DAP खाद को लेकर आई अच्छी खबर | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
किसान साथियो राजस्थान में इस साल मानसून सीजन बेहद अच्छा रहा है। अच्छी बारिश के कारण किसानों ने रबी की फसल की बुवाई जोरों पर शुरू कर दी है। बढ़ती फसल उत्पादन के लिए किसानों को डीएपी समेत अन्य खादों की आवश्यकता बढ़ गई है। लेकिन, डीएपी के अलावा अन्य खादों की उपलब्धता में कमी के कारण किसानों को बुवाई में कुछ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार को खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी, ताकि किसान समय पर अपनी फसल बो सकें और बेहतर उत्पादन ले सकें। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
राजस्थान में DAP को लेकर क्या है अपडेट
राज्य सरकार किसानों की सुविधा के लिए कृषि विभाग के माध्यम से लगातार प्रयास कर रही है। खासकर फसल बुवाई के समय डीएपी खाद की मांग अधिक होती है, इसे देखते हुए सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि किसानों को समय पर डीएपी खाद उपलब्ध हो सके। राज्य में डीएपी खाद की उपलब्धता की नियमित समीक्षा की जा रही है। उन जिलों को प्राथमिकता दी जा रही है जहां खपत अधिक है और खाद की उपलब्धता कम है। वर्तमान में राज्य में डीएपी, यूरिया, एसएसपी और एनपीके जैसी अन्य उर्वरकों का पर्याप्त स्टॉक है। राज्य में डीएपी का स्टॉक 34 हजार मीट्रिक टन, यूरिया का 4 लाख 18 हजार मीट्रिक टन, एसएसपी का 2 लाख 22 हजार मीट्रिक टन और एनपीके का 52 हजार मीट्रिक टन है। इन प्रयासों से किसानों को उम्मीद है कि उन्हें समय पर और पर्याप्त मात्रा में खाद मिल सकेगा जिससे वे अपनी फसल को बेहतर तरीके से उगा सकेंगे।
राजस्थान में बढ़ी रबी फसलों की बुवाई
इस वर्ष मानसून सीजन में प्रदेश भर में अच्छी बारिश हुई है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस साल औसत से 58.68 प्रतिशत अधिक बारिश होने के कारण प्रदेश के तालाब और बांध भर गए हैं। इस पर्याप्त जल भंडारण के चलते किसानों में रबी फसलों की बुवाई को लेकर काफी उत्साह है। अनुमान है कि इस साल रबी फसलों के क्षेत्रफल में वृद्धि होगी। सितंबर महीने में भी लगातार बारिश होती रही, जिसके कारण अक्टूबर महीने में रबी फसलों की बुवाई एक साथ शुरू हो गई है। इस तेजी के कारण डीएपी की मांग में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
अभी तक राजस्थान सरकार कितना डीएपी वितरण कर चुका है
राजस्थान में रबी सीजन 2024-25 के लिए डीएपी खाद का वितरण जोरों पर है। राज्य सरकार के कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव राजन विशाल के अनुसार, अक्टूबर महीने में केंद्र सरकार द्वारा 1 लाख 80 हजार मीट्रिक टन डीएपी आवंटित किया गया था। इनमें से 22 अक्टूबर तक लगभग 74 हजार मीट्रिक टन डीएपी का वितरण किया जा चुका है, जो कुल आवंटन का लगभग 42% है। हालांकि, राज्य में डीएपी की मांग अभी भी अधिक है। अक्टूबर महीने के लिए अभी भी 1.06 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अतिरिक्त डीएपी की आपूर्ति करने का आग्रह किया है।
अगले एक हफ्ते में राजस्थान में डीएपी की आपूर्ति में होगा इजाफा
राज्य सरकार ने किसानों की समस्या को देखते हुए डीएपी की आपूर्ति में तेजी लाने का निर्णय लिया है। आने वाले 6-7 दिनों में अलवर, सूरतगढ़, मेड़ता सिटी, लालगढ़, भवानी मंडी, कोटा, हिंडौन सिटी, बारां, कनकपुरा और बीकानेर जैसे जिलों में 15 से 20 हजार मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की उम्मीद है। शासन सचिव राजन विशाल ने बताया है कि डीएपी की कमी को देखते हुए किसानों को सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी), एनपीके और यूरिया जैसे वैकल्पिक खादों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न मेलों, गोष्ठियों और महिला प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को इन वैकल्पिक खादों के उपयोग और फायदों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। यह कदम किसानों के लिए राहत की सांस है। डीएपी की उपलब्धता बढ़ने से किसानों को अपनी फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्व आसानी से मिल सकेंगे। साथ ही, वैकल्पिक खादों के बारे में जानकारी देने से किसानों को खेती के नए तरीके अपनाने में मदद मिलेगी।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।