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क्या गेहूं में माइक्रो न्यूट्रिएंट्स को मिलाकर एक साथ दे सकते हैं? रिपोर्ट में जानें

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किसान भाइयों, आजकल कृषि क्षेत्र में, किसानों को अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए सही तकनीकों का उपयोग करना बेहद जरूरी हो गया है। फसलों में पोषण की कमी को पूरा करने के लिए हम कई तरह के तत्वों का उपयोग करते हैं, जिनमें सूक्ष्म पोषक तत्व (micro nutrients) भी शामिल हैं। ये तत्व पौधों के विकास के लिए आवश्यक होते हैं, हालांकि इनकी आवश्यकता सामान्य पोषक तत्वों की तुलना में बहुत कम होती है। सूक्ष्म तत्वों का छिड़काव एक ऐसी तकनीक है, जिसके माध्यम से इन तत्वों को सीधे पौधों की पत्तियों में पहुंचाया जाता है। लेकिन, इन तत्वों के छिड़काव में कई महत्वपूर्ण बातें होती हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी है। कभी-कभी, किसानों को यह समझ नहीं आता कि कितने और कौन से तत्व एक साथ मिलाकर छिड़काव किया जाए, और कब यह करना चाहिए। इस रिपोर्ट में, हम सूक्ष्म तत्वों के छिड़काव के बारे में विस्तार से समझेंगे, ताकि आप अपनी फसलों में बेहतर उत्पादन पा सकें। तो चलिए सूक्ष्म तत्वों के बारे में गहराई से समझने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

सूक्ष्म पोषक तत्व क्या होते हैं

किसान साथियों, फसल में सूक्ष्म तत्वों का उपयोग करने से पहले हमें यह समझना बहुत जरूरी है कि आखिर सूक्ष्म तत्व कौन से हैं। सूक्ष्म पोषक तत्व वे तत्व होते हैं जिनकी पौधों को आवश्यकता बहुत कम होती है, लेकिन ये तत्व पौधों के सही विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। फसल में इनकी आवश्यकता न्यूनतम होती है, लेकिन अगर पौधों में इनकी कमी हो जाए, तो फसल का विकास रुक सकता है। ये तत्व पौधों के भीतर कई महत्वपूर्ण जैविक क्रियाओं को सक्रिय करते हैं। इनमें प्रमुख तत्व होते हैं: जिंक (Zinc), आयरन (Iron), मैंगनीज (Manganese), कॉपर (Copper), और बोरान (Boron)। इन तत्वों की कमी से पौधों में कई प्रकार के लक्षण दिखने लगते हैं, जैसे कि पत्तियों का पीला पड़ना, विकास रुकना, या बढ़वार में कमी आना। इसलिए इनकी सही मात्रा में आपूर्ति फसलों के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक है।

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छिड़काव का सही तरीका

किसान साथियों, गेहूं की फसल में जब हमें सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी का आभास होता है, तो हम इनका छिड़काव करके पौधों की जरूरत को पूरा करने की कोशिश करते हैं। लेकिन जब हम अपनी फसल में इनका छिड़काव करें तो छिड़काव के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है। कई बार किसानों को यह भ्रम होता है कि एक साथ कई सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाकर छिड़काव किया जाए। लेकिन, यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह तभी किया जाए जब दोनों तत्वों की कमी हो। अगर किसी एक तत्व की कमी है, तो उसी तत्व का छिड़काव करना बेहतर होता है। अगर दो तत्वों की कमी है, तो दोनों को एक साथ मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है, लेकिन इनकी मात्रा बहुत अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, यदि आपकी फसल को एक तत्व की आवश्यकता है और आप दो तत्वों को मिलाकर स्प्रे करते हैं तो अनावश्यक तत्वों के ऊपर किया गया आपका खर्च बेकार हो जाता है। साथियों, हमें फसल में सूक्ष्म तत्वों का छिड़काव करने से पहले यह जानना जरूरी है कि किस तत्व की कमी हो रही है। इसके लिए आपको फसल के लक्षणों को ध्यान से देखना होगा। उदाहरण के लिए, अगर जिंक की कमी है, तो उस तत्व का छिड़काव किया जाएगा। यदि आयरन की कमी है, तो आयरन सल्फेट का उपयोग किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, आपको इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि सूक्ष्म पोषक तत्वों का उपयोग आप अपनी फसल में इस समय करें जब आपको फसल में उनकी कमी महसूस हो।

