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अगर कपास की फसल पीली हो रही है तो ऐसे करें इलाज | होगा बम्पर उत्पादन

अगर कपास की फसल पीली हो रही है तो ऐसे करें इलाज | होगा बम्पर उत्पादन
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किसान भाइयों कपास की फसल लगभग 120 से 135 की हो चुकी है और इस बार बरसात ने भी किसान भाइयों का अच्छा साथ दिया है। कई जगहों पर तो बारिश जरूरत से अधिक हो चुकी है, जहां बारिश के कारण किसान भाइयों को फायदा हो रहा है वहीं कुछ ऐसी फसले भी हैं जिन में अधिक बारिश से किसानों को नुकसान हो रहा है। साथियों कपास की फसल मे अधिक वर्षा की जरूरत नहीं होती। अधिक बारिश के कारण कपास की फूल पत्तियां झड़ जाती हैं जिससे उत्पादन में कमी आती है और बारिश के मौसम में तो कपास में बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। अबकी बार अधिक बारिश होने के कारण कपास में पत्तियों का पीला होने की शिकायत बहुत ज्यादा आ रही है। इस रोग के चलते किसान भाई अपनी फसल के उत्पादन को लेकर बहुत चिंतित हैं। तरह-तरह के स्प्रे करने के बावजूद भी वह समस्या का समाधान नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं, क्योंकि जब तक आपको बीमारी के कारण का नहीं पता होगा आप उसका सही इलाज नहीं कर पाएंगे।कपास की फसल में पत्तियों का पीला होना और लाल, गुलाबी या बैंगनी रंग का होना एक आम समस्या है,जो मैग्नीशियम की कमी के कारण होती है। मैग्नीशियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो पौधों के विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से पौधों में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें से पत्तियों का पीला होना और रंग बदलना एक प्रमुख समस्या है। आज की रिपोर्ट में हम इस रोग के लक्षण, कारण और समाधान के बारे में चर्चा करेंगे, आईए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

मैग्नीशियम की कमी के लक्षण:
साथियों मैग्नीशियम की कमी के कारण कपास के पौधों की पत्तियों पर बहुत असर पड़ता है और आगे चलकर यह उत्पादन में कमी का कारण भी बनता है। मैग्नीशियम की कमी से ग्रसित पौधों की पत्तियों का हरापन कम होने लग जाता है और पत्तियों में पीलापन नजर आने लगता है, जो धीरे-धीरे बढ़ता जाता है, पीलेपन का रंग गहरा होता जाता हैं और पत्तियों का रंग बदलने लगता है। मैग्नीशियम की कमी से पत्तियों में लाल, गुलाबी या बैंगनी रंग के धब्बे होने लगते हैं।अंत में, पत्तियों का रंग पूरी तरह से लाल हो जाता है। पत्तियों की शिराओं पर भूरे रंग की धाराएं बननी शुरू हो जाती हैं, जो अक्सर पतियों के किनारियों से शुरू होती हैं, और बाद में धीरे-धीरे करके पूरी पत्तियों पर फैल जाती हैं और समय से पहले ही पत्तियां गिरना शुरू हो जाती हैं। मैग्नीशियम की कमी का असर पौधों की जड़ों पर भी पड़ता है, जिसके परिणाम स्वरूप पौधे कमजोर हो जाते हैं।अगर आपको भी अपनी कपास की फसल में यह लक्षण दिखाई दें तो जल्दी से जल्दी मैग्नीशियम की कमी को पूरा करें।

क्या हो सकते हैं समाधान

रासायनिक समाधान
भाइयों कपास की फसल में मैग्नीशियम की बहुत जरूरत होती है, अगर समय रहते मैग्नीशियम की पूर्ति न की जाए तो फसल में भारी नुकसान हो सकता है। मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए मैग्नीशियम सल्फेट का स्प्रे करना बहुत जरूरी है। आप मैग्नीशियम सल्फेट की 1 किग्रा मात्रा 100 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें, मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए आप मैग्नीशियम ऑक्साइड की 500 ग्राम मात्रा को 100 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ में छिड़काव कर सकते हैं या फिर आप मैग्निशियम नाइट्रेट का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको मैग्निशियम नाइट्रेट की  750 ग्राम मात्रा को 100 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना होगा। आप को इनका  स्प्रे फसल में कम से कम दो बार करना होगा।

जैविक इलाज
साथियों अगर आप जैविक खेती करते हैं तो आप मैग्नीशियम की कमी को खत्म करने के लिए गोबर की खाद का प्रयोग कर सकते हैं, गोबर की खाद को आप मिट्टी में मिलाकर डालें, या फिर आप वर्मी कंपोस्ट को भी मिट्टी में मिलाकर डाल सकते हैं, या फिर मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए आप जैविक मैग्नीशियम पोषक 500 ग्राम की मात्रा बालू में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव कर सकते हैं।

अन्य पोषक तत्वों की कमी
भाइयों इस समय कपास का फ्लावरिंग और फ्रूटिंग टाइम चल रहा है, अगर आपको कपास की फसल में बढ़िया उत्पादन लेना है तो उसके लिए पौषक तत्वों की कमी को पूरा करना भी बहुत जरूरी है। पोषक तत्वों की कमी के कारण आपको अत्यधिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, उनकी कमी को पूरा करने के लिए आप NPK 13:00:45, जिंक, और बोराॅन जैसे पोषक तत्वों का स्प्रे करके फसल को पूर्ण पोषण प्रदान कर सकते है। इसके लिए आपको NPK 13:00:45 की 1 किग्रा मात्रा, जिंक 100 ग्राम लीजेंड फॉर्म वाला, मैग्नीशियम सल्फेट 1 किग्रा, और बोराॅन 100 ग्राम का घोल बनाकर प्रति एकड़ के हिसाब से फसल में स्प्रे करना है। आपको इसमें बोराॅन की मात्रा जरूर लेनी है, क्योंकि यह फूल और फल की वृद्धि में बहुत सहायक होता है। इस प्रकार आप मैग्नीशियम की कमी के साथ-साथ कपास की फसल में पोषक तत्वों की कमी को भी पूरा कर सकते हैं, जिनकी फसल कोई इस समय अत्यधिक आवश्यकता होती है।

Note : ऊपर दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और निजी विचारों पर आधारित है, फसल में किसी भी उत्पाद का प्रयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें और निर्णय अपने विवेक को समझ से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।