फार्मर ID क्या है और कैसे बनवानी है | फार्मर ID को लेकर A टू Z जानकारी देखें इस रिपोर्ट में
किसान साथियो सरकार किसानों को सही समय पर और सही तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए समय-समय पर योजनाओं में बदलाव करती रहती है या नई योजनाएं शुरू करती है। हाल ही में, देश भर में किसानों की फार्मर आईडी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। कई राज्यों में यह काम जारी है, और वर्तमान में राजस्थान में भी 5 फरवरी से फार्मर आईडी बनाने का अभियान चल रहा है। सरकार इस काम को पंचायत स्तर पर कर रही है, जिसके लिए विभिन्न स्थानों पर कैंप लगाए जा रहे हैं। सरकारी कर्मचारी किसानों की मदद के लिए काम कर रहे हैं।
कैसे बनवाये फार्मर आईडी कार्ड
राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए फार्मर आईडी कार्ड बनवाने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। जिन किसानों ने अभी तक यह कार्ड नहीं बनवाया है, वे अपने ग्राम पंचायत में आयोजित शिविरों में जाकर इसे बनवा सकते हैं। फार्मर रजिस्ट्री आईडी बनवाने के लिए किसानों को अपना आधार कार्ड, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और भूमि के खसरा-खतौनी की जानकारी देनी होगी। कई किसानों ने पहले ही फार्मर आईडी बनवा ली है, लेकिन कुछ किसानों के मन में यह सवाल है कि यदि खसरा-खतौनी में कोई सुधार करना हो तो कैसे करें। सरकार ने इस संबंध में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय या ग्राम पंचायत में संपर्क करें।
फार्मर आईडी बनवाते समय रखे ध्यान
फार्मर आईडी खसरा की जानकारी के आधार पर बनाई जाती है, इसलिए खसरे में किसी भी बदलाव या सुधार का सीधा असर फार्मर आईडी की वैधता पर पड़ता है। राजस्थान सरकार ने किसानों को फार्मर आईडी बनाने के बाद इसमें सुधार करने की सुविधा दी है। फार्मर आईडी बनने के बाद, किसान अपनी भूमि के विवरण में सुधार जैसे कि खसरा जोड़ना या हटाना, भू-अभियांत्रिकी निरीक्षक, पटवारी या तहसीलदार से संपर्क करके करवा सकते हैं। किसानों को यह कार्य जल्द से जल्द करवा लेना चाहिए, ताकि उनकी फार्मर आईडी की जानकारी हमेशा अपडेट रहे और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में कोई परेशानी न हो।
फार्मर रजिस्ट्री क्या फायदा होगा किसानो का
किसानों को फार्मर आईडी के माध्यम से कई महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे। सबसे पहले, उन्हें बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ के सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ आसानी से मिलेगा। जो किसान पीएम किसान योजना, मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना या अन्य योजनाओं के लिए पात्र हैं, वे स्वतः ही जुड़ जाएंगे। इसके अलावा, किसान अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य और अन्य योजनाओं के तहत बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ के जल्दी बेच सकेंगे। डिजिटल प्रक्रिया से बोई गई फसल की गणना करना संभव होगा, जिससे किसानों को केसीसी ऋण प्राप्त करने में कम समय लगेगा। इस प्रणाली से किसानों को मिलने वाली सेवाओं और बाजार के व्यापक विकल्प मिलेंगे। किसान अपनी भूमि की मिट्टी की जांच, फसल और कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुसार परामर्श सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे। सरकारी योजनाओं में मिलने वाला लाभ सभी पात्र किसानों को समान रूप से प्राप्त होगा, और जो किसान किसी योजना से वंचित हैं, उनकी पहचान करना संभव होगा।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।