छिड़काव करते समय रखें ध्यान

किसान साथियों, गेहूं की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों का उपयोग करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। फसल में इनका छिड़काव करते समय सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा नहीं होनी चाहिए, नहीं तो इनकी अधिक मात्रा से पौधों की पत्तियां जल सकती हैं और फसल की गुणवत्ता में कमी आ सकती है। आमतौर पर, 1 लीटर पानी में 5 ग्राम से ज्यादा सूक्ष्म पोषक तत्व नहीं मिलाए जाने चाहिए। यदि आप दो तत्व मिलाना चाहते हैं, तो उनकी मात्रा आधी-आधी रखें, ताकि पत्तियों पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े। इसके अतिरिक्त, फसल में सूक्ष्म तत्वों का छिड़काव हमेशा पानी के साथ मिलाकर किया जाता है। पानी इन तत्वों को पौधों की पत्तियों तक आसानी से पहुंचाता है और उनके अवशोषण को बेहतर बनाता है। दोस्तों, फसल में पोषक तत्वों की कमी होने पर छिड़काव करने के बावजूद भी कभी-कभी एक ही छिड़काव से समस्या पूरी तरह से हल नहीं होती। अगर पहली बार में पोषक तत्वों की कमी पूरी नहीं होती है, तो आप 10-15 दिन के अंतराल पर फिर से दूसरा छिड़काव कर सकते हैं।

कौन से तत्वों को नहीं मिलाना चाहिए

किसान भाइयों, गेहूं की फसल में छिड़काव करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कुछ सूक्ष्म पोषक तत्व ऐसे हैं जिनको आप मिश्रित करके उनका छिड़काव कर सकते हैं, लेकिन कुछ तत्वों को मिलाकर छिड़काव करना फसल के लिए हानिकारक हो सकता है। जैसे कि यदि पौधे में जिंक की कमी है और आप साथ में आयरन मिलाते हैं, तो दोनों तत्वों के बीच प्रतिस्पर्धा (competition) हो सकता है, जिससे पौधा पर्याप्त मात्रा में जिंक अवशोषित नहीं कर पाएगा। इसलिए जब भी आप दो सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करें, यह सुनिश्चित करें कि दोनों की कमी हो रही हो। इसके अलावा, बोरन के तत्व को अन्य सूक्ष्म तत्वों के साथ मिलाकर छिड़काव करने से बचें, जब तक कि बोरन की कमी न हो। क्योंकि इसका कोई फायदा नहीं होता और यह अन्य तत्वों के अवशोषण में रुकावट डाल सकता है। इसलिए अगर आप अपनी फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों को मिश्रित करके छिड़काव करते हैं तो छिड़काव से पहले उनकी सही मात्रा और उनके बीच होने वाले रिएक्शन की जानकारी के लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

छिड़काव करने का सही समय

किसान भाइयों, गेहूं की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव तब करना चाहिए जब फसल में इन तत्वों की कमी के लक्षण स्पष्ट रूप से दिख रहे हों। जैसे, अगर पौधे की पत्तियां पीली पड़ रही हैं, तो यह आयरन की कमी हो सकती है। अगर विकास रुक गया है और पत्तियां सिकुड़ रही हैं, तो यह जिंक की कमी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, यदि आप बीज बोने से पहले सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति करते हैं, तो आने वाले समय में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी कम हो सकती है। फिर भी, यदि आपको बाद में कमी का आभास हो, तो आप उचित समय पर छिड़काव करके इसे ठीक कर सकते हैं।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के लिए अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।