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मिल गया गेहूं की बालियों को लम्बा और मोटा करने का अचूक उपाय नुस्खा | अभी जाने

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अगर गेहूं की बालियां लंबी नहीं हो रही हैं तो अपनाएं यह तरीका

किसान भाइयों, गेहूं खेती का एक प्रमुख हिस्सा है और यह हर किसान के लिए गर्व की बात होती है जब उनकी फसल से उच्च उत्पादन मिलता है। लेकिन अधिकतर किसान यही सोचते हैं कि अगर हमने फसल की शुरुआत में अच्छी खाद डाल दी, और सिंचाई सही तरीके से कर ली, तो उत्पादन अपने आप अच्छा होगा। हालांकि, ऐसा हर बार नहीं होता। उत्पादन केवल पौधों की ग्रोथ (growth) पर निर्भर नहीं करता, बल्कि बालियों की लंबाई और उनमें दानों की गुणवत्ता पर भी निर्भर करता है। उत्पादन बढ़ाने के लिए केवल शुरुआती खाद और सिंचाई पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। फसल की प्रत्येक अवस्था में सही पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। विशेष रूप से बालियों के विकास के समय यूरिया, सिक्स एलिमेंट न्यूट्रिएंट, और नैनो यूरिया का सही मात्रा में उपयोग करना बहुत ही आवश्यक है। आज की रिपोर्ट में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि किस प्रकार सही समय पर सही पोषक तत्व (nutrients) देकर आप अपने गेहूं की फसल का उत्पादन कई गुना बढ़ा सकते हैं। और वह कौन से जरूरी आवश्यक उत्पाद हैं जिनकी सहायता से हमें गेहूं की बालियों का साइज बढ़ाकर अपने फसल के उत्पादन को अधिक कर सकते हैं। तो आइए, इसे समझने के लिए गहराई से चर्चा करते हैं इस रिपोर्ट में।

खाद और सिंचाई का सही महत्व

किसान साथियों, जब फसल की शुरुआत होती है, तो किसान भाई यूरिया, जिंक सल्फेट, और पोटाश जैसे उर्वरकों (fertilizers) का इस्तेमाल करते हैं। यह सही भी है क्योंकि यह शुरुआती ग्रोथ के लिए जरूरी हैं। लेकिन ये खाद केवल पौधों की जड़ों और तनों की मजबूती बढ़ाने के लिए होती हैं। शुरुआती ग्रोथ के लिए नाइट्रोजन बेहद जरूरी है, लेकिन यह बालियों के विकास के लिए पर्याप्त नहीं है। पोटाश और जिंक पौधों को प्रारंभिक मजबूती देते हैं लेकिन इनका असर लंबे समय तक नहीं रहता। शुरुआती सिंचाई (first irrigation) के समय सही मात्रा में खाद का प्रयोग जरूर करें। लेकिन याद रखें कि उत्पादन बढ़ाने के लिए यह पर्याप्त नहीं है।

बालियों का विकास और उत्पादन

किसान भाइयों, सिर्फ पौधों की ऊंचाई और शाखाओं (tillers) की संख्या से उत्पादन नहीं बढ़ता। असल में, बालियों की लंबाई और उनमें बनने वाले दानों की गुणवत्ता सबसे अधिक मायने रखती है। जब पौधों में बालियां निकलने लगें, तब उन्हें अधिक नाइट्रोजन, मैंगनीज (manganese), और फेरस (iron) की जरूरत होती है। इन पोषक तत्वों से पौधों में क्लोरोफिल (chlorophyll) की मात्रा बढ़ती है, जिससे प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) बेहतर होता है। बेहतर प्रकाश संश्लेषण से पौधों में ऊर्जा का उत्पादन अधिक होता है, जो बालियों को लंबा और मजबूत बनाता है।

क्यों जरूरी है तीसरा पानी?

