सरसों काटने के बाद करें इन फसलों की खेती। कमाई हो जाएगी दोगुनी
सरसों काटने के बाद करें इन फसलों की खेती। कमाई हो जाएगी दोगुनी
किसान साथियों, खेती से जुड़ी जानकारी किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है, इसलिए आज हम बात करेंगे कि सरसों की कटाई के बाद आप अपने खेत में कौन-कौन सी फसलों की खेती कर सकते हैं जो आपको कम समय में अधिक मुनाफा दे सकती हैं। अगर आपने अपने खेतों में सरसों की कटाई कर ली है या फिर आपकी सरसों की फसल तैयार होने वाली है, तो इस समय आपको खेत में कुछ ऐसी फसलें लगानी चाहिए, जो केवल 60-70 दिन में ही तैयार हो जाएं और आपको बढ़िया आमदनी मिल सके। ऐसे में, आप परंपरागत फसलों की तरफ रुख कर सकते हैं, जिनसे आप कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। सरसों की कटाई के बाद खेत में अन्य फसलों लगाने का फायदा यह है कि यह आपके खेत की उर्वरता को बनाए रखती हैं और साथ ही अतिरिक्त आय का भी जरिया बनती हैं। इस रिपोर्ट में हम बात करेंगे कुछ ऐसी परंपरागत और सब्जी भर के फसलों के बारे में जिन्हें आप इस समय अपने खेतों में लगा सकते हैं और उनकी 60-70 दिनों के अंदर कटाई करके एक अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। इन फसलों की खेती से न केवल आपकी आमदनी बढ़ेगी, बल्कि आपके खेत की उर्वरता भी बनी रहेगी। आइए जानते हैं कि किस प्रकार की फसलों से आप यह सब हासिल कर सकते हैं। तो चलिए इन फसलों के बारे में विस्तार से जानते हैं इस रिपोर्ट में।
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तिल की बुवाई
दोस्तों, तिल (Sesame) एक ऐसी फसल है जो कम समय में तैयार हो जाती है और इसकी खेती से अच्छा मुनाफा मिलता है। खासकर जब आपके खेत सरसों की कटाई के बाद खाली होते हैं, तो यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। तिल की बुवाई करने से आपके खेत में न केवल ताजगी आएगी, बल्कि इससे भूमि की उर्वरता भी बढ़ेगी। तिल एक ऐसी फसल है, जिसे अधिक पानी और ज्यादा बरसात की जरूरत नहीं होती, इस वजह से इसकी खेती में अधिक परेशानी नहीं होती। इस समय अगर आप तिल की बुवाई करते हैं, तो यह लगभग 60-65 दिनों में तैयार हो जाती है। और तिल की खेती से आपको बढ़िया गुणवत्ता का उत्पादन मिलेगा और बाजार में इसकी कीमत भी अच्छी मिल सकती है। इसमें विशेष बात यह है कि तिल की फसल जल्दी तैयार हो जाती है और इसका तेल, बीज और अन्य उत्पाद बाज़ार में अच्छी कीमत पर बिकते हैं। इसलिए, अगर आप कम समय में मुनाफा चाहते हैं, तो तिल की बुवाई आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।
मूंग की बुवाई
दोस्तों, मूंग (Green Gram) एक और ऐसी फसल है, जो बहुत कम समय में तैयार हो जाती है और इसे आसानी से बाजार में बेचा जा सकता है। मूंग की बुवाई करने से आपके खेत की उर्वर शक्ति भी बढ़ती है, क्योंकि मूंग एक नाइट्रोजन-फिक्सिंग फसल है, जो भूमि में नाइट्रोजन को बढ़ाता है। यदि इस समय आप मूंग की बुवाई करते हैं, तो यह लगभग 60-65 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसके अलावा मूंग की खेती से आपको केवल अच्छी फसल ही नहीं मिलती, बल्कि मूंग की फसल की मांग पूरे साल रहती है, और बाजार में इसकी कीमत अच्छी मिलती है। इसलिए, यह फसल भी एक अच्छा विकल्प हो सकती है यदि आप अपने खेतों से जल्दी और अच्छी आमदनी चाहते हैं।
उड़द की बुवाई
