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धान की फसल को बकानी रोग से कैसे बचाये | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

धान की फसल को बकानी रोग से कैसे बचाये | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
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कासगंज जिले में कृषि विभाग द्वारा किए गए निरीक्षण में धान की फसल पर फफूंद जनित बकानी रोग का प्रकोप पाया गया है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र के अनुसार, यह रोग मुख्य रूप से बासमती 1692, पूसा बासमती 1509 और पूसा बासमती 1718 प्रजाति की धान की फसल को प्रभावित कर रहा है। रोगग्रस्त पौधे अन्य पौधों की तुलना में लंबे और कमजोर हो जाते हैं। इस रोग से फसल को बचाने के लिए रोगग्रस्त पौधों को खेत से निकालकर गड्ढे में दबा देना आवश्यक है। इससे रोग अन्य पौधों में फैलने से रुक सकता है।

बकानी रोग के लक्षण और उसकी पहचान
डॉ. अवधेश मिश्र ने बताया कि बासमती धान में जब बकानी रोग लगता है तो प्रभावित पौधे की पहचान कुछ विशिष्ट लक्षणों से की जा सकती है। रोगग्रस्त पौधा अन्य स्वस्थ पौधों की तुलना में असामान्य रूप से लंबा हो जाता है। इसकी ऊपरी पत्ती बहुत लंबी और तलवार जैसी नुकीली हो जाती है। मुख्य तने पर गांठें बन जाती हैं और इस पौधे में धान की बालियां नहीं लगती हैं। इसके अलावा, रोगग्रस्त पौधे की जड़ें फूल जाती हैं और गांठों के ऊपर सफेद रेशे निकल आते हैं। ये सफेद रेशे ही पौधे को सड़ाने का कारण बनते हैं और अंततः पौधा सूख जाता है।

धान को बकानी रोग से कैसे बचाये
डॉ. अवधेश मिश्र ने बकानी रोग के प्रकोप को रोकने के लिए कुछ अन्य उपाय सुझाए हैं। उन्होंने बताया कि एक एकड़ क्षेत्र में तीन किलोग्राम ट्राइकोडर्मा, 500 ग्राम थायोफिनेट मिथाइल और 20 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन को 150 से 200 लीटर पानी में घोलकर धान की जड़ों में छिड़काव करना चाहिए। यह घोल धान के पौधों को फफूंद से बचाने में मदद करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि विकास खंडों पर स्थित राजकीय कृषि रक्षा इकाइयों से ट्राइकोडर्मा 75% अनुदान पर उपलब्ध है। इसके अलावा, रोग से प्रभावित खेतों में यूरिया का प्रयोग कम करने की सलाह दी गई है। साथ ही, किसानों को धान के खेतों की नियमित निगरानी करने के लिए भी कहा गया है।

Note:- किसान साथियो उपर दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विश्वसनीय स्रोतों और किसानों के निजी अनुभव पर आधारित है। किसी भी जानकारी को उपयोग में लाने से पहले कृषि वैज्ञानिक की सलाह जरूर ले लें । कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार धान में किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेनी चाहिए।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।