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इस सीजन जीरे की फसल की बुआई मे हो सकती है बढ़ोतरी

इस सीजन जीरे की फसल की बुआई मे हो सकती है बढ़ोतरी
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चालू अक्तूबर महीने के अंत तक यदि सब कुछ सामान्य रहा तो गुजरात और राजस्थान जैसे प्रमुख उतदक राज्यों में जीरे की नई फसल की बुआई शुरू हो जाने का अनुमान है। यह अनुमान व्यापारिक सूत्रों ने व्यक्त किया है। उन्होंने आगे बताया कि कीमत आकर्षक बनी होने के कारण नए सीजन में जीरे की बुआई तुलनात्मक रूप से ऊंची होने की आशा है । यहां स्थित थोक किराना बाजार में स्टॉकिस्टों की चौतरफा लिवाली से जीरा सामान्य एक हजार रु उछलकर 63,000/63,500 रु प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गया। एक दिन पूर्व इसमें 700 रु की मंदी आई थी। व्यापारिक सूत्रों ने बताया कि फिलहाल बाजार में मांग बढ़ने का इंतजार हो रहा है । यदि मांग का पर्याप्त समर्थन मिला तो जीरा और तेज हो सकता है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

ऊंझा मंडी स्थित व्यापारी जतिन पटेल ने बताया कि नई फसल की बिजाई शुरू होने से पूर्व किसान अपनी जीरा फसल की बिकवाली अब धीरे- धीरे बढाने लगे हैं। यही वजह है कि ऊंझा में मंड़ी में आज जीरे की आवक बढ़कर करीब साढ़े तीन-चार हजार बोरियों की होने की जानकारी मिली। इससे पूर्व इस प्रमुख किराना जिंस की करीब तीन- साढे तीन हजार बोरियों की आवक हो रही थी ऊंझा मंडी स्थित एक अन्य व्यापारी दीक्षित पटेल ने बताया कि आवक में थोड़ा-थोड़ा सुधार हो रहा है। इसकी प्रमुख वजह शायद यह है कि किसान नई फसल की बुआई के लिए धनराशि जुटाने के लिए अपनी जीरा फसल की बिक्री कर रहे हैं ।

श्री जतिन पटेल ने बताया कि अभी तक प्राप्त हो रही सूचनाओं पर यदि विश्वास किया जाए तो गुजरात में जल्दी ही मौसम में बदलाव होने के आसार हैं। उन्होंने आगे बताया कि नए सप्ताह से लेकर आने वाले करीब दो सप्ताहों तक गुजरात में वर्षा होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि अभी न तो यह निश्चित है कि यह वर्षा होगी ही और न ही यह स्पष्ट है कि इन दो सप्ताहों के दौरान वर्षा का स्तर कैसा रहेगा। दूसरे शब्दों में, इस दौरान हल्की-फुल्की वर्षा होगी या सामान्य होगी या भारी वर्षा होगी।

उन्होंने कहा कि यदि यह मान लिया जाए कि इस अनुमान के अनुरूप गुजरात में वर्षा होती है तो यह जीरे समेत रबी फसलों की संभावित बिजाई के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस संभावित वर्षा का केवल एक ही नकारात्मक पहलू फिलहाल दिख रहा है और वह यह है कि जीरे की बुआई में कुछ देरी हो सकती है। उन्होंने आगे बताया कि चालू सीजन के आरंभ से लेकर अभी तक जीरे की थोक कीमत किसानों की दृष्टि से आकर्षक बनी हुई है । इसके अलावा यदि मौसम भी बुआई की दृष्टि से अनुकूल होता है तो निश्चय ही जीरे की नई फसल की बुआई में वृद्धि होगी। उन्होंने एक मोटा अनुमान व्यक्त करते हुए कहा कि नए सीजन में गुजरात में जीरे की बुआई चालू सीजन की अपेक्षा 25-50 प्रतिशत बढ़ सकती है। बहरहाल, आने वाले दिनों में जीरे का थोक व्यापार जीरे की नई फसल की बुआई, संभावित मौसमी परिस्थितियों और निर्यातकों की सक्रियता पर निर्भर रहेगा। यदि निर्यातकों की सक्रियता बढ़ती है तो जीरे की थोक कीमत में तेजी आ सकती है और यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर इसमें मंदी की धारणा बढ़ जाएगी।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।