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हरियाणा में बाजरा खरीदने से कर रही सरकारी एजेंसी आनाकानी | जाने इस रिपोर्ट में

हरियाणा में बाजरा खरीदने से कर रही सरकारी एजेंसी आनाकानी | जाने इस रिपोर्ट में
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चालू सप्ताह में सोमवार से ही हरियाणा में आधिकारिक तौर पर बाजरे की सरकारी खरीद शुरू हो गई है । खरीद शुरू होकर 4 दिन हो चुके हैं। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है । व्यापारिक सूत्रों ने बताया कि सरकारी खरीद की उम्मीद में किसानों द्वारा भारी मात्रा में माल लाए जाने के कारण दक्षिणी हरियाणा की सभी प्रमुख मंडियां बाजरे से अटी पड़ी हैं लेकिन खरीद करने वाली एजेंसी, हैफेड, सरकार द्वारा निर्धारित कीमत पर बाजरा खरीदने में आनाकानी कर रही है । क्वालिटी को लेकर काफी नानुकुर की  जा रही है । क्षेत्र की भिवानी मंडी स्थित व्यापारी बाबूलाल सिंघल ने कहा कि राज्य सरकार के आदेशों के अनुसार हैफेड को चालू सप्ताह के आरंभिक कारोबारी दिन से सरकार द्वारा निर्धारित 2500 रुपए प्रति क्विंटल पर बाजरे की सरकारी खरीद शुरू करनी थी। एजेंसी ने इसके लिए सभी तैयारियां भी कर ली गई थीं और उसने किसानों को खरीद की जानकारी भी दे दी थी। एजेंसी की ओर से सूचना मिलने के कारण क्षेत्र के किसान लगातार भारी मात्रा में अपनी बाजरा फसल मंड़ियों में ला रहे हैं। उन्होंने अनुमान व्यक्त करते हुए कहा कि भिवानी मंड़ी में बाजरे की इतनी मात्रा जमा हो गई है कि पैर रखने को जगह नहीं बची है । एक अनुमान के मुताबिक खरीद की उम्मीद में किसानों का करीब 40 हजार क्विंटल बाजरा मंड़ी में पड़ा हुआ है। यह स्थिति केवल अकेली भिवानी मंडी की ही नहीं है बल्कि क्षेत्र की अन्य मंड़ियों के हालात भी इसी प्रकार के बने हुए हैं । WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

चरखी दादरी मंडी स्थित व्यापारी भारत भूषण गुप्ता ने बताया कि खरीद की उम्मीद में हमारी मंड़ी में किसानों का करीब 70-75 हजार कट्टों का स्टॉक जमा हो गया है। मंडी में स्थिति ऐसी हो गई है कि जहां देखो, वहीं बाजरा ही बाजरा ही नजर आ रहा है । इतनी भारी मात्रा में बाजरा आने के बाद भी सरकारी एजेंसी खरीद से बचने के लिए कई बहाने कर रही है । हांसी मंडी स्थित व्यापारी वेदप्रकाश ने भी बताया कि हमारी मंड़ी में भी जहां तक नजर जाए बाजरे ही बाजरे के ढेर नजर आ रहे हैं। एक मोटे अनुमान के अनुसार मंड़ी में फिलहाल बाजरे का करीब 25-30 हजार क्विंटल का स्टॉक पड़ा हुआ है। व्यापारियों ने बताया कि इतनी भारी मात्रा में बाजरा मंड़ियों में आने के बाद भी सरकारी एजेंसी, हैफेड, वास्तव में खरीद शुरू करने में आनाकानी कर रही है । बाबूलाल सिंघल ने बताया कि हमारे यहां स्थित खरीद केन्द्र के अधिकारी खरीद से बचने के लिए कह रहे हैं कि हम तो केवल निर्यात क्वालिटी के बाजरे की ही सरकार द्वारा निर्धारित कीमत पर खरीद करेंगे।

श्री भारत भूषण गुप्ता ने कहा कि हमारे यहां हैफेड के अधिकारी और कर्मचारी बहाना कर रहे हैं कि वह बाजरे की फसल को साफ करने के लिए इलैक्ट्रोनिक झरने की व्यवस्था कर रहे हैं। इससे पूर्व वह इसकी खरीद नहीं करेंगे। श्री वेदप्रकाश ने बताया कि हमारे यहां भी एजेंसी के अधिकारी और कर्मचारी खरीद से बचने के लिए आनाकानी और बहानेबाजी कर रहे हैं ।

व्यापारियों ने हैफेड के इस व्यवहार पर हैरानी और आक्रोश जताते हुए कहा कि जब एजेंसी ने सरकार द्वारा निर्धारित कीमत पर बाजरे की खरीद करनी ही नहीं थी तो उसने राज्य सरकार की ओर से इसकी जिम्मेदारी क्यों ली राज्य की खट्टर सरकार को भी चाहिए कि वह एजेंसी द्वारा की जा रही इस प्रकार की बहानेबाजी कर किसानों तथा व्यापारियों को हो रही परेशानी का नोटिस ले और सरकार एजेंसी द्वारा तुरंत प्रभावी तौर पर खरीद शुरू करवाने का प्रयास करे ।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।