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प्याज के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी | इस फैसले के बाद बढ़ सकते हैं प्याज के रेट

प्याज के रेट
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किसान साथियों भारत सरकार ने 1 अप्रैल से प्रभावी होने वाले एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत प्याज पर लगाए गए 20% निर्यात शुल्क को हटाने की घोषणा कर दी है। यह फैसला देश में प्याज के बंपर उत्पादन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सके। इस शुल्क की वजह से भारतीय किसान और व्यापारी अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे थे, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा था। निर्यात शुल्क के कारण भारत से प्याज खरीदने वाले देशों की संख्या में गिरावट देखी गई थी। कई देशों ने पाकिस्तान, मिस्र और ईरान जैसे विकल्पों की ओर रुख किया था, जहां प्याज की कीमतें अपेक्षाकृत कम थीं। अब जब भारत सरकार ने निर्यात शुल्क हटा लिया है, तो भारतीय प्याज की मांग फिर से बढ़ सकती है। किसानों को इसका सीधा फायदा होगा, क्योंकि वे अपनी उपज को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी दरों पर बेच सकेंगे। हालांकि, इसका घरेलू बाजार पर भी प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि निर्यात बढ़ने से देश में प्याज की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है।

पाकिस्तान के प्याज निर्यात पर असर

साथियों भारत द्वारा प्याज निर्यात शुल्क हटाने के निर्णय से पाकिस्तान के प्याज व्यापार पर बड़ा असर पड़ने की आशंका है। वर्तमान में पाकिस्तान 280 डॉलर प्रति टन की दर से प्याज निर्यात कर रहा है, जबकि भारत का प्याज 350 डॉलर प्रति टन पर बिक रहा था। उच्च निर्यात शुल्क के चलते भारत का प्याज महंगा था और वैश्विक खरीदार पाकिस्तान जैसे देशों की ओर रुख कर रहे थे। लेकिन अब, भारत के निर्यात शुल्क हटाने से स्थिति पूरी तरह बदल सकती है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक और निर्यातक देशों में से एक है। जब भारत अपनी प्याज की कीमतें प्रतिस्पर्धी बनाता है, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तान की प्याज की मांग घटने लगती है। ऐसा पहले भी कई बार देखा गया है जब भारत ने अपनी प्याज नीति बदली, तो पाकिस्तान के व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अगर पाकिस्तान को अपनी प्याज बेचनी है, तो उसे या तो अपनी कीमतें और कम करनी होंगी या फिर नए बाजार तलाशने होंगे। लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि भारतीय प्याज गुणवत्ता और आपूर्ति क्षमता में पाकिस्तान से कहीं आगे है। ऐसे में पाकिस्तान को अपने प्याज निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीतियां बनानी होंगी।

क्या बढ़ सकती है प्याज की कीमतों ?

भारत में प्याज की कीमतें हमेशा से ही सरकार और आम जनता के लिए एक संवेदनशील मुद्दा रही हैं। जब भी प्याज की कीमतों में तेजी आती है, तो इसका सीधा असर आम लोगों के बजट पर पड़ता है। अभी प्याज की कीमतें बाजार में स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन निर्यात शुल्क हटने के बाद घरेलू आपूर्ति कम हो सकती है, जिससे कीमतें बढ़ने की संभावना है। व्यापारी और किसान अब अधिक से अधिक प्याज को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भेजने की कोशिश करेंगे, जिससे देश में प्याज की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप, खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़ सकती हैं और आम उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। सरकार को इस स्थिति को संतुलित करने के लिए निर्यात और घरेलू आपूर्ति के बीच एक संतुलन बनाना होगा।

सरकार की प्याज नीति को लेकर रणनीति

भारत में प्याज नीति को समय-समय पर बदला जाता रहा है। 2023 में जब देश में प्याज की कमी देखी गई, तब सरकार ने निर्यात पर 40% शुल्क लगा दिया था। इसका मकसद घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बनाए रखना था। इसके बाद सितंबर 2024 में निर्यात शुल्क को घटाकर 20% कर दिया गया था। अब, जब उत्पादन बढ़ गया है और घरेलू बाजार में कीमतें गिर रही हैं, सरकार ने पूरी तरह से निर्यात शुल्क हटाने का निर्णय लिया है। यह नीति बदलाव किसानों के लिए राहत लेकर आया है, लेकिन इससे घरेलू बाजार में महंगाई का खतरा भी बढ़ सकता है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि निर्यात बढ़ने से देश में प्याज की कीमतें नियंत्रण से बाहर न हो जाएं। इसके लिए आवश्यक हो सकता है कि सरकार घरेलू बाजार के लिए एक निश्चित मात्रा में प्याज का स्टॉक बनाए या आवश्यक होने पर प्याज आयात के विकल्प खुले रखे।

भारत की प्याज उत्पादन क्षमता और इसकी गुणवत्ता इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी बनाती है। निर्यात शुल्क हटने के बाद भारतीय प्याज की मांग तेजी से बढ़ सकती है, जिससे भारत के प्याज निर्यातकों को नए अवसर मिल सकते हैं। कई देश, जो पहले पाकिस्तान और अन्य देशों से प्याज खरीद रहे थे, अब भारत से प्याज खरीदने में अधिक रुचि दिखा सकते हैं। इस नीति परिवर्तन से भारतीय किसानों और व्यापारियों को वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर मिलेगा। क्योंकि निर्यात बढ़ने से विदेशी मुद्रा की आमदनी में वृद्धि होगी।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।