नकली खाद से हो जाएं सावधान रहें | बुवाई से पहले कृषि विभाग ने क्या दी जानकारी
किसान साथियो रबी की फसलें बोने का समय नजदीक आता जा रहा है और साथ ही यूरिया और डीएपी जैसी खादों की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है। खासकर डीएपी खाद की मांग में बढ़ोतरी के कारण कई जगहों पर किसानों को इसे खरीदने में मुश्किल हो रही है। इसी बीच, राजस्थान के चूरु जिले में कृषि विभाग ने किसानों को नकली डीएपी से सावधान रहने की चेतावनी जारी की है। विभाग ने बताया है कि सरसों, चना और तारामीरा जैसी फसलों की बुवाई का समय आ गया है, लेकिन मौजूदा तापमान इन फसलों की बुवाई के लिए अनुकूल नहीं है। कुछ दिनों में जब तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच जाएगा, तब इन फसलों की बुवाई के लिए आदर्श समय होगा। बुवाई के समय किसान डीएपी खाद का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए उन्हें गुणवत्तापूर्ण डीएपी खरीदने के लिए प्रामाणिक विक्रेताओं से ही खाद खरीदनी चाहिए। कृषि विभाग ने यह भी बताया है कि क्रय-विक्रय सहकारी समितियां और ग्राम सेवा सहकारी समितियां गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उपलब्ध करवा रही हैं। किसानों को चाहिए कि वे इन समितियों से ही खाद खरीदें। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
किसान अपनी तारामीरा, चना और सरसों की फसल में यह खाद डालें
संयुक्त निदेशक ने किसानों को एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। उन्होंने बताया है कि सरसों, चना और तारामीरा जैसी फसलों के लिए डीएपी के बजाय सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करना ज्यादा फायदेमंद और किफायती है। विशेषज्ञों के अनुसार, 50 किलोग्राम के एक बैग डीएपी की जगह किसान तीन बैग सिंगल सुपर फास्फेट और आधा बैग यूरिया मिलाकर अपनी फसलों में उपयोग कर सकते हैं। इससे फसलों को न केवल फॉस्फोरस और नाइट्रोजन बल्कि सल्फर की भी पर्याप्त मात्रा मिलेगी, जिससे फसलों का उत्पादन बढ़ सकता है। यह नया तरीका न सिर्फ किसानों की जेब पर बोझ कम करेगा बल्कि फसलों की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इस सुझाव पर अमल करें और अपनी फसलों के लिए सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करें।
डीएपी और यूरिया खाद खरीदते समय रखे इन बातो का ध्यान
कृषि विभाग ने किसानों को सतर्क किया है कि उर्वरकों की खरीद करते समय सावधान रहें। उर्वरकों का विक्रय केवल अधिकृत विक्रेताओं, जैसे सहकारी समितियों आदि के माध्यम से ही किया जाना चाहिए। बिना लाइसेंस के उर्वरक बेचना कानूनन अपराध है। कई बार कुछ लोग नकली उर्वरक बेचने के लिए किसानों को गुमराह करते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहें। यदि आपके क्षेत्र में कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के उर्वरक बेच रहा है तो तुरंत अपने कृषि पर्यवेक्षक या कृषि विभाग के अधिकारी को सूचित करें। डीएपी के प्रति किसानों के लगाव का फायदा उठाकर कुछ लोग नकली डीएपी बेचने का प्रयास करते हैं। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे डीएपी के बजाय सिंगल सुपर फास्फेट + यूरिया या एनपीके उर्वरकों का उपयोग करें। ये उर्वरक न केवल सस्ते हैं बल्कि अधिक लाभकारी भी हैं। किसानों को आकर्षक बैगों से प्रभावित नहीं होना चाहिए और केवल अधिकृत विक्रेताओं से ही उर्वरक खरीदने चाहिए। अपने खेतों की उपज बढ़ाने के लिए उचित गुणवत्ता वाले उर्वरकों का उपयोग करना बेहद जरूरी है। इसलिए, उर्वरक खरीदते समय सावधानी बरतें और किसी भी संदेह की स्थिति में कृषि विभाग से संपर्क करें।
NOTE:- दी गई जानकारी इन्टरनेट और न्यूज़ पेपर से ली गई अगर आपको डीएपी की असली या नकली की पहचान करनी है तो अपने किसी नजदीकी कृषि एक्सपर्ट से राय जरुर ले ले
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।