साथियों, सरसों की फसल काटने के बाद उड़द (Black Gram) की बुवाई भी एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह फसल भी लगभग 60-65 दिनों में तैयार हो जाती है और इसका उत्पादन खासतौर पर खाद्य उद्योग में उपयोग किया जाता है। उड़द की बुवाई करने से आपके खेत की उर्वरता भी बढ़ेगी क्योंकि उड़द नाइट्रोजन फिक्स करने में सक्षम है। उड़द की खेती के बाद आपके खेत में मृदा की गुणवत्ता सुधरेगी और इसके अतिरिक्त आपको बाजार में भी अच्छी कीमत मिल सकती है। इस फसल की विशेषता यह है कि इसकी खेती करना आसान है और इसे कम पानी की आवश्यकता होती है, जिससे यह आपके लिए एक आदर्श फसल बन जाती है।
मक्का की बुवाई
दोस्तों, मक्का (Maize) की बुवाई भी सरसों की कटाई के बाद की जा सकती है, लेकिन इसे जल्दी बोना बहुत जरूरी है। क्योंकि मक्का की बुवाई जितनी जल्दी होगी, उतनी जल्दी यह तैयार हो जाएगी। हालांकि, मक्का की फसल में पॉलिनेशन (Pollination) की समस्या हो सकती है यदि मौसम बहुत गर्म या बहुत ठंडा हो, लेकिन सही समय पर बुवाई करने से यह समस्या कम हो सकती है। मक्का की फसल की मांग भी बाजार में बहुत है और इसे आसानी से बेचा जा सकता है। यह फसल 70-80 दिनों में तैयार हो जाती है, और मक्का के दाने उच्च गुणवत्ता के होते हैं, जो खाने और उद्योगों में उपयोग किए जाते हैं।
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अन्य बेल वर्ग की फसलें
दोस्तों, अगर आप सरसों की कटाई के बाद सब्जी की खेती करना चाहते हैं तो इस समय आप बेल वर्ग की फसलों में खीरा (Cucumber), लौकी (Bottle Gourd), तोरी (Ridge Gourd), और करेला (Bitter Gourd) जैसी फसलों की खेती कर सकते हैं, जो जल्दी तैयार हो जाती हैं और इनमें से अधिकतर फसलें गर्मियों में बहुत मांग में रहती हैं। बेल वर्ग की फसलों की खासियत यह है कि यह सरसों के डंठल और खेत के बाकी हिस्सों के ऊपर चढ़कर फैलती हैं, जिससे खेत में एक प्रकार का प्राकृतिक शेड (Shade) तैयार होता है। इसके अलावा बेल वर्गीय फसलों का सरसों की कटाई के बाद बिजाई करने का एक फायदा यह भी है कि आपको इसमें खेत की तैयारी करने की आवश्यकता नहीं है। इसके अतिरिक्त यह फसलें 30-40 दिनों के अंदर बाजार में बेचने के लिए तैयार हो जाती हैं। इनमें से खीरा और लौकी की विशेष मांग होती है और इनकी बाजार में बहुत कीमत मिलती है। इसके अलावा, इन फसलों की खेती से आपको किसानों के लिए एक प्राकृतिक शेड भी मिलता है, जिससे गर्मी में फसलों को नुकसान नहीं होता।
धनिया और भिंडी की बुवाई
दोस्तों, यदि इस समय आप धनिया की खेती करते हैं तो धनिया (Coriander) की बुवाई करने से आप कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। क्योंकि धनिया की बुवाई करने का सबसे अच्छा समय वह होता है जब आपके खेत खाली होते हैं। धनिया की बुवाई से आपको केवल अच्छे उत्पादन का फायदा नहीं मिलता, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि मिट्टी में उर्वरता बनी रहे। इसके अलावा धनिया की खेती में मेहनत और खर्च भी ना के बराबर होता है और धनिया का उत्पादन काफी अधिक मात्रा में होता है, जो किसानों को काफी अधिक लाभ प्रदान करता है। इसके अलावा भिंडी (Okra) भी एक और ऐसी फसल है, जो बहुत जल्द तैयार हो जाती है। इस समय भिंडी की बुवाई करने से आपको पूरे साल बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। क्योंकि भिंडी की मांग हर मौसम में बनी रहती है, और यदि आप इसे सही समय पर लगाते हैं, तो यह आपको अच्छे लाभ की ओर ले जाएगी। भिंडी का उत्पादन भी प्रत्येक एकड़ काफी बढ़िया होता है जिससे आप फसल से 1.5 से 2 लाख रुपए कमा सकते हैं।
नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।