया का उपयोग किया है, उन्हें वृद्धि नियंत्रकों की आवश्यकता नहीं होती। अधिक खाद और पानी का उपयोग करने वाले किसानों के लिए यह प्रक्रिया फायदेमंद है, क्योंकि यह फसल के अनियंत्रित विकास को रोकने और पौधों को गिरने से बचाने में मदद करती है। वृद्धि नियंत्रकों का सही समय पर और सही तरीके से उपयोग फसल की उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पौधों को गिरने से बचाने के साथ-साथ तने को मजबूत और स्वस्थ बनाता है। जिन किसानों ने अधिक खाद और पानी का उपयोग किया है, उनके लिए यह विधि वरदान साबित हो सकती है। समय पर सही निर्णय लेकर और वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर किसान अपनी फसल को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। वृद्धि नियंत्रकों का उपयोग न केवल आपकी फसल की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि आपकी मेहनत का अधिकतम लाभ भी सुनिश्चित करेगा।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।