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कौन सा राज्य किस रेट में खरीदेगा गेहूं | जाने बोनस और MSP का क्या है चक्र

कौन सा राज्य किस रेट में खरीदेगा गेहूं | जाने बोनस और MSP का क्या है चक्र
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किसान साथियों जनवरी महीने के अंतिम सप्ताह में रबी फसलों की कटाई का समय नजदीक आ रहा है। इस साल गेहूं की खेती में वृद्धि हुई है, और केंद्र सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य भी बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। कई राज्य सरकारें भी किसानों को अतिरिक्त प्रोत्साहन के लिए बोनस दे रही हैं, जिससे प्रभावी रूप से गेहूं का समर्थन मूल्य 2550 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक हो गया है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे किसानों से गेहूं की खरीद करें, क्योंकि केंद्र सरकार के गोदामों में गेहूं का स्टॉक कम है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में गेहूं की खरीद के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही, चना, कुसुम, सरसों और मसूर जैसी अन्य रबी फसलों के समर्थन मूल्य में भी वृद्धि की गई है। इन कदमों से किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलने की उम्मीद है।

एमपी में गेहूं के MSP को लेकर बनी असमंजस्य की स्थिति
केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देते हुए गेहूं का समर्थन मूल्य 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इसके अलावा, राज्यों ने भी किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की है। राजस्थान सरकार ने गेहूं पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का निर्णय लिया है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी किसानों को 150 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा की है। हालांकि, मध्य प्रदेश में अभी तक बोनस दिए जाने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। राज्य सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि किसानों को प्रति क्विंटल के आधार पर बोनस दिया जाए या फिर प्रति हेक्टेयर के आधार पर।

2025 में गेहूं एवं अन्य रबी फसलों के क्या है MSP रेट
केंद्रीय सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की है। इस फैसले से किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सकेगा। सरकार ने रेपसीड और सरसों के लिए एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि करते हुए 300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इसके अलावा, मसूर के लिए 275 रुपये, चने के लिए 210 रुपये, गेहूं के लिए 150 रुपये, कुसुम के लिए 140 रुपये और जौ के लिए 130 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। इस प्रकार, गेहूं का नया एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल, जौ का 1980 रुपये प्रति क्विंटल, चने का 5650 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर का 6700 रुपये प्रति क्विंटल, रेपसीड और सरसों का 5950 रुपये प्रति क्विंटल और कुसुम का 5940 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। यह फैसला किसानों के लिए एक बड़ी राहत है और इससे उन्हें अपनी फसलों का उचित मूल्य मिल सकेगा। नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

एमपी राज्य में गेहूं का MSP क्या रहेगा
मध्य प्रदेश सरकार ने आगामी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं की खरीद की तैयारियां शुरू कर दी हैं। किसानों से गेहूं खरीदने के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और यह 31 मार्च तक जारी रहेगी। राज्य के पड़ोसी राज्यों द्वारा गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस देने की घोषणा के बाद, मध्य प्रदेश में भी किसानों को बोनस दिए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। यह अस्पष्ट है कि यदि सरकार बोनस देने का फैसला करती है तो वह किसानों को कितना बोनस देगी और इसे किस प्रकार वितरित किया जाएगा।

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गेहूं और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का वादा किया था। इस वादे के अनुरूप, छत्तीसगढ़ सरकार ने धान की खरीद 3100 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर शुरू की है। इसी तरह, मध्य प्रदेश की सरकार भी किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए गेहूं पर प्रति क्विंटल 150 रुपये का बोनस देने की योजना बना रही है। इस बोनस के साथ, मध्य प्रदेश में गेहूं का समर्थन मूल्य 2575 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा। ये कदम किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाए गए हैं।

कितने केंद्रों पर होगी गेहूं की सरकारी खरीद
पिछले साल राज्य में लगभग 6.16 लाख किसानों ने अपनी गेहूं की फसल सरकार को समर्थन मूल्य पर बेची थी, जिसकी कुल मात्रा 48.38 लाख मीट्रिक टन थी। किसानों की सुविधा के लिए 3694 उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए थे। इस वर्ष सरकार ने गेहूं की खरीद के लिए केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 4000 कर दी है। साथ ही, किसानों को शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के लिए आधार लिंक बैंक खातों में सीधे भुगतान की व्यवस्था लागू की गई है। इस वर्ष गेहूं की फसल में वृद्धि को देखते हुए अतिरिक्त उपार्जन केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। गेहूं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सभी केंद्रों पर मैकेनाइज्ड क्लीनिंग व्यवस्था की जा रही है और सर्वेयरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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