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MP में MSP पर गेहूं बेचने के लिए इस तारीख से पहले करा लें रजिस्ट्रेशन | जानिए क्या है नियम और शर्तें

गेहू
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किसान साथियों, मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं उपार्जन हेतु किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने पंजीयन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 निर्धारित की है, जिससे अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें। अब तक 60,000 से अधिक किसान पंजीयन करवा चुके हैं, और सरकार चाहती है कि बाकी बचे किसान भी जल्द से जल्द अपनी जानकारी पंजीकृत कराएं। इस योजना के तहत पंजीकृत किसानों को सरकार द्वारा तय किए गए समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें अपने उत्पादन का अच्छे भाव प्राप्त होगा। पंजीयन के लिए किसानों को आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, खसरा-खतौनी और पहचान प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। यह प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल और नजदीकी कृषि उपज मंडी समिति या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से पूरी की जा सकती है। पंजीकरण से किसानों को सरकारी खरीद में पारदर्शिता, बाजार में मूल्य गिरने की स्थिति में सुरक्षा और भुगतान सीधे बैंक खाते में प्राप्त होने का लाभ मिलेगा। अतः जो किसान अभी तक पंजीकरण से वंचित हैं, उन्हें जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए ताकि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उठा सकें।

गेहूं का कितना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा

मध्य प्रदेश सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं खरीद को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिससे राज्य के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से 175 रुपये प्रति क्विंटल अधिक भुगतान करने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं का MSP 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन राज्य सरकार किसानों को इससे अधिक दर पर अपनी फसल बेचने का अवसर देगी। इसका मतलब यह है कि मध्य प्रदेश के किसानों को 2,600 रुपये प्रति क्विंटल तक का मूल्य मिलेगा,

दोस्तों, राज्य सरकार ने गेहूं खरीद की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, और प्रदेशभर में 1 मार्च 2025 से सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू होगी और अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 तक की निर्धारित है। इस निर्णय से राज्य के लगभग 81 लाख किसानों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि सरकार किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है

कैसे करें पंजीयन?

दोस्तों ,सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए "एमपी किसान एप" की सुविधा प्रदान की है, जिससे किसान अपने घर बैठे ही ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं और लंबी कतारों में लगने से बच सकते हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने किसानों की सहायता के लिए नि:शुल्क और सशुल्क पंजीयन केंद्र भी स्थापित किए हैं, जहां वे आवश्यक दस्तावेजों के साथ जाकर अपना पंजीयन पूरा कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य अधिक से अधिक किसानों को समर्थन मूल्य योजना का लाभ दिलाना और उनकी उपज का सही मूल्य सुनिश्चित करना है।

नि:शुल्क पंजीयन केंद्र:

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नि:शुल्क पंजीयन केंद्रों की स्थापना की है, जहां वे आसानी से अपना पंजीयन करा सकते हैं। इसके तहत ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत कार्यालयों में विशेष सुविधा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां किसान बिना किसी शुल्क के अपनी जानकारी दर्ज करवा सकते हैं। इसके अलावा, तहसील कार्यालयों में भी पंजीयन केंद्रों की व्यवस्था की गई है, ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों के किसान भी इस सुविधा का लाभ उठा सकें।

सरकार ने सहकारी समितियों और सहकारी विपणन संस्थाओं को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया है, जिससे किसानों को उनके निकटतम स्थान पर ही पंजीयन की सुविधा मिल सके। डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने और किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार ने "एमपी किसान एप" के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन सुविधा भी उपलब्ध कराई है। इससे किसान अपने मोबाइल से ही घर बैठे पंजीयन कर सकते हैं, जिससे उन्हें समय की बचत होगी और लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सरल बनाई गई है, ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना के तहत अपनी फसल बेचने के लिए समय पर पंजीकृत हो सकें।

सशुल्क पंजीयन केंद्र:

