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हरियाणा के किसानों के लिए सरकार ने दी यह खास रियायत | MSP पर फ़सल बेचने में मिलेगा फायदा

MSP पर फ़सल बेचने में मिलेगा फायदा
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किसान साथियों हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सरकार ने रबी फसलों की प्रति एकड़ औसत उत्पादन सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे किसानों को अपनी फसल की बिक्री में अधिक लाभ मिलेगा और किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह कदम किसानों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करता है और उनके लिए एक महत्वपूर्ण राहत साबित होगा। राज्य में कृषि हमेशा से अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार रही है, और किसानों की आय को बढ़ाने तथा उन्हें सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ दिलाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में, मुख्यमंत्री सैनी ने किसानों से सीधे संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को समझा और उनकी जरूरतों के अनुसार यह नई नीति लागू की है। सरकार का यह निर्णय विशेष रूप से उन किसानों के लिए राहत लेकर आया है जो अपनी फसल की अधिक पैदावार के बावजूद औसत उत्पादन सीमा के कारण उचित मूल्य प्राप्त नहीं कर पाते थे। अब इस बदलाव से किसानों को उनकी उपज का पूरा लाभ मिलेगा।

किसानों को कैसे मिलेगा लाभ

किसान साथियों, फसल उत्पादन की औसत सीमा बढ़ने से किसानों अपनी फसल को सरकारी खरीद प्रणाली के तहत बिना किसी समस्या के बेच सकेंगे। पहले किसानों को अपनी फसल की अधिक पैदावार होने पर औसत उत्पादन सीमा की बाध्यता के कारण बिक्री में कठिनाई होती थी। अब, सरकार ने इस सीमा में वृद्धि कर किसानों को उनकी मेहनत का पूरा हक दिलाने का प्रयास किया है।

इस निर्णय के तहत विभिन्न रबी फसलों की औसत उत्पादन सीमा में वृद्धि की गई है। अब जौ की उत्पादन सीमा 15 क्विंटल से बढ़ाकर 16 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है, जबकि चना की उत्पादन सीमा 5 क्विंटल से बढ़ाकर 6 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है। इसी तरह, सूरजमुखी की उत्पादन सीमा 8 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है। गर्मी के मौसम में बोई जाने वाली मूंग की औसत उत्पादन सीमा भी 3 क्विंटल से बढ़ाकर 4 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है। मसूर की फसल के लिए पहली बार औसत उत्पादन सीमा 4 क्विंटल प्रति एकड़ तय की गई है, जिससे मसूर की खेती करने वाले किसानों को भी लाभ मिलेगा।

किसानों की वर्षों पुरानी मांग अब हुई पूरी

हरियाणा के किसान लंबे समय से इस प्रकार की राहत की मांग कर रहे थे। अक्सर ऐसा देखा गया था कि जब किसानों की फसल की पैदावार औसत उत्पादन सीमा से अधिक होती थी, तो वे अपनी पूरी फसल को सरकारी मंडियों में नहीं बेच पाते थे। इससे उन्हें मजबूरन अपनी फसल को कम कीमत पर निजी व्यापारियों को बेचना पड़ता था, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों की इस परेशानी को समझा और उनकी मांगों को गंभीरता से लेते हुए यह निर्णय लिया। 9 जनवरी को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित एक बैठक में मुख्यमंत्री ने किसानों से मुलाकात की थी और उनकी समस्याओं को विस्तार से सुना था। इस दौरान किसानों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को मुख्यमंत्री के सामने रखा, जिनमें औसत उत्पादन सीमा बढ़ाने की मांग प्रमुख थी। किसानों का कहना था कि वे आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर अपनी फसल की पैदावार को बढ़ा रहे हैं, लेकिन सरकारी नीतियों के कारण उन्हें इसका उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया और तत्काल प्रभाव से उत्पादन सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया।

आने वाले बजट में किसानों के लिए क्या

कृषि क्षेत्र को मजबूती देने और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए हरियाणा सरकार आगे भी नए कदम उठाने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री सैनी ने यह स्पष्ट किया है कि आगामी बजट में किसानों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की जाएगी। इसमें उत्पादन सीमा से जुड़े सुधार होंगे, राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, नई तकनीकों को अपनाने और सिंचाई सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर रही है। किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों की सुविधा देने, उन्नत बीज उपलब्ध कराने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी योजनाएं बनाई जा रही हैं। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों की आय दोगुनी हो

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।