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4000 करोड़ में बनेगा यह रिंग रोड | MP के 38 गांवों की जमीन होगी महंगी

4000 करोड़ में बनेगा यह रिंग रोड | MP के 38 गांवों की जमीन होगी महंगी
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दोस्तों केंद्रीय मंत्री गडकरी ने हाल ही में एक नई सड़क निर्माण परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। हालांकि, जमीन का अधिग्रहण और किसानों को मुआवजा देने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इसके साथ ही, सरकार को सड़क के आसपास मूलभूत सुविधाएं भी प्रदान करनी होंगी। यह परियोजना शहर में बढ़ते यातायात के दबाव को कम करने और आसपास के क्षेत्रों को बेहतर ढंग से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि इस परियोजना को अगले कुछ महीनों में पूरा कर लिया जाए।

इंदौर में डकाच्या से पीथमपुर के बीच बनने वाली पूर्वी रिंग रोड का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने वाला है। इस परियोजना के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह 77 किलोमीटर लंबी सड़क लगभग 4000 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी। हालांकि, इस परियोजना को शुरू करने के लिए अभी भी जमीन अधिग्रहण का काम पूरा होना बाकी है। संबंधित विभागों को जल्द से जल्द इस प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि निर्माण कार्य में देरी न हो। यह रिंग रोड इंदौर शहर के यातायात को सुगम बनाने और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को इंदौर में आयोजित एक बैठक में मध्य प्रदेश में एक नए रिंग रोड के निर्माण को मंजूरी दी है। इस परियोजना के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश राज्य सरकार को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को शीघ्र शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है। यह नया रिंग रोड इंदौर शहर के यातायात को सुगम बनाने और शहर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

हाल ही में हुई एक बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा हुई। इस बैठक में सिंहस्थ और उज्जैन को जोड़ने वाली पश्चिमी-पूर्वी रिंगरोड के निर्माण को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। एनएचएआई इस पश्चिमी रिंगरोड के निर्माण की जिम्मेदारी ले रहा है। हालांकि, पूर्वी रिंगरोड के निर्माण को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया था। इस परियोजना के लिए मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) और एनएचएआई दोनों को जिम्मेदारी सौंपने पर राज्य सरकार विचार कर रही थी।

मध्य प्रदेश में बन रही पूर्वी रिंग रोड एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका निर्माण लगभग 4 हजार करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। यह सड़क 38 गांवों से होकर गुजरेगी, जिनमें कंपेल, खुड़ैल, तिल्लौर, बड़गोंदा और पीथमपुर जैसे प्रमुख गांव शामिल हैं। इस सड़क को दो हिस्सों में बनाया जा रहा है, जिनकी लंबाई क्रमशः 38 किलोमीटर और 39 किलोमीटर है। इस परियोजना के लिए आवश्यक अधिकांश भूमि सरकार के पास पहले से ही है, जिसमें वन क्षेत्र भी शामिल है।

पश्चिमी रिंगरोड परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है। इस परियोजना के लिए लगभग 64 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने की आवश्यकता है, जिसके लिए 638 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना होगा। भूमि अधिग्रहण में आ रही चुनौतियों के कारण परियोजना में देरी हो रही है। महू में एक महत्वाकांक्षी सड़क निर्माण परियोजना शुरू की गई है। इस परियोजना के तहत एबी रोड से सांवेर होते हुए शिप्रा तक एक नई सड़क बनाई जा रही है। इस सड़क मार्ग से बेटमा, हातोद, सांवेर और तराना जैसे कई क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा। इस परियोजना को पूरा करने के लिए लगभग 48 हेक्टेयर वन भूमि का उपयोग किया जाएगा, जिसमें से अधिकांश हिस्सा इंदौर वन मंडल और शेष हिस्सा धार वन मंडल के अंतर्गत आता है। यह सड़क निर्माण परियोजना क्षेत्र के विकास और परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।