ठंड के मौसम में ऐसे करें फसल की देखभाल | उत्पादन के लग जाएंगे अंबार
उत्तर भारत में इन दिनों तापमान काफी कम है। दिनभर कोहरा और बादल छाए रहने के कारण धूप नहीं निकल रही है, जिससे मिट्टी का तापमान काफी गिर गया है। ठंडी मिट्टी में जड़ों की सक्रियता कम हो जाती है, जिससे वे पोषक तत्वों को अवशोषित करने में असमर्थ हो जाती हैं। इस मौसम में गेहूं की फसल अभी हरी और स्वस्थ दिख रही है, लेकिन यदि तापमान लंबे समय तक इसी तरह कम बना रहा, तो पत्तियों के पीले पड़ने और उपज में गिरावट की संभावना बढ़ जाती है। इस स्थिति से निपटने के लिए किसानों को पोषक तत्वों की सही मात्रा और विधि से आपूर्ति करनी होगी, ताकि फसल की वृद्धि और उत्पादकता बनी रहे।
मौसम का प्रभाव और फसल की स्थिति
ठंड और कोहरे के कारण मिट्टी ठंडी हो गई है, जिससे फसल की जड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। जड़ें पोषक तत्वों को अवशोषित करने में कठिनाई महसूस कर रही हैं, जबकि पौधों की पत्तियां अभी भी सक्रिय हैं और प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया कर रही हैं। हालांकि, लंबे समय तक कम तापमान बने रहने पर यह प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है, जिससे पौधों में पोषक तत्वों की कमी होने लगेगी। इस कमी के कारण पत्तियां पीली पड़ सकती हैं और कल्लों की बढ़वार रुक सकती है, जिससे फसल की उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
ठंड में फसल की कैसे करे देखभाल
ऐसी स्थिति से बचाव के लिए पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए छिड़काव सबसे प्रभावी तरीका है। चूंकि जड़ें ठंड में निष्क्रिय हो जाती हैं, इसलिए पत्तियों के माध्यम से पोषण देना फसल के लिए फायदेमंद साबित होता है। सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे जिंक, आयरन, कॉपर और मैंगनीज के सल्फेट नमक का छिड़काव फसल की वृद्धि बनाए रखने में सहायक होता है। जिंक सल्फेट को 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जा सकता है, जबकि मैंगनीज सल्फेट, फेरस सल्फेट और कॉपर सल्फेट को 2-3 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर दिया जा सकता है। इससे फसल की पत्तियों में पोषण की कमी पूरी होगी और हरियाली बनी रहेगी। यदि फसल में नाइट्रोजन की कमी दिखाई दे रही है और पत्तियां पीली पड़ रही हैं, तो सिंचाई के साथ यूरिया डालना एक कारगर उपाय है। ठंड के मौसम में सिंचाई करने से मिट्टी का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है, जिससे जड़ों की सक्रियता बढ़ती है और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है। यदि अधिक पानी के कारण फसल पहले ही पीली पड़ गई है, तो 2% यूरिया घोल (20 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करना लाभदायक रहेगा। इससे फसल जल्दी से अपनी हरियाली और पोषण की स्थिति में सुधार कर सकेगी।
इस समय किन बातो का रखे ध्यान
ठंड के मौसम में सिंचाई मिट्टी के तापमान को संतुलित करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है। पानी की विशेषता यह है कि गर्मियों में यह मिट्टी को ठंडा रखता है और सर्दियों में मिट्टी को गर्म बनाए रखता है। ऐसे में ठंडे मौसम में सिंचाई करने से मिट्टी का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है, जिससे जड़ें सक्रिय हो जाती हैं और पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण कर पाती हैं। इसलिए ठंड के मौसम में सिंचाई को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस समय गेहूं की फसल में कल्लों का विकास हो रहा है, जो भविष्य में फसल की उपज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अगर पौधों को सही पोषण और सिंचाई समय पर मिल जाए, तो कल्ले अच्छी तरह विकसित होंगे और उपज में वृद्धि होगी। लेकिन यदि पोषक तत्वों की कमी बनी रही और तापमान का प्रभाव लगातार फसल पर पड़ता रहा, तो कल्लों की बढ़वार रुक सकती है, जिससे उत्पादन में कमी आ सकती है।
किसानो के लिए क्या है सुझाव
कम तापमान और अधिक नमी के कारण फसल की बढ़वार और पोषक तत्वों के अवशोषण में समस्याएं आ सकती हैं। ऐसे में किसानों को पोषक तत्वों का छिड़काव और सिंचाई का उचित प्रबंधन करना चाहिए। सूक्ष्म पोषक तत्वों और नाइट्रोजन की सही मात्रा से फसल को पोषण देकर उसे पीला पड़ने से बचाया जा सकता है। साथ ही, सिंचाई के माध्यम से मिट्टी का तापमान नियंत्रित करके जड़ों की सक्रियता बढ़ाई जा सकती है। इस तरह, मौसम की चुनौतियों से निपटते हुए गेहूं की फसल की गुणवत्ता और उपज को बनाए रखा जा सकता है। किसानों को इस मौसम में अपनी फसल पर विशेष ध्यान देना चाहिए और नियमित निरीक्षण करना चाहिए। यदि फसल में किसी पोषक तत्व की कमी दिखाई दे, तो तुरंत उचित पोषक तत्वों का छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा, अधिक पानी या कम तापमान के कारण आई समस्याओं को सिंचाई और पोषण प्रबंधन से हल किया जा सकता है। बेहतर जानकारी और सुझावों के लिए किसान भाई कृषि संबंधित चैनल और वीडियो देखकर अपनी जानकारी को और बढ़ा सकते हैं।
नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।