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किसान बकरी के गोबर को बदल रहे चमत्कारी खाद में | जाने क्या है प्रक्रिया और फायदे

किसान बकरी के गोबर को बदल रहे चमत्कारी खाद में | जाने क्या है प्रक्रिया और फायदे
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किसान साथियों बहुत से किसान अपने घरों में बकरियों का पालन करते हैं और इनसे कई तरह की मदद प्राप्त करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बकरी पालन का एक और बड़ा फायदा है, जो न केवल आपके पैसे बचा सकता है बल्कि आपकी फसल की उपज भी बढ़ा सकता है? जी हां, यह मुमकिन है, और यह संभव होता है बकरी के गोबर से बनने वाली जैविक खाद से।

बकरी के गोबर से जैविक खाद

बकरी का गोबर, जैविक खाद बनाने के लिए एक उत्कृष्ट स्रोत है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसका उपयोग न केवल खेती की लागत को कम करता है, बल्कि फसलों की गुणवत्ता और उपज भी बढ़ाता है। जैविक खाद का उपयोग रासायनिक उर्वरकों के मुकाबले अधिक किफायती और पर्यावरण के अनुकूल है।

कैसे बनाएं बकरी के गोबर से जैविक खाद?

सबसे पहले, बकरी के गोबर को एकत्र करें और उसे एक सूखे स्थान पर रखें।
गोबर को कुछ दिनों के लिए ढेर में छोड़ दें ताकि यह सड़ जाए और कम्पोस्टिंग प्रक्रिया शुरू हो सके। इसमें आप पत्ते, सूखा घास या फसल के अवशेष भी मिला सकते हैं।
कम्पोस्ट के ढेर को समय-समय पर पानी से हल्का गीला करते रहें ताकि कम्पोस्टिंग प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके।
गोबर को पूरी तरह से खाद बनने में 2-3 महीने का समय लग सकता है। जब यह पूरी तरह से काला और दानेदार हो जाए, तब यह उपयोग के लिए तैयार है।

गोबर से जैविक खाद तैयार करना दूसरा बेहद सरल तरीका है, और यह कम लागत में ज्यादा लाभ कमा सकता है। इसके लिए:

10 किलो कच्चे गोबर में 250 ग्राम गुड़ और 100 लीटर पानी मिलाएं। इसे अच्छे से घोलकर लगभग ₹60 में कलर लेकर तैयार कर लें।
इस घोल को खेतों पर छिड़काव करें। 15-15 दिनों के अंतराल पर गोबर को एकत्रित करके पलटी देते रहें। इससे 60 दिनों में जैविक खाद तैयार हो जाती है।

बकरी के गोबर की खाद के फायदे

बकरी के गोबर से बनी जैविक खाद मिट्टी की उर्वरकता को बढ़ाती है, जिससे फसलों की वृद्धि बेहतर होती है।
खाद मिट्टी की पानी धारण करने की क्षमता को बढ़ाती है, जिससे सूखे की स्थिति में भी फसलें सुरक्षित रहती हैं।
जैविक खाद का उपयोग करने से किसानों को रासायनिक उर्वरकों पर खर्च कम करना पड़ता है, जिससे खेती की लागत में कमी आती है।
रासायनिक उर्वरकों जैसे यूरिया और डाई के मुकाबले, यह जैविक खाद स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती।
यह जैविक खाद गेहूं और धान की फसल में दोगुनी उपज देने में मदद करती है।

इस प्रकार, बकरी के गोबर से बनी जैविक खाद न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है, बल्कि उनकी फसलों की उपज और गुणवत्ता को भी बढ़ाती है।
व्यवसाय के अवसर: जैविक खाद का व्यापार

यदि आप इस जैविक खाद को बाजार में बेचना चाहते हैं, तो थोड़ी अतिरिक्त लागत और मेहनत की आवश्यकता होगी, लेकिन यह एक लाभकारी व्यवसाय भी बन सकता है। एक किसान भाई के अनुसार, उनके यहां कई बाजारों से लोग आकर जैविक खाद की मांग करते हैं और इसे खरीदकर ले जाते हैं। इससे वे अपनी फसलों में डबल उपज प्राप्त करते हैं।

यह जैविक खाद न केवल गेहूं और धान में, बल्कि आम के पौधों में भी अत्यधिक फायदेमंद होती है। बकरी के गोबर से बनी यह जैविक खाद न केवल फसल की उपज को बढ़ाती है, बल्कि इससे एक मुनाफेदार व्यापार भी किया जा सकता है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।