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए सशुल्क पंजीयन केंद्रों की भी व्यवस्था की है, जहां किसान मामूली शुल्क देकर अपना पंजीयन करा सकते हैं। इसके तहत एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) कियोस्क, लोक सेवा केंद्र, और निजी साइबर कैफे शामिल हैं।

जो किसान ऑनलाइन पंजीयन करने में असमर्थ हैं या जिन्हें अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता है, वे इन केंद्रों पर जाकर आसानी से पंजीयन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इन केंद्रों पर अधिकतम 50 रुपये का शुल्क लिया जाएगा, और प्रत्येक जिले के कलेक्टर को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि किसानों से इससे अधिक शुल्क न लिया जाए।

सशुल्क पंजीयन केंद्रों की यह सुविधा उन किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी, जो डिजिटल माध्यमों से परिचित नहीं हैं या जिन्हें सरकारी नि:शुल्क केंद्रों तक पहुंचने में कठिनाई होती है। इससे पंजीयन प्रक्रिया सरल, सुगम और अधिक प्रभावी होगी।

पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज और नियम

मध्य प्रदेश में गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन कराने वाले किसानों को कुछ आवश्यक दस्तावेज और नियमों का पालन करना होगा। बैंक खाता नंबर और IFSC कोड का पंजीयन के समय प्रदान किया जाना अनिवार्य होगा, ताकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का भुगतान सीधे किसान के खाते में किया जा सके। यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल सक्रिय बैंक खाते ही मान्य होंगे। इसके अलावा, संयुक्त बैंक खाते, फिनो बैंक, एयरटेल पेमेंट्स बैंक और पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खाते पंजीयन के लिए मान्य नहीं होंगे, जिससे किसानों को किसी भी भुगतान संबंधी समस्या का सामना न करना पड़े।

आधार कार्ड की अनिवार्यता भी इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। किसान का आधार नंबर पंजीयन और फसल विक्रय दोनों के लिए सत्यापित होना चाहिए, ताकि किसी प्रकार की त्रुटि या धोखाधड़ी को रोका जा सके। इसके अतिरिक्त, किसान को अपनी भूमि से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज, आधार कार्ड, और अन्य फोटो पहचान पत्रों को सत्यापित कराकर उनका रिकॉर्ड सुरक्षित रखना होगा। यह प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करने के साथ-साथ किसानों की पहचान को प्रमाणित करने में सहायक होगी।

विशेष श्रेणी के किसानों के लिए भी सरकार ने विशेष प्रावधान किए हैं। सिकमी, बटाईदार, कोटवार और वन पट्टाधारी किसानों का पंजीयन केवल सहकारी समितियों एवं सहकारी विपणन सहकारी संस्थाओं के माध्यम से ही होगा। इन किसानों के पंजीयन के बाद उनका सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा, ताकि यह पुष्टि की जा सके कि वे वास्तव में पंजीयन के पात्र हैं।

भुगतान और बैंक खाता लिंकिंग की आवश्यकता

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि फसल विक्रय की राशि प्राथमिकता के आधार पर किसान के आधार लिंक बैंक खाते में भेजी जाएगी। यदि किसी कारणवश आधार लिंक खाते में भुगतान करने में समस्या आती है, तो पंजीयन के समय दिए गए अन्य वैध बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा। किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बैंक खाते और मोबाइल नंबर उनके आधार से लिंक और अपडेटेड हों, जिससे पंजीयन प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।

किसानों की सुविधा के लिए आधार केंद्रों की व्यवस्था

राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिया है कि वे जिला और तहसील स्तर पर स्थापित आधार पंजीयन केंद्रों को सक्रिय रखें। किसान इन केंद्रों पर जाकर अपने मोबाइल नंबर और बायोमेट्रिक डिटेल्स को अपडेट करवा सकते हैं। इसके अलावा, डाकघर (Post Office) में संचालित आधार सेवा केंद्रों पर भी यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।