किसान साथियों, तीसरे पानी के समय (70-80 दिन बाद) पौधों में बालियां बनने लगती हैं। इस समय पौधों को अतिरिक्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है ताकि बालियों का विकास ठीक से हो सके। तीसरी सिंचाई के साथ गेहूं की फसल में यूरिया (30 किलो/एकड़) का उपयोग बहुत ही आवश्यक है क्योंकि यूरिया नाइट्रोजन का मुख्य स्रोत है, जो इस समय बालियों के विकास में मदद करता है। इसके साथ ही आपको सीवीड फर्टिलाइजर (5 किलो/एकड़) का उपयोग करना चाहिए क्योंकि यह पौधों की जड़ों को मजबूत बनाता है और पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करता है। इसके अलावा आप मैग्नीशियम या मैंगनीज: 1-1.5 किलो (एडीटी फॉर्म में) का इस्तेमाल करें। यह क्लोरोफिल उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे पौधों में ऊर्जा का प्रवाह अच्छा होता है। इन सभी उर्वरकों को मिलाकर पानी के साथ खेत में डालें। इसके बाद तुरंत सिंचाई करें ताकि खाद जड़ों तक पहुंच सके।

स्प्रे का तरीका

किसान भाइयों, यदि किसान खाद डालने के बजाय स्प्रे का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो यह भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। स्प्रे सीधे पत्तियों पर असर करता है, जिससे पोषक तत्व तेजी से पौधों में अवशोषित होते हैं। इसके लिए आप सिक्स एलिमेंट न्यूट्रिएंट का स्प्रे करें। इसमें छह प्रकार के पोषक तत्व (जिंक, आयरन, मैंगनीज, बोरॉन, कैल्शियम, और मैग्नीशियम) होते हैं, जो बालियों को मजबूत और लंबा बनाते हैं। इसके अलावा आप नैनो यूरिया का स्प्रे भी कर सकते हैं, यह नाइट्रोजन का सबसे प्रभावी लिक्विड फॉर्म है, जो बालियों के विकास में मदद करता है।

डोज और तरीका:

किसान भाइयों, गेहूं की फसल में यह स्प्रे करने के लिए सिक्स एलिमेंट न्यूट्रिएंट: 2 एमएल प्रति लीटर पानी के हिसाब से और नैनो यूरिया: 3-4 एमएल प्रति लीटर पानी के हिसाब से लेकर दोनों को मिलाकर स्प्रे टैंक में डालें और बारीकी से पूरे खेत में स्प्रे करें। लेकिन ध्यान रखें कि स्प्रे टैंक को अच्छी तरह से साफ करें। यदि टैंक में पहले कोई हानिकारक केमिकल रहा हो, तो वह फसल को नुकसान पहुंचा सकता है। स्प्रे का समय सुबह या शाम का चुनें ताकि पत्तियां पोषक तत्वों को सरलता से और पूरी मात्रा में अवशोषित कर सकें।

ब्लैक सॉइल में फसल की देखभाल

किसान साथियों, काली मिट्टी (ब्लैक सॉइल) में नमी लंबे समय तक बनी रहती है, इसलिए सिंचाई की जरूरत कम होती है। काली मिट्टी में बालियों का विकास सुनिश्चित करने के लिए सिक्स एलिमेंट न्यूट्रिएंट का स्प्रे करना अधिक फायदेमंद होता है। इसलिए दूसरे पानी के समय या बालियों के निकलने से पहले स्प्रे करें।

स्प्रे और खाद का संतुलन

किसान भाइयों, गेहूं की फसल की बालियों की लंबाई और अच्छा उत्पादन पाने के लिए स्प्रे और खाद के संतुलन का ध्यान रखना भी जरूरी है। अगर आप सिंचाई के साथ खाद डाल रहे हैं, तो स्प्रे की मात्रा कम करें। स्प्रे का इस्तेमाल केवल तभी करें, जब फसल की ग्रोथ धीमी हो या बालियों का विकास कमजोर हो।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।