Movie prime

Wheat Purchase Report : चालू सीजन में गेहूं की सरकारी खरीद का कैसा है रुझान | जानें पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

Wheat Purchase Report : चालू सीजन में गेहूं की सरकारी खरीद का कैसा है रुझान | जानें पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

Wheat Purchase Report : किसान साथियो और व्यापारी भाइयो, रबी विपणन सीजन 2025-26 के तहत गेहूं खरीद की प्रक्रिया इस बार पहले ही शुरू कर दी गई है, खासकर राजस्थान और मध्य प्रदेश में। केंद्र सरकार ने 900 टन गेहूं की खरीद राजस्थान से प्रारंभ कर दी है, जबकि आधिकारिक पोर्टल के अनुसार मध्य प्रदेश में अब तक कोई खरीद दर्ज नहीं हुई है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश में 15 मार्च से शुरू हुई खरीद के तहत लगभग 17,000 टन गेहूं की खरीद हो चुकी है और राजस्थान में 10 मार्च से अब तक 3,000 टन से अधिक की खरीद हो चुकी है। इस बार ध्यान विशेष रूप से मध्य प्रदेश और राजस्थान पर केंद्रित है, जहां राज्य सरकारों द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,425 प्रति क्विंटल के अतिरिक्त बोनस के चलते क्रमशः 60 लाख टन और 20 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है।

क्या है गेहूं की आवक की स्थिति
Agmarknet पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, 10 मार्च से लेकर अब तक पूरे देश की मंडियों में कुल 9.74 लाख टन गेहूं की आवक हुई है। इस आवक में सबसे ज्यादा योगदान मध्य प्रदेश का रहा है, जहां 6.62 लाख टन गेहूं मंडियों में पहुंचा है। इसके बाद राजस्थान का नंबर आता है, जहां लगभग 70,000 टन गेहूं की आवक दर्ज की गई है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि मंडियों में आने वाले इस पूरे अनाज को नई फसल नहीं माना जा सकता है। मध्य प्रदेश में, केवल वे किसान जो पहले से ही पंजीकृत हैं, सीधे खरीद केंद्रों पर अपना गेहूं ला सकते हैं। वहीं, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में, आढ़तियों की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।  नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव whatsapp पर चाहिए तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

गुणवत्ता मानदंडों में केंद्र सरकार ने दी राहत
राजस्थान सरकार के अनुरोध पर, केंद्र सरकार ने 20 मार्च को गेहूं की गुणवत्ता के मानदंडों में ढील देने की घोषणा की है। यह ढील पूरे राजस्थान में 10 मार्च से प्रभावी होगी। इसके तहत, सिकुड़े और टूटे दानों की सीमा को 6% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। क्षतिग्रस्त और थोड़ा क्षतिग्रस्त दानों की कुल सीमा 6% से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, गेहूं की चमक में कमी की सीमा 10% तक स्वीकार्य होगी। यह ढील इसलिए दी गई है ताकि बेमौसम गर्मी और बारिश के कारण प्रभावित फसल के चलते किसानों को कठिनाई न हो और उन्हें मजबूरी में गेहूं सस्ते में न बेचना पड़े।

कम गुणवत्ता वाले गेहूं का कहाँ होगा उपयोग
इस ढील के अंतर्गत खरीदे गए गेहूं का उपयोग केवल राज्य के भीतर ही किया जा सकेगा, और इसे प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा। इस गेहूं को अन्य भंडार से अलग रखना होगा और यदि इसके भंडारण के दौरान इसकी गुणवत्ता में कोई कमी आती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इस ढील से जुड़े सभी वित्तीय और परिचालन संबंधी प्रभावों की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की होगी। इस प्रकार, केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही हैं कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिले और कोई भी किसान अपनी गेहूं को सस्ते दामों पर बेचने के लिए मजबूर न हो।

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।