इस बजट में सरकार आम आदमी को क्या देगी राहत | जानें इस रिपोर्ट में
दोस्तों, भारत में हर साल बजट का इंतजार सभी को होता है, खासकर टैक्सपेयर्स और आम जनता को। यह बजट न सिर्फ सरकार की वित्तीय योजना का एक हिस्सा होता है, बल्कि यह हमारे देश की आर्थिक दिशा का भी निर्धारण करता है। 2025 का बजट अब कुछ ही समय दूर है, और इस बार टैक्सपेयर्स के लिए खास ध्यान दिए जाने की संभावना है। यह इसलिए अहम है क्योंकि सरकार के लिए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन ने पिछले सालों के मुकाबले काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। 2025 के बजट में सरकार टैक्सपेयर्स को क्या लाभ देगी, यह सवाल सभी के मन में है। हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 16% बढ़कर 16.89 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। इस आंकड़े से यह साफ है कि टैक्सपेयर्स ने सरकार के खजाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या सरकार इस बढ़े हुए टैक्स कलेक्शन के फायदे को आम जनता और टैक्सपेयर्स के साथ शेयर करेगी? क्या बजट 2025 में टैक्सपेयर्स के लिए कुछ राहत होगी? यह उम्मीदें और सवाल सबके मन में हैं। आइए जानते हैं कि टैक्स पर इस बजट में सरकार से क्या उम्मीदें कर रहे हैं और उनकी उम्मीद पर खरा उतरने की कितनी सरकार की संभावना है। इन सभी बातों को विस्तार से जानने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।
टैक्सपेयर्स का योगदान
साथियों, हर नागरिक का यह कर्तव्य होता है कि वह सही समय पर टैक्स अदा करे, और यही काम भारत के टैक्सपेयर्स ने बखूबी निभाया है। डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में वृद्धि ने सरकार को वित्तीय रूप से सक्षम किया है, जिससे वह देश के विकास के लिए नए कदम उठा सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को भारत का केंद्रीय बजट पेश करते हुए टैक्सपेयर्स के योगदान को सराहा था। उन्होंने कहा था कि टैक्स अदा करने वाले सभी नागरिक देश के जिम्मेदार नागरिक हैं, जो राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसा नहीं है कि टैक्सपेयर्स ने यह काम एक या दो बार ही किया है, बल्कि 2023-24 के बजट में भी सरकार ने टैक्सपेयर्स को धन्यवाद दिया था, लेकिन इससे सरकार ने धन्यवाद के अलावा टैक्सपेयर्स को कोई बड़ी राहत नहीं दी गई। हालांकि, सरकार ने इस दौरान टैक्स प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में कई कदम उठाए। 2025 के बजट में भी ऐसे ही कदम उठाए जाने की संभावना है। लेकिन इस बार यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार टैक्सपेयर्स के लिए कुछ राहत मिल सकती है, जैसे टैक्स स्लैब में सुधार, छूट बढ़ाने या अन्य वित्तीय सहायता की घोषणा।
2025 के बजट में बदलाव की संभावना
साथियों, इस बार का 2025 का बजट सिर्फ टैक्सपेयर्स के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है। क्योंकि भारत सरकार को पिछले कुछ सालों में टैक्स कलेक्शन के रूप में अच्छा लाभ हुआ है, और सरकार इसे आम जनता के लिए उपयोगी बनाने पर विचार कर सकती है। सरकार को ध्यान में रखते हुए, देश में उपभोग को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय उपायों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रमुख अर्थशास्त्रियों के बीच हुई बैठकों में इस बात पर जोर दिया गया है। उपभोग बढ़ने से अर्थव्यवस्था की गति तेज हो सकती है, जो कि आर्थिक विकास के लिए फायदेमंद होगा। इसके अलावा, उद्योग जगत की भी उम्मीदें हैं कि इस बार के बजट में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को सरल बनाया जाए और टैक्स कलेक्शन के दौरान होने वाली समस्याओं को कम किया जाए। अगर सरकार इस बजट के दौरान GST से जुड़ी हुई प्रक्रियाओं को कुछ सरल बनाने की कोशिश करती है, तो इससे व्यवसायियों को मदद मिलेगी और टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स देने की प्रक्रिया और भी सुगम हो जाएगी।
वर्तमान टैक्स व्यवस्था
साथियों, सरकार द्वारा निर्धारित की हुई अभी जो टैक्स व्यवस्था चल रही है, उसमें 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाता है। 2.5 लाख से लेकर 5 लाख रुपये तक की आय पर 5% टैक्स लगता है, जबकि 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20% टैक्स और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगता है। यह व्यवस्था पुराने टैक्स सिस्टम का हिस्सा है, जिसे कई लोग सरल और सीधे तरीके से समझ सकते हैं। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक आयु) के लिए बेसिक टैक्स छूट 3 लाख रुपये तक है, जबकि अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक आयु) के लिए यह छूट 5 लाख रुपये तक है। इसके बावजूद, टैक्सपेयर्स की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि सरकार टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव करें ताकि आम नागरिकों को राहत मिल सके।
टैक्सपेयर्स को राहत की उम्मीद
दोस्तों, भारत के टैक्सपेयर्स ने पिछले सालों में सरकार को ईमानदारी और बहुत मेहनत से टैक्स दिया है, जिससे सरकार के खजाने में पर्याप्त धन आया है। और सरकार द्वारा इस धन का उपयोग कई विकासात्मक योजनाओं के लिए किया गया है, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस बढ़े हुए टैक्स कलेक्शन का लाभ आम जनता और टैक्सपेयर्स को देगी? क्या आखिरकार, यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक नई दिशा तय कर सकता है। क्या इस बार टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी? या फिर इस बार भी सरकार एक मुस्कान के साथ उन्हें धन्यवाद देकर आगे बढ़ेगी? यह सवाल अब बजट के समय पर जवाब देगा, लेकिन जनता की उम्मीदें इस बार बजट को लेकर सरकार से बहुत ज्यादा हैं।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।