सरसो बुवाई से पहले 90% किसान करते हैं ये तीन बड़ी गलतियां | सरसो बुवाई से पहले ये रिपोर्ट जरूर पढ़ लेना
किसान भाइयों सरसों की खेती किसानों की आय को बढ़ाने का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है। किसानों को इस फसल से अच्छा मुनाफा मिल सकता है, लेकिन तीन ऐसी महत्वपूर्ण बातें हैं जिनको लेकर किसान भाई हमेशा गलती करते हैं, और फल स्वरुप इसका असर सीधा सरसों के उत्पादन पर पड़ता है। कई बार छोटी-छोटी गलतियों के कारण फसल का उत्पादन कम हो जाता है। इस रिपोर्ट में, हम सरसों की खेती में की जाने वाली तीन प्रमुख गलतियों और उनसे बचने के उपायों के बारे में चर्चा करेंगे। किसान भाइयों अगर आपने भी सरसों की बिजाई कर रखी है तो इस रिपोर्ट को ध्यान से और पूरा पढ़ने की कोशिश करें ताकि आप भी यह गलतियां भविष्य में दोबारा कभी ना करें, तो आइए इस रिपोर्ट के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं कि वह कौन-कौन सी गलतियां हैं, और उनका क्या समाधान है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
1.राख का उपयोग
किसान भाइयों 90% किसान अपनी सरसों की फसल में जर्मिनेशन के 5-7 दिन के बाद चूल्हे की राख को कीटनाशक पाउडर के साथ मिलाकर खेत में छिड़काव करते हैं, किसान साथी अक्सर मेलाथियान जैसे कीटनाशक का उपयोग करते समय उसमें चूल्हे की राख मिलाते हैं, जिससे कीटनाशक की प्रभावशीलता कम हो जाती है। इससे कीट पूरी तरह नष्ट नहीं हो पाते, और पौधा कमजोर हो जाता है। इसके समाधान के लिए किसानों को चाहिए कि वे कीटनाशक को सीधा पौधे पर छिड़कें, बिना किसी अन्य सामग्री को मिलाए। 5-7 दिनों के अंदर मेलाथियान या अन्य उचित कीटनाशक का सही मात्रा में उपयोग करें, ताकि कीटों से फसल की रक्षा की जा सके। अगर कीटनाशक की मात्रा की बात की जाए तो आप 4 किलो कीटनाशक पाउडर प्रति एकड़ में छिड़क सकते हैं।
2.गलत समय पर सिंचाई
किसान भाइयों दूसरी बड़ी गलती किसान तब करते हैं जब सरसों की फसल 15 से 20 दिन की हो जाती है और किसान भाई उसमें सिंचाई कर देते हैं, और सिंचाई के तुरंत बाद उसमें सिर्फ यूरिया का छिड़काव करते हैं। इससे पौधे की बढ़वार तो हो जाती है लेकिन फलियों का आकार छोटा बनता है और फलियां में दानों की संख्या भी बहुत कम होती है। दाने का साइज भी बहुत छोटा होता है, जिससे फसल की क्वालिटी और पैदावार में कमी आती है। किसान भाइयों को ध्यान रखना चाहिए कि फसल में पहली सिंचाई उस समय करें जब खेत में नमी की मात्रा समाप्त हो जाए। कहने का मतलब है कि जब आपके पौधे का रंग काला होने लगे या पौधा नमी की कमी के कारण मुरझाने लगे,और आपको लगे की आपकी फसल में नमी की कमी हो गई है तभी आप फसल में सिंचाई करें । पहले सिंचाई करने से आपका पौधा पीला हो सकता है और पौधों के गिरने का खतरा भी बना रहता है। पौधों में पीलापन आने से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर असर पड़ सकता है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
3.सल्फर का उपयोग
किसान साथियों सरसों की फसल की गुणवत्ता और मंडी में आपकी सरसों का भाव, उसमें तेल की मात्रा पर निर्भर करता है।सरसों की अच्छी गुणवत्ता और तेल की अधिक मात्रा पाने के लिए सल्फर का उपयोग बहुत जरूरी है। लेकिन कई किसान सरसों की फसल में सल्फर का उपयोग नहीं करते। इससे फसल में तेल की मात्रा घट जाती है, और बाजार में उसका दाम कम हो जाता है। किसान भाई जब सरसों की फसल में पहली सिंचाई करें तो सिंचाई के बाद किसानों को फसल में सल्फर का छिड़काव जरूर करना चाहिए। आप सिंचाई के बाद प्रति एकड़ 4 किलो सल्फर का छिड़काव अपनी फसल में कर सकते हैं। सल्फर का उपयोग सरसों की फसल के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि सरसों में तेल की मात्रा को बढ़ाने का कार्य सल्फर ही करता है। आप इसके लिए दानेदार सल्फर का ही उपयोग करें, ताकि यह पौधों पर अच्छी प्रकार से असर डाल सके। अगर आप पाउडर वाले सल्फर का उपयोग करते हैं तो छिड़काव के समय कुछ तो पत्तों पर चिपक जाता है जो पत्तियों के लिए हानिकारक हो सकता है, और कुछ हवा में उड़ जाता है, जिसके कारण फसल में सल्फर की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाती।
निष्कर्ष
किसान भाइयों अगर आप अपनी फसल को इन तीन गलतियों से बचा लेते हैं तो आपकी फसल का उत्पादन बढ़ जाता है और फसल की क्वालिटी भी शानदार बनती है। इसके लिए आप कीटनाशकों का सही प्रकार से उपयोग करें और फसल में आवश्यकता होने पर ही सिंचाई करें। फसल में पहली सिंचाई के बाद यूरिया के साथ-साथ सल्फर का छिड़काव अवश्य करें। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
नोट:- रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी इंटरनेट और सार्वजनिक स्रोतों के माध्यम से इकट्ठा की गई है। कृषि संबंधित किसी भी जानकारी के लिए आप कृषि वैज्ञानिकों की सलाह अवश्य लें और निर्णय अपनी समझ और विवेक से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।