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इस दिन दिल्ली में लगेगा पूसा किसान मेला | किसानों को मिलेंगे उन्नत बीज और बहुत कुछ

इस दिन दिल्ली में लगेगा पूसा किसान मेला | किसानों को मिलेंगे उन्नत बीज और बहुत कुछ
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किसान भाइयों, भारत में कृषि हमेशा से हमारी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा रही है। किसानों के लिए नई तकनीकों, उन्नत कृषि पद्धतियों और बेहतर फसल उत्पादन की जानकारी प्राप्त करना बहुत जरूरी है। ऐसे में हर साल आयोजित होने वाला पूसा कृषि विज्ञान मेला एक महत्वपूर्ण आयोजन बन चुका है, जो किसानों को न केवल नई जानकारी और तकनीक से अवगत कराता है, बल्कि उन्हें उन्नत कृषि के रास्ते पर ले जाने में मदद करता है। इस साल यह मेला 24 से 26 फरवरी तक आयोजित होगा, जिसका मुख्य विषय होगा "उन्नत कृषि – विकसित भारत"।

इस मेले का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा द्वारा किया जाता है और इसमें देशभर के लाखों किसान भाग लेते हैं। इस मेले में किसानों को नई और उन्नत किस्मों के बीज, कृषि उपकरण, खेती के तरीके और अधिक से अधिक उपज प्राप्त करने के लिए उपयोगी जानकारी मिलती है। यह मेला किसानों को न केवल नई तकनीकों के बारे में बताता है, बल्कि उन्हें अपनी खेती को और अधिक प्रभावी और सतत बनाने के लिए प्रेरित करता है। तो चलिए मेले के महत्व और इसकी खासियत के बारे में विस्तार से जानते हैं इस रिपोर्ट में।

उन्नत कृषि – विकसित भारत

किसान भाइयों, हर साल पूसा कृषि मेला एक विशिष्ट विषय पर आधारित होता है। इस साल का मुख्य विषय "उन्नत कृषि – विकसित भारत" है। इसका उद्देश्य यह है कि किसानों को ऐसी कृषि पद्धतियों और तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाए, जो उन्हें अधिक उत्पादन, बेहतर फसल गुणवत्ता और पर्यावरण के अनुकूल खेती के लिए सक्षम बनाए। इस विषय के तहत कृषि की विभिन्न उन्नत पद्धतियाँ और भारत में कृषि के विकास के नए रास्तों पर चर्चा की जाएगी। उन्नत कृषि का मतलब केवल नई तकनीकों का उपयोग नहीं है, बल्कि यह यह भी है कि कैसे हम पारंपरिक कृषि को अधिक उत्पादक और पर्यावरण के अनुकूल बना सकते हैं। इस विषय के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि यदि कृषि में सही तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया जाए, तो भारत को सक्षम और प्रगति की दिशा में आगे बढ़ने में कोई नहीं रोक सकता।

नई तकनीकें और बीज

किसान साथियों, पूसा कृषि मेला किसानों के लिए एक ऐसी जगह है, जहां वे नई और उन्नत किस्मों के बीज, फसल उगाने की नई तकनीकों और कृषि उपकरण के बारे में जान सकते हैं। इस साल मेले में विभिन्न कृषि कंपनियाँ भाग लेंगी, जो किसानों को नई और उच्च गुणवत्ता वाली फसलों के बीज उपलब्ध कराएंगी। यह किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि सही बीज का चुनाव उनकी फसल की गुणवत्ता और उपज को प्रभावित करता है। इस मेले में, किसान विभिन्न प्रकार की फसलों के बीजों की नई किस्मों को देख सकेंगे और उन्हें अपनी खेती में अपनाने के लिए उपयुक्त विकल्प मिलेंगे। इसके साथ ही, किसानों को उन बीजों की देखभाल और उनके लिए उचित खाद और सिंचाई पद्धतियों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी, ताकि वे अपनी फसल की सही देखभाल कर सकें।

प्रदर्शन और कार्यशालाएँ

किसान साथियों, पूसा कृषि मेला केवल बीजों और उपकरणों का प्रदर्शन ही नहीं करता, बल्कि इसमें किसानों के लिए कई कार्यशालाएँ (Workshops) और प्रदर्शनी भी आयोजित की जाती हैं। इन कार्यशालाओं में कृषि विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, और प्रगतिशील किसान मिलकर किसानों को खेती की नई तकनीकों, पानी की बचत, मिट्टी की जांच और मृदा पोषण जैसे विषयों पर जानकारी देते हैं। प्रदर्शन में विभिन्न प्रकार की फसलों और पौधों की नई किस्मों का प्रदर्शन किया जाता है। इस प्रदर्शन से किसान यह समझ पाते हैं कि कौन सी फसल उनके लिए सबसे उपयुक्त है और किस प्रकार के उन्नत बीजों से वे अधिक लाभ उठा सकते हैं। इस दौरान उन्हें ऊर्ध्वाधर (वर्टिकल) खेती, गमलों में खेती और अन्य नई कृषि तकनीकों के बारे में भी बताया जाएगा।

कृषि उपकरण

किसान भाइयों, मेले में भाग लेने वाली कंपनियाँ कृषि उपकरण और मशीनरी का प्रदर्शन भी करती हैं। यहां किसान विशेष रूप से उन उपकरणों और तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं, जिनका उपयोग उनकी खेती को अधिक सक्षम और उत्पादक बनाने के लिए किया जा सकता है। इसमें स्मार्ट कृषि उपकरणों, रोबोटिक्स और ड्रोन जैसी नई तकनीकों का भी प्रदर्शन होता है, जो भविष्य में कृषि के तरीके को पूरी तरह बदल सकते हैं। इस मेले में मिट्टी और पानी की मुफ्त जांच की भी व्यवस्था होती है, जिससे किसान जान सकते हैं कि उनके खेतों की मिट्टी में कौन से तत्व की कमी है और पानी की गुणवत्ता कैसी है। इससे वे अपनी खेती के लिए सही उपायों को अपना सकते हैं और फसल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं।

विशेषज्ञों की सलाह

दोस्तों, किसान मेले का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा होता है कृषि विशेषज्ञों और किसानों के बीच संवाद। इस दौरान किसान अपने सवालों और समस्याओं का समाधान सीधे विशेषज्ञों से प्राप्त कर सकते हैं। यह संवाद किसानों के लिए एक बड़ा लाभ है क्योंकि यहां उन्हें व्यावसायिक सलाह मिलती है, जो उन्हें अपने खेतों में समस्याओं का हल खोजने में मदद करती है। विशेषज्ञों के साथ चर्चा करने से किसान यह जान पाते हैं कि वे अपनी फसल में किस तरह के सुधार कर सकते हैं, किस प्रकार की कीटनाशक या खाद का इस्तेमाल करना चाहिए और मौसम के अनुसार फसल योजना कैसे बनानी चाहिए। यह चर्चा किसानों को अपनी खेती की सटीक दिशा दिखाने का काम करती है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।