आपकी फसल की किस रेट पर होगी सरकारी खरीद | जाने क्या घोषित हुआ नया MSP
किसान साथियो खरीफ फसलों की कटाई का मौसम शुरू होते ही राजस्थान सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। राज्य सहकारी क्रय-विक्रय संघ ने अक्टूबर महीने से खरीफ फसलों की खरीद के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। इस बार की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बाजरे का समर्थन मूल्य 125 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2625 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। हालांकि, अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि बाजरे की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होगी या नहीं। बाजरे के अलावा, राज्य में 9 अन्य फसलों के लिए भी समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। सीकर जिले में मूंगफली की फसल को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। इस घोषणा से किसानों में उत्साह है और उन्हें उम्मीद है कि उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिलेगा। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
सरकार ने MSP में की बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दलहनों और मक्के सहित कई खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की है। इस फैसले से किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सकेगा। विशेष रूप से, मूंग दाल की एमएसपी में 124 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है और अब यह 8682 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इसी तरह, मूंगफली की एमएसपी में 406 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर 6783 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है। दलहनों में सबसे अधिक एमएसपी तुअर दाल को दिया गया है, जिसकी एमएसपी 7550 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। इसके अलावा, मक्के की एमएसपी में भी 135 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर 225 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है। सरकार ने खरीफ फसलों की खरीद के लिए अक्टूबर महीने में किसानों का पंजीकरण शुरू करने का निर्णय लिया है। नवंबर के पहले सप्ताह से किसानों से फसल की खरीद शुरू की जाएगी। इस फैसले से किसानों को उनकी फसल बेचने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और उन्हें समय पर भुगतान मिल सकेगा।
राजस्थान में बाजरा उत्पादन और समर्थन मूल्य का क्या है मुद्दा
राजस्थान देश में बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। सीकर जिले में ही लगभग 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर बाजरा की खेती की जाती है, जबकि मूंग और मूंगफली का रकबा क्रमशः 60 हजार और 30 हजार हेक्टेयर है। बाजरे की खेती राजस्थान के किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। हालांकि, राजस्थान सरकार द्वारा हर साल बाजरे का समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक किसानों से बाजरा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नहीं खरीदा है। यह स्थिति राज्य के किसानों के लिए काफी निराशाजनक है। वहीं, पंजाब और हरियाणा जैसे अन्य राज्यों में सरकारें बाजरे की खरीद एमएसपी पर करती हैं। इससे राजस्थान के किसानों को नुकसान होता है क्योंकि उन्हें अपनी उपज मध्यस्थों के माध्यम से कम दाम पर बेचनी पड़ती है। इसका फायदा केवल स्थानीय व्यापारियों को होता है। किसानों की मांग है कि सरकार बाजरे की खरीद एमएसपी पर करे ताकि उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।